बिहार: पूर्णिया के एसपी दयाशंकर व गया के एक्स एसपी आदित्य कुमार सस्पेंड

बिहार गवर्नमेंट ने भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप में दो आइपीएस अफसरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। आइपीएस आदित्य कुमार व दायशंकर को सस्पेंड किया गया है।

बिहार: पूर्णिया के एसपी दयाशंकर व गया के एक्स एसपी आदित्य कुमार सस्पेंड

पटना। बिहार गवर्नमेंट ने भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप में दो आइपीएस अफसरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। आइपीएस आदित्य कुमार व दायशंकर को सस्पेंड किया गया है।

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हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बन डीजीपी एसके सिंघल को फोन करने के मामले में गया के एक्स एसएसपी एवं वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (निरीक्षण) आदित्य कुमार को सस्पेंड किया गया है। वहीं आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्णिया के एसपी दयाशंकर को सस्पेंड किया गया है। होम डिपार्टमेंट ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है। सस्पेंड की अवधि में दोनों आइपीएस अफसरों का हेडक्वार्टर आइजी सेंट्रल रेंज का ऑफिस होगा। इस दौरान अफसरों को केवल जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। अब जल्द ही दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग भी शुरू की जायेगी।
दयाशंकर ने किया अवैध वसूली
2014 बैच के आइपीएस पूर्णिया के एसपी रहे दयाशंकर के खिलाफ जूनियर पुलिस अफसरों की मिलीभगत से अवैध वसूली करने के आरोप लगे। एवीयू ने 11 अक्टूबर को एसपी दयाशंकर के साथ सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह, एसपी के रीडर नीरज कुमार सिंह व सिपाही सावन कुमार (टेलीफोन डयूटी) के ठिकानों पर रेड की। इसमें एसपी के पास आय से करीब 72 लाख रुपये अधिक संपत्ति मिली थी। इस मामले में पूर्णिया के सदर थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी पहले ही सस्पेंड किये जा चुके हैं। 
आदित्य ने डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग से बचने को रचा षड्यंत्र
2011 बैच के आइपीएस आदित्य कुमार पर गया में एसएसपी रहते उनपर शराब माफिया से सांठ-गांठ के आरोप लगे थे, जिसकी डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग चल रही है। इस मामले में बचने के लिए आदित्य ने अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर फर्जी काल की साजिश रची। इसमें पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को काल कर दबाव बनाया गया। इस मामले में आदित्य कुमार पर एफआइआर भी हुई है। फिलहाल वह ड्यूटी से गायब हैं।

CM हाउस को लगी भनक तो खुला आदित्य के कारनामों का राज
पटना हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनकर जालसाज अभिषेक अग्रवाल इस वर्ष अगस्त से ही डीजीपी एसके सिंघल से बात कर रहा था। इस बीच वह सीनीयर आइएएस अफसरों को भी फोन कर अपने दोस्त आइपीएस आदित्य कुमार की मनचाही पोस्टिंग के लिए पैरवी करने लगा। जानकार सोर्सेज के अनुसार, इस बीच पैरवी की खबर सीएम हाउस तक भी पहुंची। इस पर सीएम हाउस के अफसरों को शक हुआ। सीएमओ ने तुरंत संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को पूरे मामले की जांच ईओयू) को सौंपी दी। इसके बाद एडीजी नैयर हसनैन खान के नेतृत्व में ईओयू ने 24 घंटे में पूरे मामले का खुलासा कर दिया।

गया में पदस्थापना के दौरान शराब के जिस मामले में आइपीएस आदित्य कुमार आरोपित थे, उसमें कुछ दिन पूर्व ही उन्हें आनन-फानन में क्लीनचिट दे दी गई है। इसके बाद अब अगली पैरवी जिला एसपी के रूप में तैनाती के लिए शुरू हुई। इसके लिए फर्जी चीफ जस्टिस बन डीजीपी के साथ टॉप आइएएस अफसर को भी काल कर पैरवी की गई। इस बीच पूर्णिया में एसपी रहे दयाशंकर पर विशेष निगरानी इकाई ने रेड की। उनकी जगह एसपी बनने की उम्मीद से अभिषेक ने आदित्य का नाम आगे बढ़ाया। बार-बार पैरवी के लिए फोन किया जाने लगा। इसकी खबर जब सीएम हाउस के सीनीयर अफसरों तक पहुंची तो जांच के बाद फर्जी चीफ जस्टिस का सच सामने आया।
आइपीएस आदित्य फरार, वारंट लेकर यूपी जाएगी पुलिस
फर्जी काल मामले में मेन एक्युज्ड आइपीएस आदित्य कुमार की खोज भी शुरू हो गई है। पुलिस की टीम आइपीएस के पटना स्थित आवास पर गई जहां से वह गायब मिले। इसके बाद ईओयू ने पुलिस हेडक्वार्टरसे आदित्य कुमार के गृहनगर का पता मांगा है, जो उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले में है। ईओयू सूत्रों के अनुसार, जल्द ही आइपीएस आदित्य के विरुद्ध कोर्ट से वांरट लेकर बिहार पुलिस यूपी जायेगी।