GST Council Meeting:  दो करोड़ से ऊपर टैक्स होने पर ही बिजनसमैन पर चलेगा क्रिमिनल केस

जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में बिजनसमैन को बड़ी राहत दी गई। अब दो करोड़ से ऊपर की टैक्स राशि होने पर ही बिजनसमैन के खिलाफ कोई क्रिमिनल केस चलाया जा सकेगा। अभी यह सीमा एक करोड़ रुपये की थी। 

GST Council Meeting:  दो करोड़ से ऊपर टैक्स होने पर ही बिजनसमैन पर चलेगा क्रिमिनल केस
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में बिजनसमैन को बड़ी राहत दी गई। अब दो करोड़ से ऊपर की टैक्स राशि होने पर ही बिजनसमैन के खिलाफ कोई क्रिमिनल केस चलाया जा सकेगा। अभी यह सीमा एक करोड़ रुपये की थी। 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को वर्चुअल तरीके से हुई 48वीं जीएसटी काउंसिंल की बैठक में यह फैसला लिया गया गया। बैठक में किसी भी वस्तु पर जीएसटी बढ़ाने का फैसला नहीं किया गया। बिना मैन्यूफैक्चरिंग किए या सेवा दिए बगैर फर्जी बिल से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के मामले को क्रिमिनल केस से कोई छूट नहीं दी गई है।
फाइन की राशि में भी मिली राहत
बिजनसमैन को फाइन की राशि में भी राहत दी गई है। अभी फाइन टैक्स राशि के 50 परसेंट से लेकर 150 परसेंट तक लगाया जाता है। अब यह फाइन टैक्स राशि के 25 परसेंट से 100 परसेंट तक होगा। काउंसिल के फैसले के मुताबिक, जीएसटी नेटवर्क पर गैर रजिस्टर्ड बिजनसमैन भी अब ई-कामर्स पोर्टल पर सप्लाई दे सकेंगे। वे अपने स्टेट में ही ई-कामर्स कंपनियों को सप्लाई दे पायेंगे। ई-कामर्स कंपनी को वस्तुओं की सप्लाई करने के लिए अभी जीएसटी नेटवर्क पर रजिस्टर्ड होना जरूरी है। छोटे बिजनसमैन की ओर से इस प्रविधान को बदलने की मांग की जा रही थी।
किसी भी वस्तु पर नहीं बढ़ा जीएसटी
दाल के छिलके और अन्य पशुचारा पर लगने वाले पांच प्रतिशत जीएसटी को समाप्त कर दिया गया। इंश्योरेंस से जुड़े नो क्लेम बोनस को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया। बायो फ्यूल को प्रोत्साहित करने के लिए पेट्रोल में मिलाये जाने वाले इथाइल अल्कोहल पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत करने का भी फैसला किया गया।
आठ आइटम पर ही किया गया विचार
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के एजेंडा पर 15 आइटम थे, लेकिन सिर्फ आठ आइटम पर विचार किया जा सका। बाकी सात आइटम पर काउंसिल की आगामी बैठक में विचार होगा। बैठक में जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हो सकी। वैसे ही, आनलाइन गेमिंग, हार्स रेसिंग व कैसिनो की जीएसटी दरों को लेकर काउंसिल की बैठक में कोई चर्चा नहीं की गई।
 
चार शर्तों को पूरा करने पर ही गाड़ी मानी जायेगी एसयूवी
काउंसिल की बैठक में स्पो‌र्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) की परिभाषा को स्पष्ट किया गया, ताकि उन पर 22 प्रतिशत का सेस लगाने में कोई दिक्कत न हो। चार खूबियों वाली गाड़ी को ही एसयूवी मानने का फैसला किया गया। पहली खूबी यह होगी, वह गाड़ी एसयूवी के रूप में प्रचलित हो। दूसरी खूबी होगी कि गाड़ी की लंबाई 4000 मीटर से अधिक हो। तीसरी खूबी कम से कम 1500 सीसी क्षमता की तो चौथी खूबी 170 एमएम का ग्राउंड क्लीयरेंस हो। अभी कई राज्यों में परिभाषा स्पष्ट नहीं होने से आटो कंपनियों को दिक्कतें हो रही थीं। इन चार शर्तों के नहीं होने पर 22 प्रतिशत सेस नहीं लगेगा। अभी एसयूवी पर 28 प्रतिशत जीएसटी और 22 प्रतिशत सेस लगता है। काउंसिल की बैठक में एसयूवी की तरह मल्टी यूटिलिटी व्हीकल्स (एमयूवी) की परिभाषा भी तय करने का फैसला किया गया।
 
कुछ चीजों से हटी GST
 जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी कानून का गैर-अपराधीकरण करने पर सहमति बनी है। इसके साथ दाल की भूसी पर जीएसटी पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है। हालांकि इस बैठक में पान मसला और गुटखा उत्पादों पर टैक्स को लेकर कोई भी फैसला नहीं हो पाया है। बैठक के बाद राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा की ओर से कहा गया कि जीएसटी परिषद ने कुछ अपराधों के गैर-अपराधीकरण पर सहमति जताई है। इसके साथ अभियोजन शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे Ease of Doing Business में सहायता मिल सकती है।
जिन चीजों पर नहीं हो पाया फैसला
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बताया गया कि समय कम होने के कारण जीएसटी परिषद में 15 में से केवल आठ मुद्दों पर ही फैसला हो पाया है। पान मसाला और गुटका कंपनियों की ओर से टैक्स की चोरी पर भी कोई फैसला नहीं हो सका है।वहीं, राजस्व सचिव ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर जीएसटी को लेकर भी कोई फैसला नहीं हो पाया।