धनबाद: निरसा में इलिगल माइनिंग में चाल धंसी, एक की मौत, दो के दबे होने की आशंका 

निरसा पुलिस स्टेशन एरिया के मुगमा में इलिगल माइनिंग में चाल धंसने से एक की मौत हो गयी है। मलबे में कई लोगों के दबने की आशंका है। चाल धंसने के बाद इलिगल माइनिंग में लगे मजदूर भागने में सफल रहे।

धनबाद: निरसा में इलिगल माइनिंग में चाल धंसी, एक की मौत, दो के दबे होने की आशंका 
  • दुर्घटना के बाद इलिगल माइनिंग कर रहे लोग भाग निकले

धनबाद। निरसा पुलिस स्टेशन एरिया के मुगमा चापापुर देवियाना बंद माइंस में इलिगल माइनिंग में चाल धंसने से एक की मौत हो गयी है। मलबे में दो लोगों के दबने की आशंका है। चाल धंसने के बाद इलिगल माइनिंग में लगे मजदूर भागने में सफल रहे।  सूचना पाकर एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा,निरसा ओसी सुभाष सिंह दलबल के साथ पहुंचकर छानबीन की। निरसा पुलिस ने मामले को अफवाह बताया है। इसीएल मैनेमेंट भी घटना से इनकार किया है। 

बताया जाता है कि रविवार की सुबह लगभग 11:00 बजे ईसीएल मुगमा एरिया की चापापुर 9 नंबर देवियाना yxo माइंस एरिया में दर्जनों मजदूर कोयला का इलिगल माइनिंग कर रहे थे। इस दौरान इलिगल माइंस में चाल धंस गई। घटना के बाद अफरातफरी मच गयी। इलिगल माइनिंग करने वाले इधर-उधर भागने लगे। कईयों के चप्पल, गमछा और अन्य समान वहीं छूट गया। घटनास्थल पर 500 बोरा कोयला भी मिला है।लगभग दो-तीन घंटे के बाद दोपहर में गुपचुप तरीके से लोग माइंस से बॉडी निकालकर ले भागे। बॉडी को देर शाम कब्रिस्तान में दफना दिया गया।

बताया जाता है कि उक्त जगह पर लंबे समय से इलिगल माइनिंग किया जा रहा था। सपास के लोग कोयला निकासी का कार्य कर रहे थे। बड़ी  संख्या में महिलाएं व पुरुष इलगल माइनिंग कर रहे थे। आरोप है कि इस इलिगल माइंस का संचालन एक लोकल पंचायत प्रतिनिधि की ओर से किया जा रहा था। निरसा पुलिस स्टेशन की नई बिल्डिंग के ठीक पीछे एक किलोमीटर दूर इलिगल माइनिग से कोयला निकल कर बड़े पैमाने पर आसपास के कोयला भट्ठों में खपाया जाता है। 

चापापुर , देवियाना, बैजना, कांटा वन, कुसुमकनाली इलिगल माइनिंग का सेफ जोन

इसीएल की बंद पड़ी चापापुर नौ नंबर, 10 नंबर, बैजना, कांटा वन एवं कुसुमकनाली माइंस इलिगल माइनिंग का सेफ जोन बना हुआ है। पिछले दिनों में चापापुर 10 नंबर आउटसोर्सिंग के समीप इविगल माइनिंग रोकने पहुंची ईसीएल की सिक्युरिटी टीम व सीआइएसएफ जवानों पर कोयला चोरों द्वारा पत्थरबाजी की गयी थी। इन बंद पड़ी माइंस से संगठित गैंग द्वारा कोयले का इलिगल माइनिंग कराया जाता है। माइनिंग में निकाले गये कोयले को साइकिंल व पिकअप वैन तथा 407 में लाद कर इलाके के भट्ठों में पहुंचाया जाता है। कोयला तस्करों द्वारा बराकर नदी पार कर इलिगल कोयला जामताड़ा और पश्चिम बंगाल भी भेजा जाता है।