CBI डायरेक्टर सुबोध जायसवाल को मुंबई क्राइम ब्रांच ने भेजा समन, 14 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा

मुंबई पुलिस ने  फोन टैपिंग और डेटा लीक केस से जुड़े एक मामले में सीबीआई डायरेक्टर सुबोध जायसवाल को समन भेजा है। मुंबई पुलिस ने उन्हें 14 अक्टूबर को साइबर सेल के मुंबई ऑफिस में रिपोर्ट करने को कहा है। 

CBI डायरेक्टर सुबोध जायसवाल को मुंबई क्राइम ब्रांच ने भेजा समन, 14 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा
सुबोध कुमार जायसवाल(फाइल फोटो)।
  •  फोन टैपिंग से जुड़ा है मामला

नई दिल्ली। मुंबई पुलिस ने  फोन टैपिंग और डेटा लीक केस से जुड़े एक मामले में सीबीआई डायरेक्टर सुबोध जायसवाल को समन भेजा है। मुंबई पुलिस ने उन्हें 14 अक्टूबर को साइबर सेल के मुंबई ऑफिस में रिपोर्ट करने को कहा है। 

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मुंबई पुलिस की तरफ से मन में  कहा गया है कि वो अपना बयान दर्ज कराने के लिए 14 अक्टूबर को हाजिर हों। यह मामला उस वक्त का है जब आईपीएस अफसर रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र में स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की प्रमुख थीं। इस पद पर रहते हुए रश्मि शुक्ला ने अपनी एक रिपोर्ट बनाई थी जो लीक हो गई थी। 

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जायसवाल के महाराष्ट्र का DGP रहने के दौरान स्टेटके कई बड़े लोगों के फोन टेप करने और उनसे जुड़े दस्तावेज लीक करने का संदेह है। महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के IPS अफसर जायसवाल को इस साल मई में दो साल के लिए CBI का चीफ बनाया गया है। मुंबई पुलिस की साइबर सेल ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत इस मामले की जांच कर रही हैं। इस मामले की सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट कर रहा है। पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि जायसवाल को समन ई-मेल के जरिए भेजा गया है। उन्हें अगले गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया है।

कई अफसरों और मिनिस्टर्स के फोन टेप किये गये
मामला  वर्ष 2020 का है। उस समय IPS अफसर रश्मि शुक्ला इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर थीं। उन्होंने 25 अगस्त 2020 को एक खुफिया रिपोर्ट तत्कालीन DGP सुबोध जायसवाल को भेजी थी। इसमें कई IPS अफसरों और मिनिस्टर्स के फोन टेप किये जाने के बाद उनकी बातचीत का ब्यौरा था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर में भ्रष्टाचार किया गया है। जायसवाल ने ये रिपोर्ट अपनी नोटिंग के साथ तत्कालीन ACS होम सीताराम कुंटे को सौंपकर जांच की मांग की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र के एक्स CM देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में बड़े ट्रांसफर रैकेट का आरोप लगाया था। उन्होंने कई घंटों की रिकॉर्डिंग सेंट्रल होम सेकरेटरी को सौंपी थी।

इंटेलिजेंस कमिश्नर ने बिना आदेश फोन टेप कराये
पूरे मामले में इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर रहीं IPS अफसर रश्मि शुक्ला सवालों के घेरे में हैं। रश्मि पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ बिना इजाजत कई लोगों के फोन टेप किये, बल्कि इसके रिकॉर्ड विरोधी पार्टियों के नेताओं को लीक कर अपने पद का दुरुपयोग किया। रश्मि शुक्ला ने 2019 के दौरान फोन टेप कराये थे। महाराष्ट्र के DGP संजय पांडे के आदेश पर मार्च के लास्ट वीक में इस मामले में मुंबई की साइबर सेल में एक FIR रजिस्टर हुई थी। हालांकि, यह FIR अननोन के खिलाफ थी। 

चीफ सेक्रेटरी ने की थी शुक्ल के खिलाफ जांच
रश्मि शुक्ला के खिलाफ इससे पहले स्टेट के चीफ सेक्रेटरी सीताराम जे कुंटे ने भी जांच की है। इसकी रिपोर्ट सीएम उद्धव ठाकरे को सौंपी गई है। रिपोर्ट में रश्मि शुक्ला पर फोन टैपिंग करने और गलत आधार पर जानकारी देने का आरोप लगाया गया है। इतना ही नहीं उन पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगा था। रिपोर्ट में कहा गया कि IPS अधिकारी शुक्ला ने इंडियन टेलीग्राफ अधिनियम के तहत फोन टैपिंग के लिए ऑफिसियल अनुमति का दुरुपयोग किया है। शुक्ला ने देश की सुरक्षा मामले को आधार बताकर फोन टैपिंग की इजाजत ली थी, लेकिन उन्होंने सरकार को गुमराह कर पर्सनल कॉल रिकॉर्ड किये।
फोन टेपिंग को लेकर माफी मांगी थी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गलत आधार पर फोन टैपिंग की इजाजत मांगे जाने को लेकर जब रश्मि शुक्ला से जवाब मांगा गया तो उन्होंने गलती स्वीकार की। माफी मांगते हुए रिपोर्ट वापस लेने की बात कही थी। उन्होंने उस दौरान अपने पति के कैंसर से निधन और बच्चों की पढ़ाई का भी हवाला दिया था। उन्होंने CM और तत्कालीन होम मिनिस्टर अनिल देशमुख से मिलकर माफी की गुजारिश की थी। पारिवारिक स्थिति को देखते हुए उन्हें सेंट्रल डिपुटेशन पर भेज दिया गया था।