बोकारो: चास सर्किल इंस्पेक्टर के रीडर को ACB ने 25 हजार रुपये घूस लेते किया अरेस्ट, इंस्पेक्टर पर भी FIR

झारखंड के बोकारो जिले के चास मुफ्फसिल सर्किल इंस्पेक्टर के रीडर सह मुंशी विकास कुमार को को ACB की टीम ने 25 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ अरेस्ट किया है। इस दौरान मुंशी भागने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका। एसीबी धनबाद में कांस्टेबल विकास कुमार व सर्किल इंस्पेक्टर सुजीत कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

बोकारो: चास सर्किल इंस्पेक्टर के रीडर को ACB ने 25 हजार रुपये घूस लेते किया अरेस्ट, इंस्पेक्टर पर भी FIR

बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले के चास मुफ्फसिल सर्किल इंस्पेक्टर के रीडर सह मुंशी विकास कुमार को को ACB की टीम ने 25 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ अरेस्ट किया है। इस दौरान मुंशी भागने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका। एसीबी धनबाद में कांस्टेबल विकास कुमार व सर्किल इंस्पेक्टर सुजीत कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

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एसीबी टीम का नेतृत्व डीएसपी नितिन खंडेलवाल कर रहे थे। धनबाद एसीबी की टीम ने उक्त कार्रवाई बोकारो जिला के पिंड्राजोरा पुलिस स्टेशन एरिया के देवानगंज निवासी मोतीलाल रजवार कंपलेन किया है। एसीबी द्वाका पकड़ा गया कांस्टेबल विकास कुमार कोडरमा जिला के जयनगर पुलिस स्टेशन (तिलैया डैम ओपी) के कांती गांव का रहने वाला है। एसीबी टीम ने धनबाद कोर्ट में पेशी के बाद मुंशी को जेल भेज दिया है। 

केस मैनेज करने के नाम पर मुंशी ले रहा था रुपये

मोतीलाल रजवार ने बताया कि उन्होंने पैतृक संपत्ति पर अवैध कब्जाधारी पर टाइटल सूट फाइल किया था। विपक्षी से मिलकर पिंड्राजोरा पुलिस स्टेशन के पुलिस अफसर ने उसके नाम से झूठा एफआइआर कांड संख्या 60 / 2022 दर्ज कर जेल भेज दिया। उक्त जमीन पर अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा था। जेल से बेल पर निकलने के बाद पता चला कि उनके खिलाफ एक अन्य मामला कांड संख्या 80/2022 पिंड्राजोरा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। इस केस को मैनेज तथा उसके पक्ष में करने के लिए सर्किल इंस्पेक्टर सुजीत कुमार एवं उनके मुंशी विकास कुमार ने 50 हजार रुपये मांग रहे थे। उन्होनों इंस्पेक्टर व मुंशी के खिलाफ धनबाद एसीबी में कंपलेन किया। एसीबी की टीम ने मामले की सत्यापन आरोप को सही पाया। एसीबी में इंस्पेक्टर व मुंशी के खिलाफ पीसी एक्ट में एफआइआर दर्ज की गयी।

मुंशी भागने का किया प्रयास

एसीबी की टीम के अनुसार, मोतीलाल घूस का 25 हजार रुपये देने के लिए सर्किल इंस्पेक्टर के ऑफिस गया। वहां पहले से विकास मौजूद था। मोतीलाल ने उसे रुपये दिये जिसे एसीबी की टीम ने रंगेहाथ अरेस्ट कर लिया। इसी दौरान विकास हाथ छुड़ाकर भागने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका।