धनबाद: नौकरी बीसीसीएल कुसुंडा में , कर रहे हैं पुलिस व आउटसोर्सिंग की दलाली

कोयला राजधानी धनबाद में कुसुंडा एरिया से लेकर टाउन तक एक बीसीसीएल स्टाफ की आजकल खूब चर्चा हो रही है। बीसीसीएल का यह स्टाफ एक आउटसोर्सिंग व चंद जूनियर पुलिस अफसरों का लाइजनर बना हुआ है। बीसीसीएल अफसर व लोगों को पुलिस के नाम पर ठगी का शिकार बना रहा है। 

धनबाद: नौकरी बीसीसीएल कुसुंडा में , कर रहे हैं पुलिस व आउटसोर्सिंग की दलाली
  • बिना गाय व भैंस पाले ही अफसरों को पहुंचाते हैं दही
  • कोरोनाकाल में  दही से परहेज करने  लगे अफसर
  • अब पुलिस हाउस तक पहुंचने की कोशिश

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में कुसुंडा एरिया से लेकर टाउन तक एक बीसीसीएल स्टाफ की आजकल खूब चर्चा हो रही है। बीसीसीएल का यह स्टाफ एक आउटसोर्सिंग व चंद जूनियर पुलिस अफसरों का लाइजनर बना हुआ है। बीसीसीएल अफसर व लोगों को पुलिस के नाम पर ठगी का शिकार बना रहा है। 
बीसीसीएल की कुसुंडा एरिया में काम करने वाला यह शख्स की पुलिस स्टेशन से लेकर डीएसपी लेवल तक दलाली चल रही है। जिले में ईमानदार पुलिस कप्तानों के पहुंचने से इस बीसीसीएल स्टाफ की इंट्री पुलिस हाउस तक नहीं हो पायी है। लगभग एक साल से इस सख्स का पुलिस हाउस तक पहुंच नहीं बन पाया है। जूनियर पुलिस अफसरों को केस मुकदमा में लाइजनर बनकर फायदा दिलाता है। कहते हैं  हमसे संपर्क रखने पर पुलिस वालों को फायदा होता है। 
दही पहुंचाकर अपने जाल में फंसाते हैं पुलिस वालों के 
सरायढेला इलाके में रहने वाले इस बीसीसीएल स्टाफ के पास न गाय है न भैंस लेकिन वह पुलिस वालों को दही पहुंचाते रहते हैं। कहते हैं सर घर का दही है। खाने से अच्छा लगेगा। स्पेशल आपके लिए  ही बनवाये हैं। दूसरे से पैसा लेकर वह पुलिस वालों को मिठाई खरीदकर पहुंचा देते हैं। दही व मिठाई खाने के बाद जूनियर पुलिस अफसर उसके झांसे में आ जाते हैं। कोरोना काल में बीसीसीएल स्टाफ की दही सप्लाई बंद है। एक पुलिस अफसर संक्रमित हो गये थे। इस कारण  उन्होंने उनकी दही लेनी  बंद कर दी है। 
कुर्सी व परदा की रंग देकर सप्लाई
बीसीसीएल स्टाफ की अभी एक डीएसपी साहब से लेनदेन का संबंध बना है। साहब के घर में कुर्सी व परदा भी उन्होंने रंग पसंद करवा पहुंचायी थी। साहब के घर पर दही व फल पहुंचाते रहते हैं। एक-दो पुलिस स्टेशन अफसरों से मिलकर कहते हैं  पहले वाले सहाब के लिए आउटसोर्सिंग का पैसा हम ही लेते थे। पहले इतना मिलता था। आप अपने से पैसा मत पकड़िए। हम लाकर दे देंगे। 
फलां SSP आयेंगे, उनका नाम उपर है, हमसे परिचित हैं
बीसीसीएल स्टाफ कंपनी  के दो संगठन के पदाधिकारी हैं। ड्यूटी कम करते हैं लेकिन दलाली में लगे रहते हैं। अपनी कार पुलिस ऑफिस, पुलिस हाउस या पुलिस स्टेशन के बार खड़ी करते देते हैं। लोगों फोन कर कहते हैं  कि साहब के पास थे। अभी दो तीन दिनों से बीसीसीएल के अपने एरिया के अफसरों व परिचित को फोन कर  कह रहे हैं कि रांची गये थे, कई आइपीएस अफसरों से मिले हैं। पता चल गया है फलां साहब ही एसपी बनकर आ रहे हैं। संपर्क में रहिए फायदा होगा। साहब हमसे पुराने  परिचित हैं। जिले एक एक डीएसपी साहब के नाम पर ठगी के आरोप में बीसीसीएल स्टा्फ को काफी फटकार लगी थी। पहले वह पोस्टिंग के नाम दर्जनों कांस्टेबल से ठगी कर चुके हैं। सीनीयर पुलिस अफसरों का नाम व फोन नंबर दिखकार लोगों का झांसा देते रहते हैं।