धनबाद: सर्वमंगला नर्सिंग होम में सील की गई अल्ट्रासाउंड मशीन से भ्रूण जांच का आरोप

पीसीपीएनडीटी एक्ट (प्री कॉन्सेप्शन एंड प्री नेटल डायग्नॉस्टिक्स टेक्निक्स एक्ट 1994) को लेकर गुरुवार को हेल्थ डिपाट4मेंट की टीम मेमको मोड़ स्थित सर्वमंगला नर्सिंग होम पहुंची। भ्रूण जांच की शिकायत पर नर्सिंग होम में इससे पहले की गई कार्रवाई के तहत एक अल्ट्रासाउंड मशीन को सील किया गया था। 

धनबाद: सर्वमंगला नर्सिंग होम में सील की गई अल्ट्रासाउंड मशीन से भ्रूण जांच का आरोप

धनबाद। पीसीपीएनडीटी एक्ट (प्री कॉन्सेप्शन एंड प्री नेटल डायग्नॉस्टिक्स टेक्निक्स एक्ट 1994) को लेकर गुरुवार को हेल्थ डिपाट4मेंट की टीम मेमको मोड़ स्थित सर्वमंगला नर्सिंग होम पहुंची। भ्रूण जांच की शिकायत पर नर्सिंग होम में इससे पहले की गई कार्रवाई के तहत एक अल्ट्रासाउंड मशीन को सील किया गया था। 

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हेल्थ डिपाट4मेंट को यह शिकायत मिली थी कि सील मशीन से फिर से भ्रूण जांच की जा रही है। अफसरों ने सील की गई मशीन की जांच की है। सिविल सर्जन डॉक्टर श्याम किशोर कांत ने बताया कि मशीन के बारे में विभाग की टीम निगरानी कर रही है। यदि मशीन के साथ छेड़छाड़ की गई है तो सख्त कार्रवाई की जायेगी।
पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक (पीएनडीटी) एक्ट 1996, के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है।

पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर नहीं होती नियमित कार्रवाई

धनबाद में पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर नियमित स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित कार्रवाई नहीं की जा रही है। लगभग 1 वर्ष के बाद अब जाकर फिर से विभाग ने निगरानी शुरू की है। यही कारण है कि कई रेडियोलॉजी जांच घर में अल्ट्रासाउंड जांच नियमों को ताक पर रखकर किये जा रहे हैं। इससे पहले स्वास्थ विभाग की टीम ने गोविंदपुर मेंरेड कर अल्ट्रासाउंड मशीन सील की थी।

धनबाद में 69 अल्ट्रासाउंड सेंटर
हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से धनबाद में 69 रेडियोलॉजी सेंटर रजिस्टर्ड है। इन रेडियोलॉजी सेंटर में अल्ट्रासोनोग्राफी की जाती है। आरोप है कई रेडियोलॉजी जांच घरों में बैक डोर से भ्रूण जांच की जा रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट नियमित निगरानी नहीं कर पा रहे हैं। भ्रूण जांच रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट का कड़ाई से पालन करना जरूरी है, लेकिन कुछ अफसर व स्टाफ की साठ-सेंटर केंद्र को हर महीने की पांच तारीख को स्वास्थ्य विभाग में फॉर्म एफ जमा करना है। इसमें अल्ट्रासाउंड कराने वाले मरीज का नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड समेत अन्य जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होती है।