बी साईराम ने संभाला CIL चेयरमैन का पद, गुणवत्ता सुधार और मुनाफा बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती

कोल इंडिया लिमिटेड को नया चेयरमैन मिल गया है। बी साईराम ने संभाला पदभार, ईसीएल का करेंगे दौरा। गुणवत्ता सुधार, उत्पादन और मुनाफा बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती।

बी साईराम ने संभाला CIL चेयरमैन का पद, गुणवत्ता सुधार और मुनाफा बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती
बी साईराम (फाइल फोटो)।

कोलकाता।  देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) को नया नेतृत्व मिल गया है। सोमवार को बी साईराम ने औपचारिक रूप से कोल इंडिया के चेयरमैन पद का कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले वे नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) में अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (CMD) के रूप में सेवाएं दे रहे थे।

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पदभार ग्रहण करने के साथ ही बी साईराम ने सक्रिय रुख अपनाते हुए अपना पहला क्षेत्रीय दौरा तय कर लिया है। मंगलवार को वे ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) के आसनसोल क्षेत्र का दौरा करेंगे। इस दौरे को कोयला उत्पादन, आपूर्ति व्यवस्था और गुणवत्ता से जुड़े अहम मुद्दों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कोयला क्षेत्र में 34 वर्षों से अधिक का अनुभव

बी साईराम को कोयला उद्योग में 34 साल से अधिक का व्यापक अनुभव है। अपने लंबे करियर के दौरान उन्होंने खदान संचालन, परियोजना योजना, लॉजिस्टिक्स, उत्पादन प्रबंधन और नियामक प्रक्रियाओं जैसे अहम क्षेत्रों में जिम्मेदारियां निभाई हैं। 26 अक्टूबर 2022 को उन्होंने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL), रांची में निदेशक (तकनीकी–योजना एवं परियोजना) के रूप में पदभार संभाला था। इससे पूर्व वे कोल इंडिया लिमिटेड मुख्यालय में कार्यकारी निदेशक के पद पर भी कार्य कर चुके हैं।

मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि

शैक्षणिक रूप से भी बी साईराम का प्रोफाइल बेहद सशक्त है। वे एनआईटी रायपुर (NIT Raipur) से स्नातक खनन अभियंता हैं। इसके अलावा उन्होंने ऊर्जा प्रबंधन में पीजीडीएम की डिग्री भी हासिल की है। ऊर्जा संक्रमण और कोयला उद्योग में आ रहे संरचनात्मक बदलावों के दौर में उनका यह शैक्षणिक और तकनीकी अनुभव काफी अहम माना जा रहा है।

एनसीएल में अहम भूमिका निभा चुके हैं साईराम

गौरतलब है कि एनसीएल के पूर्व सीएमडी भोला सिंह के 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत्त होने के बाद बी साईराम को एनसीएल का नया सीएमडी नियुक्त किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने उत्पादन, प्रबंधन और परिचालन दक्षता से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिससे कंपनी के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिला।

गुणवत्ता और मुनाफे को लेकर बड़ी चुनौती

कोल इंडिया के नए चेयरमैन के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। मौजूदा समय में कंपनी को कोयले की गुणवत्ता को लेकर सबसे ज्यादा आलोचना और दबाव का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा कोयले की मांग में आई कमी ने भी कंपनी की रणनीति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इसके अलावा, हाल के वर्षों में कंपनी के मुनाफे में आई गिरावट, लागत नियंत्रण और परिचालन दक्षता बढ़ाना भी बी साईराम के सामने बड़ी जिम्मेदारी होगी। उद्योग जगत को उम्मीद है कि अपने लंबे अनुभव, तकनीकी समझ और प्रबंधन कौशल के बल पर वे कोल इंडिया को एक बार फिर गुणवत्ता, उत्पादन और लाभप्रदता के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।