धनबाद: एकल अभियान बेच रहा जैविक खाद से तैयार सब्जियां, IIT ISM कैंपस में लगा दो दिवसीय स्टाल

एकल अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वनवासी बंधुओं को जैविक खाद (बर्मी कंपोस्ट) से खेती का ट्रेनिंग दिया जा रहा है। ट्रेनिंग करने के बाद वनवासी बंधु जैविक खेती भी कर रहे हैं। जैविक खाद से केमिकल रहित प्रोडक्ट तैयार हो रहा है। ग्रामीणों के उत्पाद को एक बेहतर मंच देने के लिए एकल अभियान की ओर से IIT ISM कैंपस में दो दिवसीय स्टाल लगाया गया है। 

धनबाद: एकल अभियान बेच रहा जैविक खाद से तैयार सब्जियां, IIT ISM कैंपस में लगा दो दिवसीय स्टाल
धनबाद। एकल अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वनवासी बंधुओं को जैविक खाद (बर्मी कंपोस्ट) से खेती का ट्रेनिंग दिया जा रहा है। ट्रेनिंग करने के बाद वनवासी बंधु जैविक खेती भी कर रहे हैं। जैविक खाद से केमिकल रहित प्रोडक्ट तैयार हो रहा है। ग्रामीणों के उत्पाद को एक बेहतर मंच देने के लिए एकल अभियान की ओर से IIT ISM कैंपस में दो दिवसीय स्टाल लगाया गया है। 
IIT ISM के स्कोल्मिन क्लब में आयोजित दो दिवसीय ग्रामीण उत्पादों के स्टाल में सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में उत्पादित ग्रामीण उत्पादों जैविक अबीर, गुलाल, हल्दी शहद, देसी गाय के घी है। अबीर-गुलाल से लेकर सब्जी-हल्दी तक जैविक विधि से तैयार किया गया है। एकल अभियान उत्तर झारखंड संभाग के सचिव आयुष तिवारी ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक स्टाल लगेगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में एकल अभियान पूर्वी प्रभाग-बी के अध्यक्ष रविंद्र ओझा, एकल अभियान उत्तर झारखंड संभाग के अध्यक्ष अभिषेक शर्मा, सुमन कुमार, सचितानंद कुमार, आशुतोष त्रिपाठी, अनुराग अग्रवाल, सिकंदर कुमार का विशेष सहयोग है।
वनवासियों के प्रोडक्ट जैविक उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
ग्रामीणों के साथ-साथ वनवासियों के उत्पादित जैविक उत्पादों को प्रोत्साहित करने की नीयत से यह आयोजन किया गया है। जैविक रंग गुलाल, एकल ग्राम में निर्मित हल्दी, देसी गो का घी, मधु, गोविंदभोग चावल, गिरिडीह के एकल ग्राम से जैविक सब्जी, आचार आदि का स्टाल लगाया गया है। एकल अभियान के माध्यम से वनवासी बंधुओं को जैविक खाद (बर्मी कंपोस्ट) से खेती का प्रशिक्षण देकर यह उत्पाद तैयार किया गया है। ग्रामीणों के साथ-साथ वनवासियों के उत्पादित जैविक उत्पादों को प्रोत्साहित कर घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। 
आयुष तिवारी ने बताया कि 1989 में धनबाद के टुंडी से प्रारंभ एकल विद्यालय शिक्षा के साथ अब गांव के संपूर्ण विकास की दिशा में कार्यरत है। ग्रामवासी स्वावलंबी बनकर आत्मनिर्भर बनें, यही एकल अभियान का लक्ष्य है। टेलरिंग प्रशिक्षण, प्लंबर प्रशिक्षण के साथ जैविक खेती का प्रशिक्षण कराकर संपूर्ण गांव को कीटनाशक मुक्त जैविक कर मृदा की गुणवत्ता में सुधार कर पोशाक बनाना है।आइआइटी में एकल स्टाल भी लगा है। यह सर्वगुण हल्दी का है। जैविक तरीके से तैयार एकल हल्दी का कुरकुमिम वैल्यू 8.2 है। सभी उत्पाद एफएसएसएआइ से प्रमाणित है। आम लोग एकल अभियान के समिति से यह एकल के जैविक उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं।