आउटसोर्स नहीं की जा सकती देश की सिक्युरिटी, मौजूदा समय में आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी: आर्मी चीफ

आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे  ने गुरुवार को कहा कि रक्षा के लिए आयातित तकनीक पर निर्भरता ठीक नहीं है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा को आउटसोर्स नहीं किया जा सकता है, ना ही बड़े पैमाने पर विदेश से उपकरणों की खरीद पर निर्भर हुआ जा सकता है। 

आउटसोर्स नहीं की जा सकती देश की सिक्युरिटी, मौजूदा समय में आत्मनिर्भर होना बेहद जरूरी: आर्मी चीफ

नागपुर।आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे  ने गुरुवार को कहा कि रक्षा के लिए आयातित तकनीक पर निर्भरता ठीक नहीं है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा को आउटसोर्स नहीं किया जा सकता है, ना ही बड़े पैमाने पर विदेश से उपकरणों की खरीद पर निर्भर हुआ जा सकता है। 

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विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) नागपुर के 20वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) नागपुर के 20वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि नई-नई प्रौद्योगिकियां भविष्य के युद्धों के चरित्र को बदलती नजर आ रही हैं। इसलिए इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता समय की जरूरत है। 
आर्मी चीफ ने आधुनिक तकनीकी क्षमताओं की जरूरत बताते हुए कहा कि सीमाओं पर बदलते घटनाक्रमों ने आधुनिक, चुस्त और तकनीकी रूप से दक्ष सशस्त्र बलों की आवश्यकता को मजबूत किया है। विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) नागपुर के 20वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि भारत के सुरक्षा चुनौतियों को विवादित सीमाओं और नए खतरों (साइबर, स्पेस और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम) के डोमेन के रूप में देखा जा रहा है।

आर्मी चीफ ने कहा- भारत के पास शत्रुतापूर्ण, परमाणु-सशस्त्र और अस्थिर पड़ोसी हैं। पिछले दो वर्षों में चीन के साथ उत्तरी सीमाओं पर सामने आए घटनाक्रमों (जिसमें गालवान में संघर्ष भी शामिल है) ने हर समय आधुनिक, चुस्त और तकनीकी रूप से सशक्त सशस्त्र बलों को बनाए रखने की जरूरत को शिद्दत से महसूस कराया है। रक्षा और सुरक्षा के लिए आयातित प्रौद्योगिकियों पर हमारी निर्भरता एक रणनीतिक चुनौती के रूप में उभरी है।उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में सुरक्षा तकनीकी कौशल पर निर्भर है। कोई भी देश अपनी नवीनतम, अत्याधुनिक तकनीक को साझा नहीं करना चाहता। ऐसे में देश की सुरक्षा दूसरे मुल्कों की उदारता के भरोसे नहीं रह सकती है। महत्वपूर्ण तकनीक में आत्मनिर्भरता अनिवार्यता रणनीतिक जरूरत बन गई है जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। रक्षा उद्योग को मजबूती देने के लिए स्टार्ट-अप आगे आए हैं। हम सही रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन अभी लंबा सफर तय करना बाकी है।