Bokaro: जमीन के 30 लाख रुपये के विवाद में हुई थी विष्णु शर्मा की मर्डर, मुख्य आरोपी अरेस्ट

झारखंड के बोकारो जिले के चास फुदनीडीह निवासी विष्णु शर्मा की मर्डर 30 लाख रुपये के विवाद में हुई थी। सनोज सिंह ने अपने सहयोगी अजीत सिंह के साथ मिलकर 19 मई की गोली मारकर विष्णु की मर्डर कर दी थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी सनोज को अरेस्ट कर लिया है। एक आरोपी अजीत सिंह पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर जेल जा चुका है। 

Bokaro: जमीन के 30 लाख रुपये के विवाद में हुई थी विष्णु शर्मा की मर्डर, मुख्य आरोपी अरेस्ट
विष्णु शर्मा की मर्डर केस का मुख्य आरोपी अरेस्ट।

बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले के चास फुदनीडीह निवासी विष्णु शर्मा की मर्डर 30 लाख रुपये के विवाद में हुई थी। सनोज सिंह ने अपने सहयोगी अजीत सिंह के साथ मिलकर 19 मई की गोली मारकर विष्णु की मर्डर कर दी थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी सनोज को अरेस्ट कर लिया है। एक आरोपी अजीत सिंह पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर जेल जा चुका है। 

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चास एसडीपीओ पुरुषोत्तम सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में उक्त जानकारी दी। एसडीपीओ ने बताया कि सनोज ने जमीन को लेकर उसने विष्णु शर्मा के माध्यम से मृत्युंजय शर्मा को 30 लाख रुपये दिया था। लेकिन उसे न तो जमीन नहीं मिली और न ही रुपये। इधर सनोज लगातार विष्णु शर्मा से पैसा लौटने के लिए तगादा कर रहा था। पैसा मांगने पर मृत्युंजय शर्मा आनाकानी करने लगा। इस कारण सनोज व विष्णु के बीच विवाद होने लगा। 19 मई की रात भी विष्णु व सनोज के बीच विवाद हुआ। इसके बाद सनोज ने अपने सहयोगी अजीत सिंह के साथ मिलकर विष्णु शर्मा को गोली मार दी थी।

नौ गोली व छह पीस खोखा बरामद

एसडीपीओ ने बताया कि कांड में अभियुक्त होने के कारण अजीत सिंह ने 25 मई को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। वह मंडल कारा चास में बंद है। मामले में आरोपी अन्य की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी का गठन किया गया था। 14 जुलाई को पता चला कि सनोज सिंह पटना में है, लेकिन वह कार (जेएच02भी-3611) से रांची आ गया। पुलिस टीम 18 जुलाई को रांची पहुंची और रांची पुलिस के सहयोग से चुटिया पुलिस स्टेशन एरिया के बहुबाजार मेन रोड पर कार का पीछा करते हुए उसे पकड़ लिया गया। उसके पास से 315 एमएम की नौ गोली व छह पीस खोखा बरामद किया गया।

विष्णु के कारण सनोज का भारी नुकसान हुआ

वहीं सनोज ने जानकारी दी है कि वह पीएनबी के माध्यम से ऑक्शन हुई एक जमीन खरीदी है। जमीन में बाउंड्रीवाल देने लगा है। इसको लेकर विष्णु व उसके परिजन विरोध करने लगे। बाद में विष्णु पांच लाख रुपये और मांगने लगा। इन्हीं विवादों की वजह से उसे काफी नुकसान हुआ। सनोज ने यह भी बताया है कि घटना के दिन सेक्टर वन में शनि मंदिर के पास वह अजीत के साथ विष्णु को अपने घर की ओर ले आया। वहां विष्णु ने आते ही रुपयों की मांग की। इसपर उसे गुस्सा आ गया। वह विष्णु से रुपये घर से लाने की बात कहकर निकला। घर में लगे सीसीटीवी कैमरों का पहले उसने तार तोड़ दिया। इसके बाद घर की अलमारी में बंद लोडेड राइफल लेकर वह आया। विष्णु ने उसकी राइफल पकड़ ली तो तुरंत उसने उसके सीने में तीन गोलियां उतार दी। मौके पर मौजूद अजीत ने भी अपने साथ लाये पिस्टल से विष्णु पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई तो वह लोग भाग गये। अजीत ने कोर्ट में सरेंडर कुछ दिनों पहले किया था।

