इंडिया में ही होगा इलेक्ट्रिक वाहन 'बैटरी स्टोरेज' का प्रोडेक्शन: प्रकाश जावड़ेकर, सेंट्रल कैबिनेट की मीटिंग में कई अहम फैसले

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिये गये हैं। सेंट्रल मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक बाहर से आयात किए जाने वाले बैटरी स्टोरेज का उत्पादन देश में ही किए जाने के संबंध में फैसला लिया गया।

इंडिया में ही होगा इलेक्ट्रिक वाहन 'बैटरी स्टोरेज' का प्रोडेक्शन: प्रकाश जावड़ेकर, सेंट्रल कैबिनेट की मीटिंग में कई अहम फैसले

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिये गये हैं। सेंट्रल मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अब तक बाहर से आयात किए जाने वाले बैटरी स्टोरेज का उत्पादन देश में ही किए जाने के संबंध में फैसला लिया गया।
जावेड़कर ने बताया कि बैटरी स्टोरेज को लेकर लिया गया फैसला 'आत्मनिर्भर भारत' का एक परिदृश्य होने के साथ 'मेक इन इंडिया का भी आविष्कार है।उन्होंने इसे देश के लिए 'Win Win Formula' बताया।

बैटरी स्टोरेज के देश में निर्माण से फायदे

उन्होंने कहा कि बैटरी स्टोरेज का निर्माण देश में होने से कई फायदें होंगे। जावड़ेकर ने कहा कि बैटरी स्टोरेज बढ़े इसके लिए हम 20 हजार का बैटरी स्टोरेज बाहर से आयात कराते हैं लेकिन अब PLI के तहत इसका उत्पादन देश में किया जायेगा। इससे आगे चलकर बड़े पैमाने पर ईंधन के आयात को भी कम किया जा सकेगा। 45 हजार करोड़ का देश में निवेश आयेगा। इस योजना से इलेक्ट्रिकल व्हिकल योजना को भी लाभ मिलेगा। जब हम बैटरी स्टोरेज का इस्तेमाल करेंगे तो कोयला बचेगा।
उन्होंने बताया  कि भारत 20 हजार करोड़ रुपये बैटरी के आयात पर खर्च करता है। लेकिन देश में ही इसका उत्पादन होने से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। इन बैटरी स्टोरेज का उत्पादन करने वाली कंपनियों को 18 हजार करोड़ रुपये का इनसेंटिव मिलेगा।यह रकम पांच साल में PLI स्कीम के तहत कंपनियों को दी जायगी। 

इलेक्ट्रिक वैकिल में होता है इस्तेमाल

एडवांस केमिस्ट्री सेल  से एनर्जी  को केमिकल फॉर्म में स्टोर किया जाता है। इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों में किया जाता है। अभी, इंडिया इसका बड़े पैमाने पर इंपोर्ट करता है। गवर्नमेंट चाहती है कि इसके आयात को कम किया जाए। घरेलू स्तर पर इसका उत्पादन बढ़ाया जा सके। उल्लेखनीय कि देश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की गई है। इसके जरिए कंपनियों को देश में  अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने और आयात करने पर विशेष छूट के अतिरिक्त आर्थिक मदद भी दी जाती है।