2000 करोड़ की संपत्ति हथियाने की साजिश... नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में किया चौंकाने वाला दावा
नेशनल हेराल्ड केस में बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने चौंकाने वाला दावा किया है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि कांग्रेस नेशनल हेराल्ड की लगभग दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पना चाहती थी।

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नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने चौंकाने वाला दावा किया है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि कांग्रेस नेशनल हेराल्ड की लगभग दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पना चाहती थी।
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ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि 'नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कंट्रोल करने के लिए यंग इंडियन लिमिटेड बनाने की साजिश रची गयी थी, जिसमें कांग्रेस संसदीय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्षी नेता राहुल गांधी प्रमुख हिस्सेदार हैं। इसका लक्ष्य पार्टी नेतृत्व को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाना था। एएसजी राजू ने दावा किया कि कांग्रेस के कई सीनियर नेता एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को किये गये 'फर्जी लेनदेन' में शामिल थे।
ईडी के अनुसार, कांग्रेस के बड़े नेताओं के निर्देश पर कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से किराये का भुगतान किया था। इन लेन-देन के साथ फर्जी किराया रसीदें तैयार की गयी थीं। ईडी ने दावा किया कि साजिश थी कि यंग इंडिया के माध्यम से 2,000 करोड़ की संपत्ति कब्जे में लेकर 90 करोड़ का लोन लिया जाए। ईडी ने ये भी बताया कि कांग्रेस कमेटी ने सार्वजनिक टेंडर निकाले बिना एजीएल की संपत्ति यंग इंडिया को 50 लाख रुपये में बेच दी, जबकि एजीएल की संपत्ति दो हजाार करोड़ की थी। यंग इंडिया के पास इसे चुकाने के लिए पैसे नहीं थे, जिसके बाद यह मामला कोलकाता में शेल कंपनियों तक पहुंचा। एक करोड़ रुपये का लोन यंग इंडिया को दिया गया, जबकि इसकी बैलेंस शीट नेगेटिव थी।
एएसजी राजू ने कोर्ट को बताया कि ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि यंग इंडिया पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी का कंट्रोल था। दोनों ने मिलकर 76 परसेंट शेयर अपने पास रखे थे। वास्तव में ये कंपनियां उनके कंट्रोल में थीं और इनके संचालन के लिए वो जिम्मेदार थे।