बिहार: सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह 22 फरवरी को आयेंगे पटना, किसान समागम में लेंगे भाग

प्रसिद्ध किसान नेता और समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर 22 फरवरी को पटना में किसान-मजदूर समागम का आयोजन किया जायेगा। बीजेपी के राज्यसभा मेंबर विवेक ठाकुर के नेतृत्व गांधी मैदान के पास स्थित बाबू सभागार में आयोजित किसान-मजदूर समागम में सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह चीफ गेस्ट होंगे।

बिहार: सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह 22 फरवरी को आयेंगे पटना, किसान समागम में लेंगे भाग
  • स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के बहाने सवर्ण समाज साधने की पहल
  • बीजेपी के राज्यसभा मेंबर विवेक ठाकुर के नेतृत्व आयोजित हो रहा है किसान-मजदूर समागम

पटना। प्रसिद्ध किसान नेता और समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर 22 फरवरी को पटना में किसान-मजदूर समागम का आयोजन किया जायेगा। बीजेपी के राज्यसभा मेंबर विवेक ठाकुर के नेतृत्व गांधी मैदान के पास स्थित बाबू सभागार में आयोजित किसान-मजदूर समागम में सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह चीफ गेस्ट होंगे।

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राज्यसभा मेंबर विवेक ठाकुर ने बीजेपी प्रसिडेंट डॉ संजय जायसवाल के साथ शनिवार को प्रेस कांफ्रेस उक्त जानकारी दी। विवेक ठाकुर ने कहा कि प्रसिद्ध किसान नेता और समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती की कर्मभूमि रही बक्सर में किसानों के साथ बर्बर कार्रवाई के विरोध में 22 फरवरी को सहजानंद की जयंती पर पटना में किसान-मजदूर समागम का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम में चीफ गेस्ट और मुख्य वक्ता सेंट्रल होम व सहकारिता मिनिस्टर अमित शाह होंगे। उन्होंने बताया कि किसान समागम को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करने के लिए होम एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि समारोह में प्रदेशभर के किसानों को बुलाया जायेगा। 
समाज के सभी वर्गों के उत्थान की बात करते थे सहजानंद सरस्वती
राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती आधुनिक भारत के सबसे बड़े किसान नेता एवं महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जीवन अनुकरणीय है। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज हित में लगाया। एक तपस्वी के भांति उन्होंने अपना जीवनयापन किया। यह सौभाग्य की बात है कि उनकी कर्मस्थली बिहार रही। ठाकुर ने कहा कि वे एक युगदृष्टा थे। हमेशा समाज के सभी वर्गों के उत्थान की बात करते थे। 1927 में उन्होंने किसान सभा की स्थापना की और उसका केंद्र पटना के बिहटा को बनाया। वहीं से उन्होंने किसान आंदोलन को संचालित किया। बिहटा स्थित उनके आश्रम में सुभाष चंद्र बोस भी उनसे मदद मांगने आये थे।
सहजानंद जयंती और पुण्यतिथि पर बिहार में कोई भी राजकीय कार्यक्रम नहीं होता
विवेक ठाकुर ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि देश के सबसे बड़े किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती और पुण्यतिथि पर बिहार में कोई भी राजकीय कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता है। बिहार सरकार द्वारा बनाई गई डायरी व कैलेंडर में उनकी जयंती और पुण्यतिथि तक चिह्नित नहीं है।
पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे किसानों की चिंता 
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि लाकर सीधे किसानों की चिंता की। यूरिया की पहले विभिन्न इंडस्ट्री में पूरी तरह कालाबाजारी होती थी, उसे नीम कोटेड किया। देश के 80 करोड़ गरीब मजदूर परिवारों को मुफ्त राशन दे रहे हैं। पीएम ने इस कठिनतम दौर में प्रथम बार एक विश्वास का सहारा दिया है, जो अनुकरणीय है और संवेदनशीलता का मिसाल है।विवेक ठाकुर ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने अपनी नई यात्रा का नाम समाधान यात्रा रखा है। वे बक्सर गये और आनन-फानन में घूमकर निकल गये। चौसा के बेबस किसान बैठे रह गए, यही है समाधान यात्रा और यही है समाज में किसान की पहचान।
 प्रेस कांफ्रेस में बिहार बीजेपी के महामंत्री सुशील चौधरी और प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा के कई प्रदेश पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
ब्रह्मर्षि समाज को साधने की कोशिश
सहजानंद सरस्वती में भूमिहार और ब्राह्मण समाज की बड़ी आस्था मानी जाती है। किसानों के बड़े नेता रहे सहजानंद सरस्वती ब्रह्मर्षि समाज से आते हैं। विवेक ठाकुर भी इसी समाज से आते हैं। ऐसे में विवेक ठाकुर ने सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह करके अपने समाज को साधने की एक बड़ी पहल शुरू की है। सहजानंद सरस्वती में भूमिहार और ब्राह्मण समाज की बड़ी आस्था मानी जाती है। ऐसे में सवर्णों को साधने का एक बड़ा मंच तैयार किया जा रहा है।

पांच महीने के अंदर दूसरी बार अमित शाह बिहार आ रहे हैं। इससे पहले अक्टूबर में शाह जेपी की जन्मभूमि सारण जिले के सिताबदियारा आये थे। शाह इससे पहले सीमांचल के किशनगंज और पूर्णिया में 23 और 24 सितंबर 2022 को आये थे। वह  12 अक्टूबर को जेपी की जयंती के मौके पर छपरा के सिताबदियारा पहुंचे थे।अब एक बार फिर केंद्रीय गृहमंत्री 22 फरवरी 2023 को पटना पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह का यह दौरा राजनीतिक रूप से काफी व्यापक होगा। बापू सभागार जैसे बड़े मंच पर राजनीति की खूब बातें होंगी। शाह इस मंच से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हुंकार भरेंगे।