बिहार: रूपेश मर्डर केस में पुलिस थ्योरी से अहत हैं फैमिली मेंबर, अनदेखी से ब्रह्मर्षि समाज में आक्रोश

बिहार की राजधानी पटना के चर्चित रूपेश मर्डर केस का खुलासा का दावा करने वाली पुलिस की थ्योरी पर परिजन व आमलोगों को भरोसा है। मामले में सियासत तेज हो गयी है। विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ-साथ ब्रह्मर्षि समाज में सुशासन बाबू व पटना पुलिस की रोल के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा है। 

बिहार: रूपेश मर्डर केस में पुलिस थ्योरी से अहत हैं फैमिली मेंबर, अनदेखी से ब्रह्मर्षि समाज में आक्रोश
  •  चारों से उठ रही है CBI जांच की मांग 

पटना। बिहार की राजधानी पटना के चर्चित रूपेश मर्डर केस का खुलासा का दावा करने वाली पुलिस की थ्योरी पर परिजन व आमलोगों को भरोसा है। पुलिस की दावा की जानकारी मिलने पर रुपेश की वाइफ रोते-रोते बेहोश हो गयी थी।  मामले में सियासत तेज हो गयी है। विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ-साथ ब्रह्मर्षि समाज में सुशासन बाबू व पटना पुलिस की रोल के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा है। 

सुशासन पार्टी के नेताओं ने पीड़ित परिवार की अनदेखी की

आरोप लग रहा है कि रुपेश की मर्डर के बाद सत्ता से जुड़े एक दल के किसी बड़े लीडर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात नहीं की। यहां तक कि परिजनों को सुरक्षा भी उपलब्ध नहीं करायी गयी है। घटना के बाद से ही सुशासन में मामले को दूसरी ओर मोड़ने की कोशिश की गयी। ऐसे में आरजेडी व राजनीतिक दल सवाल उठा रहे हैं कि मामले मे मास्टरमाइंड को बचाने की कोशिश की गयी। हाल के दिनों में पहली बार ब्रह्मर्षि समाज से जुड़े लीडरों काकिसी मामले पर गवर्नर से मुलाकात हुई है।

पुलिस का दावा अपने आप में संदेहास्पद
एक ओर जहां पुलिस दावा कर रही है टेक्नीकल अनुसंधान से खुलासा का दावा कर रही है जो सवालों के घेरे में है। एक ओर आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने इस केस को लेकर जहां मोर्चा खोल रखा है वहीं अब कई एक्स मिनिस्टर भी अब सामने आ गये हैं। पुलिस वहीं अपनी पीठ थपथपाते हुए कई तर्क पेश कर रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य आरोपी ऋृतुराद द्वारा केवल यह बताना कि एसएसपी साहब जो बोल रहे हैं सही है। और, अपनी बातों को नहीं रखना भी संदेह के घेरे में है।

सुशासन में निशाने पर एक खास वर्ग के लोग?

आरपो लग रहे हैं कि रूपेश सिंह जिस समाज से आते हैं वह सुशासन के निशाने पर हैं। बिहारशरीफ में समाज के साथ दरिंदगी हो या जहानाबाद में एक मिनिस्टर के करीबी द्वारा मर्डर इन मामले में पुलिस को रोल सबके सामने हैं। आरोप लग रहे हैं भले ही सुशासन में समाज से जुड़े आइएएस व आइपीएस कैसे उपेक्षति हैं। कैसे पूर्व की तरह एक वर्ग विशेष का किसी लेवल का अफसर सेटिंग में नहीं है। पूर्व की गवर्नमेंट की तरह इस वर्ग को हर लेवल पर अनदेखी किये जाता है। 

तीन फरवरी को एसएसपी ने रूपेश मर्डर केस का खुलासा करने का किया दावा उठ रहे ये सवाल
रोड एक्सीडेंट के बाद थप्पड़ मारने से गुस्से में हत्या करने के हत्यारे के बयान को पुलिस क्यों सही मान रही है?

पुलिस के अनुसार जिसने कभी गोली नहीं चलायी और न ही क्रिमिनल रिकॉर्ड है, वह कांट्रेक्ट किलरों की तरह गोली कैसे चला सकता है। क्योंकि एक भी गोली नहीं चूकि और रूपेश सिंह को छह में से छह गोली लगी थी।

आरोपी व रूपेश सिंह की गाड़ी में टक्कर होने की पुष्टि क्यों नहीं की गयी? गाड़ी किस गैराज में बनायी गयी थी, इस सवाल का जवाब भी पुलिस के पास नहीं है।

पिता पर तान दी थी पिस्तौल
बताया जाता है कि ऋतुराज सिंह काफी बिगड़ैल स्वभाव का है।उसकी दोस्ती कंकड़बाग, पत्रकार नगर, जक्कनपुर के साथ ही पटना के अन्य इलाकों के बदमाशों से थी। उसे पिस्तौल रखने का काफी शौक था। उसके माता-पिता भी यह बात जानते थे। पिता मनोरंजन सिंह ने जब एक बार डांटा था, तो उसने पिस्तौल तान दी थी। जान से मारने की धमकी दी थी।सने अपनी मां से कहा कि वह पिता को उसके काम में रोक-टोक करने से मना कर दें।  उसके पास और भी आर्म्स थे। हलांकि पुलिस रेड में केवल एक पिस्तौल और कुछ कारतूस बरामद कर पायी है। 

उपन्यास भी पढ़ता था

रितुराज अपने घर में उपन्यास पढ़ता था। उसे हर विषय के बारे में जानकारी थी। उसका सामान्य ज्ञान भी बहुत अच्छा था। जब पुलिस अफसरों ने प्रतियोगी परीक्षाओं में आने वाले कुछ सवाल दागे तो रितुराज ने फौरन उसका जवाब दिया। पुलिस के सामने अंग्रेजी में की बात 
यहां तक कि पूछताछ के दौरान उसने पुलिस के सामने अंग्रेजी में बात की। कई सवालों के जवाब अंग्रेजी में ही दिये। पढ़ा-लिखा होने के कारण उसे पता था कि वह पुलिस को किस तरह से चकमा दे सकता है। 

टाइमलाइन
12 जनवरी: पुनाईचक में हुई रूपेश सिंह की मर्डर
13 जनवरी:  एसआईटी का गठन, जांच शुरू 
27 जनवरी: पुलिस ने रूपेश के कातिल की पहचान किया 
दो फरवरी: पुलिस ने रितुराज को अरेस्ट किया