होमगार्ड का जवान भी है सनोज 
सनोज ने पुलिस को जानकारी दी है कि वह पहले नेतुला ट्रैवल्स नामक से एजेंसी चलाता था। वह 2009 में होमगार्ड में बहाल हो गया। कुछ दिनों बाद वह जमीन का कारोबार करने लगा, इसमें अच्छी आमदनी होने लगी। पीएनबी फुदनीडीह में जमीन ऑक्शन कर रहा था। इसे उसने लिया और चारदीवारी करने लगा तो विष्णु ने विरोध दर्ज किया और पांच लाख रुपयों की मांग की। उसने विष्णु को अपने साथ मिला लिया।  इसके बाद जरीडीह पुलिस स्टेशन में एक प्लांट कर्मी को पीटने के आरोप में उसपर एफआइआर हुई। इस घटना में विष्णु भी उसके साथ था। वह जेल गया और जब जमानत पर बाहर निकला तो विष्णु ने अपनी बेल कराने के लिए उससे रुपये लिये। मृत्युंजय शर्मा के पास विष्णु ही उसे ले गया था।विष्णु ने तीस लाख रुपये उससे जमीन के लिए दिलवा दिये। जब वह जेल से बाहर आया तो जमीन की मांग मृत्युंजय शर्मा से की। इसपर उसने कहा कि रेट बढ़ गया है, तब उसने रुपयों की मांग की तो उसने रुपये देने से इनकार कर दिया और कहा कि विष्णु से जाकर समझो। विष्णु ने भी कहा कि तुमको रुपये नहीं मिलेंगे।

विष्णु के पिता ने दर्ज कराई थी एफआइ्आर
मृतक के पिता भागीरथ शर्मा की शिकायत पर प्राथमिकी हुई थी। भागीरथ ने पुलिस को बताया था कि उनका पुत्र विष्णु घर में था। दोपहर बाद ढाई बजे के लगभग शिवपुरी कॉलोनी निवासी तपेश्वर सिंह का पुत्र सनोज सिंह और शिव शक्ति नगर के हरेराम सिंह का पुत्र अजित सिंह उनके घर कार से आये। उनसे विष्णु के बारे में पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या काम है?इसपर घर आये सनोज ने कहा जमीन का कुछ काम है। मृतक के पिता ने बताया था कि सनोज से इसके बाद वह यह कहे कि तुम तो मेरे बेटे को धमकी देते रहते थे। अब क्यों खोजने आये हो। इसपर दोनों ने कहा कि यह पुरानी बात हो गई और विष्णु से उनलोगों का समझौता हो गया है।इसके बाद दोनों कार से चले गए तो इनके साथ बाइक से बेटा विष्णु भी चला गया। शाम को छोटा बेटा राकेश शर्मा घर लौटा। रोते हुए उसने बताया कि वह चेकपोस्ट से शिवपुरी कॉलोनी होते हुए अपने घर लौट रहा था। रास्ते में देखा कि सनोज सिंह के साथ उसके पुत्र के अलावा अमित व दो अन्य व्यक्ति भाई विष्णु को खदेड़कर गोली मार रहे हैं। भाई बचाओ-बचाओ चिल्ला रहा है। इसके बाद सनोज ने उसकी ओर भी गोली चला दी। वह मौके से भागकर अपने घर आ गया। इसके बाद वह लोग बॉडी को जाकर देखे। बॉडी की पहचान के बाद एफआइआर दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि पहले भी सनोज धमकी देता रहता था।

मेरे ऊपर लगा आरोप बिल्कुल निराधार:मृत्युंजय शर्मा 
वहीं मृत्युंजय शर्मा का कहना है कि विष्णु शर्मा मर्डर केस को लेकर वह एक्स एमएलए योगेश्वर महतो बाटुल, उमाकांत रजक, जेएमएम के केंद्रीय महासचिव संतोष रजवार के साथ मिलकर थाना से लेकर एसपी, डीसी व डीजीपी को ज्ञापन देकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करते रहा है। इसी कारण सनोज सिंह ने सामाजिक एवं राजनीतिक छवि धूमिल करने के प्रयास करने के इरादे से मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाया है। जबकि उसे जानता तक नहीं है। वहीं, विष्णु शर्मा से भी कोई संपर्क नहीं है।