धनबाद गोल बिल्डिंग से कांको मोड़ तक आठ लेन रोड ही बनेगी, सीएम ने दी मंजूरी

सीएम हेमंत सोरेन ने धनबाद में गोल बिल्डिंग से कांको मोड़ तक बन रही झारखंड की पहली आठ लेन रोड के निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी है। कार्य पर लगी रोक हटा ली गयी है।पुराने डीपीआर के अनुसार ही काम होगा।

धनबाद गोल बिल्डिंग से कांको मोड़ तक आठ लेन रोड ही बनेगी, सीएम ने दी मंजूरी
  • पुराने डीपीआर पर ही होगा सड़क निर्माण का काम
  • 410 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है 20 किमी आठ लेन रोड
  • नगर विकास विभाग ने रोड निमार्ण कार्य पर लगी रोक हटायी

रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने धनबाद में गोल बिल्डिंग से कांको मोड़ तक बन रही झारखंड की पहली आठ लेन रोड के निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी है। कार्य पर लगी रोक हटा ली गयी है।पुराने डीपीआर के अनुसार ही काम होगा। सीएम के निर्देश पर नगर विकास विभाग ने पथ निर्माण विभाग को लेटर लिखकर काम आगे बढ़ाने का आग्रह करते हुए जल्द ही रोड निर्माण के अधूरे कार्य को पूरा करने को कहा है।

गवर्नमेंट ने जून में लगायी थी रोक
वर्ल्ड बैंक की सहायता से गोल बिल्डिंग से कांको मोड़ तक 20 किलोमीटर लंबी आठ लेन रोड का काम 20 परसेंटपूरा हो चुका है। इस रोड के निर्माण पर 410 करोड़ रुपये खर्च होंगे।नगर विकास सचिव ने पिछले जून माह में स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड (साज) द्वारा किये जा रहे रोड निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। कहा गया था कि धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन एरिया के जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन ने रोड की उपयोगिता पर सवाल खड़े किये हैं। बढ़ती आबादी व गाड़ियों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न ट्रैफिक जाम से निजात पाने के लिए फ्लाइओवर और रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण को प्राथमिकता देने की बात कही गयी थी। उल्लेखनीय है किइस रोड के निर्माण मे आनेवाले खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा वर्ल्ड बैंक सस्ते दर पर लोन के रूप में उपलब्ध करा रहा है। राज्यांश के तौर पर स्टेट गवर्नमेंट 30 परसेंट राशि खर्च करेगी।
रोड में साइकिल ट्रैक भी बनेगा

आठ लेनवाली इस रोड में चार लेन के मेन रोड के साथ-साथ दोनों साइड पर सर्विस लेन, साइकिल ट्रैक और रोड के बीच में पौधरोपण करने का प्रावधान है। कवर ड्रेन के ऊपर फुटपाथ व यूटिलिटी डक्ट बनाने की प्लानिंग भी है।नगर विकास विभाग ने आठ लेन रोड की उपयोगिता तथा फंड की कमी बताते हुए इस रोडक का निर्माण कार्य बंद करवा दिया था। डीसी से इसकी उपयोगिता पर रिपोर्ट मांगी थी। डीसी ने म्यूनिशिपल कमीश्नर की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच करायी थी। कमेटी की रिपोर्ट के आलोक में यहां आठ लेन की जगह फोर लेन रोड बनाने की अनुशंसा की गयी थी। वर्ल्ड बैंक ने इस प्रोजेक्ट से छेड़-छाड़ करने पर फाइन लगाने की बात कही थी। इस रोड के डीपीआर से छेड़छाड़ पर साज ने आपत्ति जतायी थी।

आठ लेन की चार लेन रोड बनने  पर 140 करोड़ देना पड़ता फाइन

वषर् 2019 की फरवरी में आठ लेन रोड का काम शुरू हुआ था। 410 करोड़ रुपये के रोड का यह काम दो कंपनियों शिवालया कंस्ट्रक्शन, हरियाणा तथा त्रिवेणी कंस्ट्रक्शनको मिला है। दोनों कंपनियों द्वारा अब तक लगभग 20 परसेंट काम पूर्ण कर लिया गया था। स्टेट गवर्नमेंट ने 18 जून को काम को बंद करने का आदेश दिया था।. इसके बाद पक्ष-विपक्ष की राजनीति शुरू हो गयी थी। स्टेट गवर्नमेंट अगर इस रोड का काम को बंद कराती या प्रोजेक्ट में किसी तरह का बदलाव करती, तो शर्तों के अनुरूप दोनों कंस्ट्रक्शन कंपनियों को 140 करोड़ रुपये का फाइन देना पड़ता। जबकि जिला प्रशासन के कटौती प्रस्ताव को मानने से 43 करोड़ रुपये की बचत होती। कुल मिला कर काम में बदलाव होने से झारखंड गवर्नमेंट पर 97 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ता।