पांचवीं पास धर्मपाल गुलाटी 1500 रुपये लेकर भारत आये, तांगा चलाया, आज है करोड़ों की संपत्ति

धर्मपाल गुलाटी 1500 रुपये से बिजनस शुरु किया था अभी कुल प्रोपर्टी 5400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। धर्मपाल गुलाटी सिर्फ पांचवीं पास थे।

पांचवीं पास धर्मपाल गुलाटी 1500 रुपये लेकर भारत आये, तांगा चलाया, आज है करोड़ों की संपत्ति

नई दिल्ली। धर्मपाल गुलाटी 1500 रुपये से बिजनस शुरु किया था अभी कुल प्रोपर्टी 5400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।  धर्मपाल गुलाटी सिर्फ पांचवीं पास थे। उनका मन पढाई-लिखाई में बचपन से ही नहीं लगता था, जबकि उनके पिता चुन्नीलाल चाहते थे कि वह खूब पढ़ें। लेकिन पिता की चाहत पूरी नहीं हुई। पांचवीं के बाद उन्होंने वर्ष 1933 में स्कूल छोड़ दी थी। 

स्कूल छोड़ने बाद धर्मपाल अपने पिता के साथ दुकान पर बैठने लगे थे। धर्मपाल गुलाटी के पिता चुन्नी लाल ने उन्हें एक बढ़ई की दुकान पर काम सीखने के लिए लगा दिया, लेकिन धर्मपाल का मन नहीं लगा।  उन्होंने वह काम भी नही सीखा। इस पर पिता ने धर्मपाल के लिए एक मसाले की दुकान खुलवा दी।वर्ष 1947 में गुलाटी देश विभाजन के बाद वह भारत आ गये। भारत आने के वक्त उनके पास केवल 1500 रुपये थे। उन्होंने परिवार के पेट पालने के लिए तांगा भी चलाया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली।

1959 में दिल्ली में पहली फैक्ट्री

गुलाटी ने पहली फैक्ट्री 1959 में दिल्ली के कीर्तिनगर में लगाई थी। लंदन में भी धर्मपाल का ऑफिस है। आज 100 से ज्यादा देशों में एमडीएच मसालों की सप्लाइ होती है।यूरोमॉनिटर के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ थे। गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 परसेंटहिस्सा दान कर देते थे। वे 20 स्कूल और एक हॉस्पिटल भी चल रहे थे।वर्ष 1947 में गुलाटी देश विभाजन के बाद वह भारत आ गये। भारत आने के वक्त उनके पास केवल 1500 रुपये थे। उन्होंने परिवार के पेट पालने के लिए तांगा भी चलाया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली।

आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच 2020 की लिस्ट में शामिल

इससे पहले वर्ष 1937 में उन्होंने अपने पिता की मदद से व्यापार शुरू किया था। उसके बाद साबुन, कपड़ा, हार्डवेयर, चावल आदि का कारोबार किया। वह आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच 2020 की लिस्ट में शामिल इंडिया के सबसे बुजुर्ग अमीर शख्स थे। कभी कुल जमा पूंजी 1500 रुपये वाले हट्टी की दौलत आज 5400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।  

1959 में दिल्ली में पहली फैक्ट्री

गुलाटी ने पहली फैक्ट्री 1959 में दिल्ली के कीर्तिनगर में लगाई थी। लंदन में भी धर्मपाल का ऑफिस है। आज 100 से ज्यादा देशों में एमडीएच मसालों की सप्लाइ होती है।यूरोमॉनिटर के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ थे। गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 परसेंट हिस्सा दान कर देते थे। वे 20 स्कूल और एक हॉस्पिटल भी चल रहे थे।गुलाटी ने दिल्ली में ही अजमल खान रोड, करोल बाग में एक दुकान खरीदकर अपने परिवार के मसाले का बिजनेस शुरू किया। महाशियन दि हट्टी के नाम से मसाले के कारोबार में में एक नयी दिशा दी।
एक तांगे वाला जिसने 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये पूंजी बनाये
मसालों की वर्ल्ड के किंग कहे जाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी अपने मसालों का विज्ञापन भी खुद ही करते थे। पाकिस्तान के सियालकोट से बंटवारे के बाद भारत आने वाले गुलाटी को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान से भारत आने के बाद गुलाटी ने 650 रुपये में तांगा खरीदा था। उन्हें तांगा चलाने भी नहीं आता था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें तांगा चलाने भी नहीं आता था। वह धीरे-धीरे चलाना शुरू किए। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड और करोल बाग से बारा हिंदू राव के लिए तांगा चलाया।डिया आने के बाद गुलाटी का मसाला कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता चला गया। आज देश और दुबई में उनकी मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। 

98 साल के गुलाटी  पर डे सुबह चार बजे उठकर पंजाबी बीट्स पर डंबल से कसरत करते थे, फिर फल खाते थे। इसके बाद नेहरू पार्क में सैर करने जाते थे।  दिन पराठों के साथ गुजरता था। शाम में भी सैर पर निकलते थे और फिर रात में मलाई और रबड़ी खाते थे। मात्र 1500 रुपये से बिजनस शुरु करने  वाले गुलाली  2000 करोड़ रुपये तक की पूंजी खड़ी कर ली। 98 साल की उम्र  में विज्ञापन में आने वाले धरमपाल वर्ल्ड के सबसे अधिक उम्र के स्टार के रूप में जाने जाते थे। अवॉर्ड मिलने के बाद से सैकड़ों लोगों के गुलदस्ते और कॉल्स आने लगे थे। अवॉर्ड के बारे में कहते थे कि यह आप लोगों का प्यार है। मेरा कुछ नहीं।

लाइमलाइट में रहना पसंद

महाशय को लाइमलाइट में रहना पसंद था। पश्चिमी दिल्ली के कीर्ति इंडस्ट्रियल एरिया में में उनके एमडीएच हाउस की दीवार का एक-एक इंच उनके मुस्कान भरे चेहरे से पटा पड़ा है। टीवी विज्ञापनों में उनका आना अचानक ही हुआ जब विज्ञापन में दुल्हन के पिता की भूमिका निभाने वाले एक्टर मौके पर नहीं पहुंचे। गुलाटी नेकहा था कि'जब डायरेक्टर ने कहा कि मैं ही पिता की भूमिका निभा मी भर दी।' उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से गुलाटी एमडीएच के टीवी विज्ञापनों में हमेशा दिखते रहे। 

आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच 2020 की लिस्ट में शामिल

इससे पहले वर्ष 1937 में उन्होंने अपने पिता की मदद से व्यापार शुरू किया था। उसके बाद साबुन, कपड़ा, हार्डवेयर, चावल आदि का कारोबार किया। वह आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच 2020 की लिस्ट में शामिल इंडिया के सबसे बुजुर्ग अमीर शख्स थे। कभी कुल जमा पूंजी 1500 रुपये वाले हट्टी की दौलत आज 5400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।  इंडिया आने के बाद गुलाटी का मसाला कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता चला गया। आज देश और दुबई में उनकी मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं।