दत्तात्रेय होसबले बने गये RSS के सरकार्यवाह, सुरेश भय्याजी जोशी की जगह लेंगे

दत्तात्रेय होसबले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नये  सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले चुने गये हैं।

दत्तात्रेय होसबले बने गये RSS के सरकार्यवाह, सुरेश भय्याजी जोशी की जगह लेंगे
  • बेंगलुरु में प्रतिनिधि सभा की बैठक में हुआ चुनाव

बेंगलुरु। दत्तात्रेय होसबले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नये  सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले चुने गये हैं। बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में चल रहे दो दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन शनिवार को से अगले तीन वर्षों के लिए 65 वर्षीय दत्तात्रेय को सरकार्यवाह चुन लिया गया। वह अभी तक सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे।

उल्लेखनीय है कि संघ में प्रत्येक तीन वर्षों पर चुनाव की प्रक्रिया अपना कर जिला संघचालक, विभाग संघचालक, प्रांत संघचालक, क्षेत्र संघचालक के साथ साथ सरकार्यवाह का चुनाव होता है। इसके बाद ये लोग अपनी टीम की घोषणा करते हैं, जो अगले तीन वर्षों तक काम करते हैं। आवश्यकतानुसार बीच में भी कुछ पदों पर बदलाव होता रहता है। क्षेत्र प्रचारक और प्रांत प्रचारकों के दायित्व में बदलाव भी प्रतिनिधि सभा की बैठक में होती है। संघ में प्रतिनिधि सभा निर्णय लेने वाला विभाग है।इससे पूर्व सुरेश भय्याजी जोशी सरकार्यवाह थे। हालांकि 2018 के चुनाव में भय्याजी ने सरकार्यवाह के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था, लेकिन उनके नेतृत्व में संघ के बढ़ते कामों को देखते हुए संघ ने उन्हें फिर से यह दायित्व देने का निर्णय लिया था।अभी मोहन भागवत सरसंघचालक हैं।

आरएसएस ने ट्वीट बताया, ‘बेंगलुरु में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने श्री दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुन लिया। संघ ने ट्वीट में कहा कि वह 2009 से ही आरएसएस के सह-सरकार्यवाह थे। होसबोले 73 वर्षीय भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे, जो तीन-तीन वर्षों के लिए चार बार सरकार्यवाह रहे। 
संघ के नंबर दो की पोस्ट को सर कार्यवाह कहा जाता है। सर कार्यवाह की पोस्ट काफी महत्वपूर्ण होती है। जहां संघ प्रमुख एक मार्गदर्शक की भूमिका में रहते हैं, तो वहीं सर कार्यवाह पर संघ को चलाने की पूरी जिम्मेदारी होती है। दत्तात्रेय का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए रहेगा। 

दत्तात्रेय होसबले 
कर्नाटक के रहने वाले दत्तात्रेय होसबले का जन्म वर्ष 1954 की एक दिसंबर को शिवमोगा के सोराब हुआ है। वे वर्ष 1968 में कर्नाटक के शिवमोंगा जिला में संघ के संपर्क में आयेऔर स्वयंसेवक बने। अंग्रेजी से एमए होसबले 1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक सदस्य बने। 1990 में प्रचारक की घोषणा हुई। । विद्यार्थी परिषद में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महामंत्री के साथ ही अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी थे। संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख भी रहे हैं। उसके बाद सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाला।

जेपी आंदोलन में गये जेल 
दत्तात्रेय वर्ष  1975-77 के जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय थे और लगभग पौने दो वर्ष ‘मीसाके अंतर्गत जेल मे भी रहे। जेल से उन्होंने दो पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। विद्यार्थी परिषद के अलग-अलग पदों पर रहते हुए पूर्वोत्तर से दक्षिण तक काम किया।
2004 में ABVP से संघ में हुई वापसी 

वर्ष 2004 में ये संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बनाये गये।वर्ष  2008 से  सह-सरकार्यवाह के पद पर थे। 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है।कई राजनीतिक विश्लेषक इनकी नियुक्ति भाजपा के मिशन साउथ से भी जोड़कर देख रहे हैं।
नागपुर से नहीं चलती केंद्र की सरकार: दत्तात्रेय होसबले 

संघ के नये  सरकार्यवाह बनने के.बाद दत्तात्रेय होसबले ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि राममंदिर का सवाल किसी एक पार्टी विशेष का नहीं है। इस मंदिर के निर्माण से करोड़ों हिंदुओं की सैकड़ों वर्षों की आकांक्षाएं पूरी हो रही हैं।उन्होंने कहा है कि केंद्र की सरकार नागपुर से कंट्रोल नहीं होती है। देश में लोकतंत्र है। एक जगह से सब नियंत्रित हो, ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वैसे भी एक व्यक्ति और एक जगह से सत्ता नियंत्रण के खिलाफ संघ हमेशा से संघर्ष करता रहा है।आरक्षण के संबंध के पूछे गए एक सवाल के जवाब में धत्तात्रेय ने कहा कि संविधान में जिस प्रकार की आरक्षण की बात कही गई है, संघ उसका पूरा समर्थन करता है। वह यथावत रहना चाहिए। लव जिहाद के संबंध में कहा कि धोखा से विवाह कर मतांतरण के लिए जो लोग दबाव बनाते हैं, समाज को उसका विरोध करना चाहिए। कई राज्य सरकारों ने इसको लेकर कानून बनाने का भी काम किया है।

भूमि सुपोषण के लिए 13 अप्रैल से अभियान 
दत्तात्रेय ने कहा कि ग्राम विकास के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए संघ लोगों को प्रोत्साहित कर रहा है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है। इसलिए भूमि सुपोषण के लिए 13 अप्रैल से संघ देश के कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम करेगा। इसके साथ ही गो सेवा, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन के लिए भी स्वयंसेवक बेहतर प्रयास करेंगे।
लखनऊ में कहा था भारत का केवल एक ही डीएनए है और वह है 'हिंदू
उल्लेखनीय है कि पिछले 21 फरवरी 2021 को लखनऊ में अपने भाषण में दत्तात्रेय होसबोले ने कहा था कि पूरे भारत का केवल एक ही डीएनए है और वह है 'हिंदू। उन्होंने कहा कि संघ में हिंदू एक राष्ट्रवाचक शब्द है। पूरे भारत का एक डीएनए है और उस डीएनए का नाम हिंदू है।हिंदुत्व की एक पहचान है और खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वालों ने इस तथ्य के बावजूद कि यह एक विविध विचार है, इसे सांप्रदायिक बताया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस जो भी हिंदुत्व पर कहता है, उसे समझा जाना चाहिए। उन्होंने यह बातें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में संगठन के वरिष्ठ प्रचारक और अखिल भारतीय सह प्रचारक सुनील आंबेकर द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लिखित एक पुस्तक जारी करने के मौके पर कही थी।