नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में कैदी बॉयफ्रेंड से मिलने के लिए एनजीओ का मेंबर बताकर महिला चार दिन तिहाड़ जेल पहुंची

  • महिला ने चार दिनों में पांच घंटे जेल के अंदर बॉयफ्रेंड के साथ बिताये
  • जेल प्रशासन ने महिला के रेकॉर्ड्स को चेक नहीं किया
  • कैदी युवक ने परोल पर 26 दिन के लिए रिहा होने पर की महिला से मुलाकात
  • खुद को तिहाड़ जेल का स्टाफ बताते हुए महिला से की बातचीत की शुरुआत
  •  युवक महिला से शादी करना चाहता है
नई दिल्ली: एक महिला अपनी ओरिजनल पहचान छुपाकर एनजीओ मेंबर बता चार-चार दिन तिहाड़ जेल में अपने कैदी बॉयफ्रेंड से मिलने गई थी.महिला ने चार दिनों में पांच घंटे तिहाड़ जेल के अंदर बॉयफ्रेंड के साथ बिताये. जेल प्रशासन ने महिला के रेकॉर्ड्स को चेक नहीं किया. तिहाड़ जेल के अफसरों को महिला के बारे में पता नहीं चला. तिहाड़ जेल की सिक्युरिटी पर यह बड़ा सवाल खड़े करने वाला मामला है. महिला ने खुद को एक एनजीओ का सदस्य बताते हुए अपने बॉयफ्रेंड से मुलाकात के लिए तिहाड़ जेल में इंट्री की थी. मर्डर के आरोप में तिहाड़ जेल में जेल की बैरक नंबर दो में बंद हेमंत नामक युवक की एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट से महिला से संपर्क हुआा. युवक की महिला से बात शुरू हुई थी. युवक ने महिला से बातचीत में खुद को तिहाड़ जेल का स्टााफ बताया था. युवक बीते कुछ महीनों से महिला के संपर्क में था और जुलाई में 26 दिन की अपनी परोल के दौरान महिला से मुलाकात की थी. हेमंत ने महिला से शादी के लिए सहमति जताई थी, जिसकी पहली शादी से एक बच्ची भी है.कैदी हेमंत ने जेल कैंपस की इंडियन बैंक की ब्रांच में एक अकाउंट भी खुलवाया है. हेमंत ने इस बैंक अकाउंट में नॉमिनी के रुप में महिला का नाम दर्ज कराया है. पेरोल खत्म होने पर हेमंत तिहाड़ जेल में वापस लौट आया था.इसके बाद महिला ने खुद को एनजीओ का मेंबर बताते हुए जेल में इंट्री की. जेल सुपरिटेंडट के ऑफिस में दोनों के बीच कई घंटों तक मुलाकात भी हुई. किसी भी जेल अफसर ने महिला डॉक्युमेंट्स की जांच भी नहीं की.