Jharkhand: हाईकोर्ट ने BCCL से मांगा जवाब ,बंद माइंस के कैसे हो रही है इलिगल माइनिंग, रोकने के लिए क्या है इंतजाम 

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की बेंच में बुधवार को धनबाद में बंद माइंस से इलिगल माइनिंग के चलते मौत की घटनाओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में हाईकोर्ट ने बीसीसीएल के चेयरमैन को एफिडेविट के माध्यम से यह बताने का निर्देश दिया है कि धनबाद जिले में बंद पड़ी माइंस से इलिगल माइनिंग कैसे हो रही है। इलिगल रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है।

Jharkhand: हाईकोर्ट ने BCCL से मांगा जवाब ,बंद माइंस के कैसे हो रही है इलिगल माइनिंग, रोकने के लिए क्या है इंतजाम 
दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश।
  • बीसीसीएल को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की बेंच में बुधवार को धनबाद में बंद माइंस से इलिगल माइनिंग के चलते मौत की घटनाओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में हाईकोर्ट ने बीसीसीएल के चेयरमैन को एफिडेविट के माध्यम से यह बताने का निर्देश दिया है कि धनबाद जिले में बंद पड़ी माइंस से इलिगल माइनिंग कैसे हो रही है। इलिगल रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है।

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बंद पड़ी माइंस से इलिगल माइनिंग रोकने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2022 में बीसीसीएल धनबाद में एक ही दिन में 23 लोगों की इलिगल माइनिंग के दौरान मौत हो गयी थी। ऐसी दुर्घटना में मृतकों के परिजन बॉडी को लेकर भाग जाते हैं। घटना के बाद ना तो प्राथमिकी दर्ज होती है और न ही इलिगल माइनिंग में मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा मिल पाता है। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए कि धनबाद में बंद पड़े माइंस से इलिगल माइनिंग माइनिंग कैसे हो रही है। इस मामले में हाई कोर्ट ने बीसीसीएल से जवाब मांगा है।कोर्ट ने बीसीसीएल मैनेजमेंट से पूछा है कि बंद पड़े माइंस में इलिगल माइनिंग रोकने के लिए क्या इंतजाम किये गये हैं? कोर्ट ने दो सप्ताह में बीसीसीएल को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह है मामला
इस संबंध में विजय झा की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2022 में धनबाद में बीसीसीएल की बंद पड़ी माइंस में एक ही दिन में 23 लोगों की मौत इलिगल माइनिंग के दौरान हुई थी। ऐसी दुर्घटना में मृत लोगों के बॉडीव परिजन लेकर भाग जाते हैं। मामले को लेकर न तो एफआइआर दर्ज होती है और न ही इलिगल माइनिंग में मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलता है। स्टेटकी पुलिस इसको रोकने की जिम्मेदारी सीआइएसएफ की बताती है, जबकि सीआइएसएफ की ओर से स्टेट गवर्नमेंट का अधिकार क्षेत्र बताया जाता है। इसकी जांच की जाए कि बंद पड़ी माइंस से इलिगल माइनिंग क्यों हो रहा है? बीसीसीएल को बंद पड़ी माइंस से इलिगल माइनिंग पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि दुर्घटनाएं नहीं हो।