बिहार: कांग्रेस लीडर सदानंद सिंह का निधन, CM नीतीश कुमार व लालू-तेजस्वी ने जताया शोक

बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व सीनीयर कांग्रेस लीडर सदानंद सिंह  का बुधवार की सुबह पटना के एक प्राइवेट हॉस्पीटल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे लंबे समय से लिवर सिरोसिस की बीमारी से पीडि़त थे। सदानंद के निधन के साथ ही बिहार में कांग्रेस के एक युग का अंत हो गया है।

बिहार: कांग्रेस लीडर सदानंद सिंह का निधन, CM नीतीश कुमार व लालू-तेजस्वी ने जताया शोक
सदानंद सिंह (फाइल फोटो)।

पटना। बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व सीनीयर कांग्रेस लीडर सदानंद सिंह  का बुधवार की सुबह पटना के एक प्राइवेट हॉस्पीटल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे लंबे समय से लिवर सिरोसिस की बीमारी से पीडि़त थे। सदानंद के निधन के साथ ही बिहार में कांग्रेस के एक युग का अंत हो गया है।

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उनके निधन पर सीएम नीतीश कुमार,आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव , प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा व अखिलेश प्रसाद सिंह ने शोक जताया है। कांग्रेस के समेत सदानंद सिंह का अंतिम संस्कातर राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा।

कहलगांव से नौ बार रहे एमएलए

सदानंद सिंह कांग्रेस ही नहीं, बिहार के सबसे बुजुर्ग व बड़े लीडरों में शामिल रहे। वे बिहार विधानसभा के अध्यक्ष व लंबे समय तक कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे थे। उन्होंंने भागलपुर की कहलगांव विधानसभा सीट का नौ बार प्रतिनिधित्व किया। मूलत: भागलपुर जिले कहलगांव अनुमंडल के धुआवै उनका पैतृक घर था।सदानंद सिंह ने बीकॉम एलएलबी तक की पढ़ाई की थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कहलगांव के शारदा पाठशाला से हुई। जहां से उन्होंबने मैट्रिक की थी। वे शुरू से ही कांग्रेस में रहे। भागवत झा आजाद ने इन्हेंक कांग्रेस में लाया था। 1969 से वे राजनीति में सक्रिय थे। पहली बार 1972 में चुनाव लड़े और एमएलए बने। इसके बाद लगातार चार तक एमएलए रहे। इसके बाद दो बार आरजेडी कैंडिडेट महेश प्रसाद मंडल ने इन्हें पराजित कर दिया। दो बार हारने के बाद वे पुन: जीते। इसके बाद उन्हेंव जेडीयू कैंडिडेट अजय कुमार मंडल (भागलपुर के वर्तमान जेडीयू एमपी) ने इन्हें पराजित किया। इसके बाद हुए चुनाव में फिर सदानद सिंह चुनाव जीत गये।

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आठ जुलाई से थे बीमार

सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश के अनुसार उनके पिता की तबीयत आठ जुलाई से खराब थी। पहले उन्हें दिल्ली में डाक्टरों की निगरानी में दो सप्ताह तक रखा गया। फिर, पटना लाया गया। अगस्त में फिर तबीयत बिगड़ने पर उन्हेंु पटना के दानापुर के क्यू रिस हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था।भागलपुर जिले के कहलगांव से नौ बार एमएलए रहे सदानंद सिंह ने वर्ष 2020 में उन्होंलने राजनीति से सन्यारस ले लिया था। वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में उन्होंरने अपने पुत्र शुभानंद मुकेश को कांग्रेस से टिकट दिलाया। हालांकि वे चुनाव हार गये।

वह कहलगांव से आठ बार कांग्रेस से एक बार निर्दलीय एमएलए बने। राजनीति में प्रवेश 1967 में इंट्री कर वह कांग्रेस के सदस्य बने। आजीवन कांग्रेस से जुड़े रहे। 1969 में पहली बार एमएलए बने थे। 1990 तक लगातार एमएलए रहे थे। 2000 में पुनः एमएलए चुने गये। इस दौरान राजद गठबंधन की सरकार में विधानसभा अध्यक्ष बने थे। 2005 में चुनाव हार गये थे। पुनः 2010 एवं 2015 में पुनः विधायक चुने गये थे।1980 में सदानंद सिंह को कांग्रेस ने टिकट नहीं  दिया तो  वे निर्दलीय चुनाव जीत गये। हालांकि इसके बाद वे फिर कांग्रेस में चले गये। वे आजीवन कांग्रेसी थे। इस बार अपने चुनाव नहीं लड़कर पुत्र शुभनंद मुकेश को चुनाव लड़ाया। वे चुनाव हार गये थे। जगन्नाथ मिश्रा मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सिंचाई राज्य मंत्री व श्रम मंत्री बने थे। भागलपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रहे थे।