झारखंड: पुलिसकर्मियों को पशु तस्कर बताकर CID ने की फोन टैपिंग,IPS मनोज रतन , DSP विनोद रवानी के खिलाफ FIR 

पुलिसकर्मियों को पशु तस्कर बताकर CID में फोन टैपिंग किया जा रहा था। मामले में CID डीएसपी रंजीत लकड़ा की कंपलेन पर शनिवार को राजधानी रांची के डोरंडा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गयी है।

रांची। पुलिसकर्मियों को पशु तस्कर बताकर CID में फोन टैपिंग किया जा रहा था। मामले में CID डीएसपी रंजीत लकड़ा की कंपलेन पर शनिवार को राजधानी रांची के डोरंडा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गयी है। FIR पूर्व में CID एसपी रहे IPS मनोज रतन चौथे, DSP विनोद रवानी व इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू और समेत कई पुलिसकर्मियों को एक्युज्ड बनाया गया है। डोरंडा पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 189/20 के तहत दर्ज FIR में सेक्शन 166,167,418 और 120 आइपीसी लगायी गयी है।
FIR में अवैध तरीके से फोन टैपिंग का आरोप लगाया है। आरोप है कि आरोपित स्टेट के तीन पुलिस अफसरों (ऑफिसर इंचार्ज व कांस्टेबल) को पशु तस्कर बताकर उनका फोन टेप किया। सीआइडी की टेक्निकल सेल में इन सभी पुलिसकर्मियों के फोन सुने गये। इनमें सरायकेला-खरसांवा के तत्कालीन चौका पुलिस स्टेशन ओसी रतन कुमार, चुटिया के रंजीत सिंह व कांस्टेबल मोहम्मद इरफान शामिल हैं। डोरंडा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज होने के बाद हड़कंप मचा गया है। अब पुलिस जांच में यह खुलासा होगा कि किसके इशारे में अवैध तरीके से फोन टैपिंग कर रहे थे। इस कार्य में उनके साथ-साथ और किसकी मिलीभगत है।
होम डिपार्टमेंट को दी थी गलत जानकारी
सीआइडी के तत्कालीन एसपी मनोज रतन चोथे व डीएसपी विनोद रवानी के साइन से यह जानकारी दी गई थी कि तीन पशु तस्करों की फोन टैपिंग करनी है। पशु तस्करों के रूप में दो तीन पुलिसकर्मियों नाम देकर अनुमति ली गयी। तीनों का फोन टैप किया गया। CID के तत्कालीन एसपी मनोज रतन चौथे और डीएसपी विनोद रवानी के साइन से होम डिपार्टमेंट को फोन टेप करने की अनुशंसा पत्र होम में जाता था। नियमानुसार किसी भी फोन टैपिंग के पूर्व होम डिपार्टमेंट को डिटेल जानकारी देनी पड़ती है।
एडीजी बनने के बाद अनिल पालटा ने कराई थी जांच
सीआइडी का एडीजी बनने के बाद अनिल पालटा को जानकारी मिली थी कि सीआइडी में अवैध तरीके से फोन टैपिंग होता था। डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर एडीजी अनिल पाल्टा ने पूरे मामले की जांच कराई। जांच में इसका खुलासा हुआ था। एडीजी ने पुलिस हेडक्वार्टर व होम डिपार्टमेंट को यह रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट की रिव्यू के बाद मामले में शामिल पुलिस अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया। पुलिस इन्विस्टिगेशन इसका खुलासा होगा कि किसके इशारे पर अवैध तरीके से फोन टैपिंग होती थी।
चोथे ने कई आइपीएस की करायी थी फोन टेपिंग !
धनबाद में एसएसपी रहने के दौरान आइपीएस मनोज रतन चोथे ने कई आइपीएस व गणमान्य लोगों के फोन टेप करवाकर सार्वजिनक करवाया था। जब भी चोथे को लगता कि धनबाद से उनकी ट्रांसफर होनेवाली है वह चिन्हित आइपीएस अफसरों का गणमान्य लोगों का फोन टेप करवा निजी बातों को सार्वजनिक करवाते थे। फोन टेप को सार्वजनिक करवाने में मोटी रकम खर्च करते थे। फोन टेप करवाकर अपने खिलाफत करने वालों को परेशान करते थे। 
धनबाद में पोस्टिंग के दौरान आईपीएस चौथे पर लगे थे गंभीर आरोप
धनबाद में एसएसपी रहने के दौरान मनोज रतन चोथे के खिलाफ गंभीर आरोप लगे थे। धनबाद में रिकार्ड इलिगल कोल कारोबार पुलिस की मिलीभगत से चल रहा था। इलिगल कोल कारोबार वाले एरिया के पुलिस स्टेशन में चोथे अपने खास इंस्पेक्टर व दारोगा की पोस्टिंग कर रखा था। चोथे की मिलीभगत से इलिगल कोल कारोबार की कंपलेन सीएम तक पहुंची थी। सीएम ने चोथे को फटकार भी लगायी थी। धनबाद में इलिगल कोल कारोबार मामले की सीआइडी जांच का आदेश दिये गये। धनबाद से सीआइडी में जाकर चोथे ने पूरी  रिपोर्ट अपनी पक्ष में करवा ली है। 
चोथे के खिलाफ एफआइआर के मदद में पैसे लेने का आरोप
मनोज रतन चोथे के खिलाफ धनबाद के एक व्यवसायी ने केस में मदद करने के नाम पर लाखों रुपये घूस लेने का आरोप लगाया था। मामले की कंपलेन पीएमओ तक पहुंची है। चोथे के कार्यकाल में धनबाद में क्राइम व इलिगल कोल कारोबार चरम पर था। सत्ता  करीबी सीनीयर IPS आइपीएस के करीबी रहकर चोथे ने धनबाद में की खेल किये हैं। आरोप है कि उनके कार्यकाल एसएसएपी आवास में इलिगल कोल कारोबारियों की बैठक होती थी।