दसाल्ट अब इंडिया में माइनिंग के एरिया में टेकनीक मुहैया करायेगी,  IIT ISM धनबाद ने दसाल्ट के साथ किया MOU 

फेल और मल्टीरोल लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसाल्ट अब इंडियन माइनिंग को टेकनीकल सहयोग करेगा। दसाल्ट ने IIT ISM धनबाद के टेक्समिन (एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग टेक्नोलाजी इनोवेशन) फाउंडेशन इनोवेशन हब के साथ वर्ल्ड लेवल सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए MOU की है। कोलकाता में MOU पर दोनों इंस्टीच्युट की ओर से साइन किया गया। 

दसाल्ट अब इंडिया में माइनिंग के एरिया में टेकनीक मुहैया करायेगी,  IIT ISM धनबाद ने दसाल्ट के साथ किया MOU 

धनबाद। राफेल और मल्टीरोल लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसाल्ट अब इंडियन माइनिंग को टेकनीकल सहयोग करेगा। दसाल्ट ने IIT ISM धनबाद के टेक्समिन (एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग टेक्नोलाजी इनोवेशन) फाउंडेशन इनोवेशन हब के साथ वर्ल्ड लेवल सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए MOU की है। कोलकाता में MOU पर दोनों इंस्टीच्युट की ओर से साइन किया गया। 

झारखंड में कोरोना पर कंट्रोल के लिए कड़े प्रतिबंध की अनुशंसा, सभी स्कूल, कॉलेज, पार्क, क्‍लब होंगे बंद


अब दसाल्ट माइनिंग के क्षेत्र में टेक्समिन का टेक्नालाजी पाटर्नर बन गया है। इसके तहत एक प्रौद्योगिकी और समाधान भागीदार के रूप में दसाल्ट अपने थ्रीडी प्लेटफार्म के माध्यम से औद्योगिक और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को पूर्ण पिट-टू-पोर्ट आप्टिमाइजेशन के साथ भूवैज्ञानिक माडलिंग और माइन इंजीनियरिंग से लेकर कार्यबल और उत्पादन शेड्यूलिंग, आपूर्ति, अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करेगा।
थ्रीडी प्लेटफार्म पर आधारित होगा सबजेक्ट
IIT ISM और दसाल्ट के बीच MOU को माइनिंग एरिया के लिए कामी महात्वाकांक्षी माना जा रहा है। माइनिंग के एरिया में मौलिक प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करेगा। माइनिंग और संबद्ध उद्योगों के लिए विशिष्ट भविष्य के कार्यबल तैयार करने में भी सहयोग करेगा। माइनिंग एरिया में क्षमता और सुरक्षा सर्वोपरि है। यह MOU स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल को सीखने का अवसर के साथ सशक्त बनाएगी। इसके लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम थ्रीडी प्लेटफार्म पर आभासी दुनिया को मिलाकर तैयार किया जायेगा। इंस्टीच्युट के स्टूडेंट्स को वर्चुअल सिमुलेशन के माध्यम से नौकरी सीखने के माहौल पर अनुभव का अवसर भी मिलेगा। 
माइनिंग के एरिया में भविष्य की तैयारी

टेक्समिन आइआइटी धनबाद के सीईओ नरेश सोनी ने कहा कि हम भविष्य के लिए तैयार इनोवेशन टेकनीत के साथ नई पीढ़ी के इनोवेटर्स, स्टार्टअप और पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मानते हैं कि यह इंडिया में माइनिंग इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। अभी माइनिंग कंपनियों को अधिक से अधिक आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी के अनुकूल होने की जरूरत है। दसाल्ट सिस्टम्स के एमडी दीपक एनजी ने बताया कि अकादमिक और उद्योग सहयोग से भारतीय खनन और धातु कंपनियों को डिजिटल परिवर्तन पर उनके वर्तमान कौशल और अपस्किलिंकिंग कार्यक्रमों में मदद मिलेगी। भविष्य के लिए कार्यबल का निर्माण होगा। इस अवसर पर आइआइटी धनबाद के डायरेक्टर प्रो. राजीव शेखर, डिप्टी डायरेक्टर प्रो. शालीवाहन, डीन प्रो. धीरज कुमार के अलावा डसाल्ट के अफसर मौजूद थे।

दसाल्ट देगा थ्रीडी तकनीक

दसाल्ट से माडल सेटअप मिलेगा। इससे माइन प्लानिंग, माइन आपरेशन, माइन मानीटरिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग किया जाएगा। डसाल्ट के पास माइनिंग जियोविया ब्रांड तकनीक है, जो पूरी दुनिया में सबसे आधुनिक है। आज भारत में जियोविया तकनीक का उपयोग सीएमपीडीआइ सहित देश की सभी खनन कंपनियां इसका उपयोग कर रही हैं। थ्रीडी मानव प्रगति के लिए एक उत्प्रेरक है। स्थायी नवाचारों की कल्पना करने, व्यापार और लोगों को सहयोगी थ्रीडी आभासी वातावरण प्रदान करते हैं।