धनबाद: फैमिली मेंबर घर में क्वारंटाइन,पीएमसीएच कोविड केयर सेंटर में एडमिट संक्रमित लापता, दो माह बाद प्रशासन की खुली नींद

कोरोना संक्रमण के दौरान धनबाद के केविड हॉस्पीटल सेंट्रल हॉस्पीटल व पीएमसीएच की लापरवाही पर डे किसी ने किसी मामले में सामने आ रही है। चंदनकिरायी निवासी कोविड संक्रमित बीसीसीएल स्टाफ श्यामापद बाउरी पीएमसीएच कोविड केयर सेंटर से दो माह से लापता है।

धनबाद: फैमिली मेंबर घर में क्वारंटाइन,पीएमसीएच कोविड केयर सेंटर में एडमिट संक्रमित  लापता, दो माह बाद प्रशासन की खुली नींद
  • धनबाद जिला प्रशासन और पीएमसीएच हॉस्पीटल मैनेजमेंट के पास लपाता पेसेंट के बारे में  में कोई जवाब नहीं 
  • बेटा अपने पिता का कर रहा है दो महीने से तलाश 

धनबाद। कोरोना संक्रमण के दौरान धनबाद के केविड हॉस्पीटल सेंट्रल हॉस्पीटल व पीएमसीएच की लापरवाही पर डे किसी ने किसी मामले में सामने आ रही है। चंदनकिरायी निवासी कोविड संक्रमित बीसीसीएल स्टाफ श्यामापद बाउरी पीएमसीएच कोविड केयर सेंटर से दो माह से लापता है। अभी तक प्रशासन मामले में हाथ पर हाथ धर कर बैठी थी। बेटा अपने पिता की खोज में दो माह से भटक रहा है। अब जाकर जिला प्रशासन की नींद खुली है। एसडीएम सुरेंद्र कुमार ने लापता पेसेंट की खोजबीन का निर्देश दिया है। 
झरिया एमएलए के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन की नींद खुली

कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद जिला प्रशासन ने बीसीसीएल स्टाफ श्यामापद बाउरी को पीएमसीएच के कोविड केयर सेंटर में एडमिट कराया था। श्यामापद के बेटे समेत पूरे फैमिली को घर में क्वारंटाइन किया गया। क्वारंटाइन अवधि समाप्त होने के बाद बेटा अपने बाप को लेने के लिए कोविड केयर सेंटर पहुंता तो वे नहीं मिले। धनबाद जिला प्रशासन और पीएमसीएच अस्पताल प्रबंधन के पास भी इसका कोई जवाब नहीं था कि बीसीसीएल स्टाफ आखिर कहां गए? दो महीने से अमृत बाउरी अपने पिता की खोज में भटक रहा है। 
झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह के हस्तक्षेप के बाद बाद एसडीओ सुरेंद्र कुमार ने मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने पीएमसीएच कैथ लैब के मेडिकल नोडल अफसर डॉ यूके ओझा को पत्र लिखकर बीसीसीएल स्टाफ के संबंध में अपने पास उपलब्ध कागजातों के आधार पर  जानकारी मांगी। उन्होंने कोविड-19 के दौरान इस तरह के मामले को अत्यंत गंभीर बताया है। लापता श्यामापद के इकलौते पुत्र अमृत बाउरी व उनकी बेटी रिश्तेदारों के साथ दो माह से पिता की तलाश में दर दर भटक रहे हैं। उन्होंने डीसी उमा शंकर सिंह को भी पत्र लिखकर पिता की खोज करने की गुहार लगाई थी। लेकिन परिजनों का पत्र सरकारी फाइलों में दब कर रह गया। शिकायत पत्र में यह भी कहा गया था कि हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार उन्हें इस ऑफिस से उस ऑफिस का चक्कर लगवा रहे हैं। अंतत: परिजनों ने झरिया एमएलए से गुहार लगाई।बीसीसीएल स्टाफ को 15 जुलाई को पीएमसीएच में कराया गया था एडमिट
बोकारो जिले के चंदनकियारी के देवग्राम गांव निवासी अमृत बाउरी के अनुसार उनके पिता श्यामापद बाउरी बीसीसीएल के शिमला बहाल भालगढ़ा कोलियरी में कार्यरत हैं। इसलिए वे लोग भुतगढ़िया कॉलोनी में ही रहते हैं। पिता की तबियत बिगड़ने पर 24 जून को प्रगति नर्सिंग होम में एडमिट कराया था। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर डॉक्टरों ने सभी पेसेंट को डिस्चार्ज कर दिया। उसके बाद वे भुतगढ़िया कॉलोनी में आ गये। कुछ दिन बाद पिता की तबियत बिगड़ गई। 15 जुलाई को एंबुलेंस से पीएमसीएच के कोविड केयर सेंटर में एडमिटि कराया। वहां भी वे पॉजिटिव मिले थे। तब से उनका पीएमसीएच कोविड सेंटर में इलाज चल रहा था। हमारे परिवार को क्वारंटाइन कर दिया गया। क्वारंटाइन से बाहर आने पर पिता से मिलने गये तो वे अस्पताल में नहीं मिले।