बिहार: 12 तो नहीं पर मधेपुरा के बुजुर्ग ने कोरोना वैक्सीन की आठ डोज लगवाई, CoWIN की खामियां उजागर

बिहार के मधेपुरा निवासी बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल (84)ने 12 डोज वैक्सीन लेने का दावा किया था, उसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि उसने दो से ज्यादा डोज ली है। हालांकि उसने 12 नहीं आठ डोज ली है।

बिहार: 12 तो नहीं पर मधेपुरा के बुजुर्ग ने कोरोना वैक्सीन की आठ डोज लगवाई, CoWIN की खामियां उजागर

पटना। बिहार के मधेपुरा निवासी बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल (84)ने 12 डोज वैक्सीन लेने का दावा किया था, उसकी जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि उसने दो से ज्यादा डोज ली है। हालांकि उसने 12 नहीं आठ डोज ही ली है।

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कोविशिल्ड की सभी डोज उसने अपने जिले में ही अलग अलग महीनों में पिछले साल मार्च से इस साल 10 जनवरी के बीच लगवाई है। एक व्यक्ति का एक ही आधार कार्ड और मोबाइल नंबर पर आठ डोज वैक्सीनेशन ने सरकारी वेबसाइट कोविन की खामियों को भी उजागर कर दिया है।  मामले की जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन को मिल गयी है। मधेपुरा के पुरैनी पुलिस स्टेशन में ओरई गांव के रहने वाले ब्रह्मदेव को आठ डोज लगी है।

एक ही दिन दो डोज लेने के बाद भी सर्टिफिकेट जारी हो गया

वैक्सीन सर्टिफिकेट के अनुसार इन टीकों को 13 मार्च से सात नवंबर 2021 के बीच लिया गया है।एक सर्टिफिकेट (beneficiary reference ID 570390402565) के अनुसार ब्रह्मदेव मंडल ने दो डोज 13 अप्रैल को एक ही दिन ली थी। जांच रिपोर्ट में अफसर ने भी इस बात पर आश्चर्य जताया है कि कैसे एक ही दिन दो डोज लेने के बाद भी सर्टिफिकेट जारी हो गया। जबकि दो डोज के बीच कम से कम 28 दिन का गैप अनिवार्य है। 

कोविन पोर्टल ने मई के बाद लगवाई गई दो डोज के बीच गैप 84 दिन नहीं रखा
एक अन्य सर्टिफिकेट (beneficiary reference ID 5701479124460) के अनुसार बुजुर्ग ने दो डोज 33 दिन के गैप पर पिछले साल 21 जून और 24 जुलाई को लिया था। सेंट्रल गवर्नमेंट ने पिछले साल 12 मई को दो डोज के बीच का गैप 28 से 42 दिन से बढ़ाकर 84 दिन कर दिया था। सवाल उठता है कि कैसे कोविन पोर्टल ने मई के बाद लगवाई गई दो डोज के बीच गैप 84 दिन नहीं रखा। तीन वैक्सीन सर्टिफिकेट पर बुजुर्ग की उम्र 84 साल और एक सर्टिफिकेट पर 67 साल अंकित है। बुजुर्ग ने सभी डोज अपने ही जिले में अलग अलग सेंटरों पर लगवाई है। उन्होंने पुरैनी हेल्थ सब सेंटर, पुरैनी प्राइमरी हेल्थ सेंटर, पुरैनी अतिरिक्त प्राइमरी हेल्थ सेंटर और पुरैनी मिडिल स्कूल पर लगे कैंप में वैक्सीन लगवाई है। 

कड़ी लेवल पर गड़बड़ी उजागर

आधार कार्ड के अंतिम चार अंक दो सर्टिफिकेट पर लिखे आधार नंबर से मैच करते हैं। दो अन्य सर्टिफिकेट पर 12 अंकों का आधार नंबर पूरी तरह छिपा हुआ है। हेल्थ अफसरों का मानना है कि बुजुर्ग ने ग्रामीण इलाकों में  वैक्सीनेश कैंप में ज्यादातर डोज ली है। वहां कोविन पोर्टल पर तत्काल एंट्री और टैबलेट जैसी सुविधाएं नहीं होंगी। हो सकता है कि वहां पर एएनएम के पास इंटरनेट का इश्यू आ रहा हो। या वैक्सीनेशन में लगाई गई एएनएम टेक्नालॉजी से ज्यादा परिचित नहीं रही हो। संभावना है कि वैक्सीन लगाने के दौरान आधार कार्ड की कापी लेकर ऑफलाइन ही डाटा कलेक्टर किया जाता रहा हो और बाद में उसे कोविन पोर्टल पर चढ़ाया गया हो। वैक्सीनेशन को लेकर दिये गये टार्गेट को भी इन सभी के पीछे कारण माना जा रहा है।  
मधेपुरा के सिविल सर्जन के रूप में कार्य करने वाले अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अब्दुल सलाम ने कहाकि हमने मंडल के दावे पर अपनी रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य सोसायटी, बिहार (एसएचएसबी) के कार्यकारी निदेशक को आठ जनवरी को सौंप दी।