नई दिल्ली:पीएम के सोशल मीडिया अकाउंट सात महिलाओं ने चलाए, अपनी कहानी सुनाई

नई दिल्ली। इंटरनेशनल वुमेंस डे पर रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट एक दिन के लिए महिलाओं के हवाले कर दिये। विभिन्न क्षेत्रों में अपनी संघर्ष के बाद कामयाबी का झंडा फहराने वाली सात महिलाओं ने पीएम के ट्विटर, इंस्टाग्राम,फेसबुक अकाउंट और यू-ट्यूब पेज पर अपनी कहानी बताई। उन्होंने लोगों के सवालों के जवाब दिये और उनकी उत्सुकता शांत की। पीएम के अकाउंट चलाने आई इन सातों महिलाओं की संघर्ष गाथा निराली  एक-एक कर पीएम के अकाउंट चलाने आई इन सातों महिलाओं की संघर्ष गाथा काफी निराली है। चेन्नई की स्नेहा मोहनदास भूखों का पेट भरने के लिए फूड बैंक नाम से एक संगठन चलाती हैं। बम धमाके में दिव्यांग हुईं मालविका अय्यर कठिन परिस्थितियों में पीएचडी कर प्रेरक वक्ता बन कई लोगों को जिंदगी बदल चुकी हैं। कश्मीर की आरिफा जान नमदा हस्तकला को बढ़ावा देकर सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रही हैं। हैदराबाद की कल्पना रमेश लोगों को जल संरक्षण का पाठ पढ़ा रही हैं। महाराष्ट्र की विजया पवार अपने राज्य की बंजारा हस्तशिल्प को दो दशक से बढ़ावा दे रही हैं।कानपुर की महिला राजमिस्त्री कलावती 4000 शौचालय बनाकर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रही हैं। कलावती अब तक चार हजार से अधिक शौचालय बनाकर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रही हैं। बिहार के मुंगेर की बीना देवी हजारों किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित कर उनकी जिंदगी बदल चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह पीएम ने सोशल मीडिया छोड़ने की बात कहकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था। फिर बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला दिवस पर सोशल मीडिया के उनके सभी अकाउंट महिलाओं के हवाले रहेंगे। इन सात महिलाओं रविवार को इन सात महिलाओं ने पीएम के अकाउंट चलाकर लोगों को अपने काम, अपने संघर्ष और उपलब्धियां से परचित कराया। लोगों ने उनसे सवाल किये और उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई भी दी। जिन  सात महिलाओं ने चलाए पीएम के अकाउंट स्नेहा मोहनदास (चेन्नई, तमिलनाडु) मालविका अय्यर (कुंभकोणम, तमिलनाडु) आरिफा जान (श्रीनगर, कश्मीर) कल्पना रमेश (हैदराबाद, तेलंगाना) विजया पवार (महाराष्ट्र) कलावती (कानपुर, उप्र) बीना देवी (मुंगेर, बिहार)। इन महिलाओं ने अपने अपने क्षेत्र में बड़ा काम किया- पीएम पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन  महिलाओं ने अपने अपने क्षेत्र में बड़ा काम किया है। इनके संघर्ष और उपलब्धियों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है। हमें इन महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने के साथ उनसे कुछ सीखना चाहिये।