नई दिल्ली: पीएम मोदी ने झारखंड में मॉब लिंचिंग पर जताया दुख, पूरे राज्य को दोषी ठहराना उचित नहीं, बिहार में चमकी बुखार हमारी सबसे बड़ी नाकामियों में शामिल

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना से पी़ड़ा हुई है. घटना में शामिल दोषियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए, लेकिन पूरे झारखंड को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए.उन्होंने कहा कि देश में हिंसा की सारी घटनाओं चाहें झारखंड में हो, पश्चिम बंगाल में हो या केरल में, सभी को समान भाव से देखना चाहिए और कानून को अपना काम करना चाहिए. उन्होंने लिंचिंग को लेकर झारखंड को बदनाम नहीं करने की नसीहत भी दी.पीएम राज्यसभा में आज कांग्रेस व विपक्षी दलों पर खूब बरसे. बुधवार को राज्यसभा में अपने अभिभाषण में पीएम ने कहा कि झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना से वह आहत हैं. उन्होंने कहा कि यह कहना कि झारखंड मॉब लिंचिंग का अड्डा बन गया है, ठीक नहीं है।.उन्होंने कहा कि क्या झारखंड राज्य को दोषी बता देना सही है? जो बुरा हुआ है उसे अलग करें..लेकिन सबको कठघरे में रखकर राजनीति तो कर लेंगे। पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक हमें नहीं है. वहां भी सज्जनों की भरमार है. न्याय हो, इसके लिए कानूनी व्यवस्था है. अपराध होने पर कानून और संविधान इसके खिलाफ कारवाई में सक्षम है. झारखंड हो या केरल या पश्चिम बंगाल हिंसा की घटनाओं पर हमारा मानदंड एक ही होना चाहिए.देश के हर नागरिक की सुरक्षा की गारंटी सरकार की है और इसकी संवेदनशीलता सरकार समझती है. मॉब लिचिंग पर कांग्रेस के प्रहार को पर लिए पीएम ने दिल्ली में सिख दंगों के नरसंहार का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें शामिल कई नेता आज भी पार्टी के शीर्ष पदों पर बने हुए हैं. राहुल ने कहा था झारखंड की घटना मानवता पर धब्बा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड में तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना को मानवता पर धब्बा करार देते हुए मंगलवार को कहा था कि इस पर केंद्र व राज्य सरकार के ताकतवर लोगों की खामोशी हैरान करने वाली है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा झारखंड में युवक की बर्बरता से पीट-पीटकर हत्या किया जाना मानवता पर धब्बा है. पुलिस की बर्बरता यह है कि उसने इस घायल लड़के को चार दिन तक अपनी हिरासत में रखा. यह हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा कि हैरान करने वाली बात यह भी है कि भाजपा शासित केंद्र और राज्य सरकार के ताकतवर आवाजें खामोश हैं. मॉब लिंचिंग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका  सरायकेला-खरसावां में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि 18 मार्च 2016 से अब तक उन्मादी भीड़ की हिंसा (मॉब लिंचिंग) में 18 लोगों की जान जा चुकी है. रामगढ़ में हुई घटना के बाद से इस तरह के मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाये गये हैं. इन घटनाओं की जांच भी सही तरीके से नहीं की जाती,जिसकी वजह से आरोपितों को राहत मिल जाती है. सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी किया है, जिसके तहत राज्य सरकार को एक वरीय पुलिस अधिकारी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने, मॉब लिंचिंग की घटना होने वाले जिलों को चिह्नित करना, डीजीपी और गृह सचिव इसको लेकर नियमित बैठक करने सहित अन्य बिंदु शामिल हैं ताकि इस पर रोक लगाई जा सके. राज्य में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का अभी तक पालन नहीं किया है. सरायकेला -खरसावां की घटना के साथ-साथ अन्य मामलों की सीबीआइ जांच की मांग की गई है. बिहार में चमकी बुखार हमारी सबसे बड़ी नाकामियों में शामिल बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की हो रही मौत पर पीएम मोदी ने आज राज्यसभा में अपने अभिभाषण के दौरान कहा कि चमकी बुखार या एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण बिहार में हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं और हमारे लिए शर्म की बात है.पिछले सात दशकों में हमारी विफलताओं में से ये भी एक बड़ी विफलता है. हमें इसे गंभीरता से लेना होगा। मैं राज्य सरकार के लगातार संपर्क में हूं और मुझे यकीन है कि हम सामूहिक रूप से जल्द ही इस संकट से बाहर आ जायेंगे. पीएम ने कहा कि इस बीमारी से निजात पाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है.इसके लिए टीकाकरण करना हो या कुपोषण पर लगाम लगाना हो, सब कुछ किया जायेगा. हमें मिलकर इसपर ध्यान देना है. हमने इस बीमारी का पता चलते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को मुजफ्फरपुर भेजा था. उन्होंने कहा कि अगर अभी भी इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो ये बीमारी अन्य राज्यों में भी फैल सकती है. पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने चिर-परिचित अंदाज में 'जनादेश पर सवाल उठाने वालों', हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने वालों पर जमकर हमला बोला. गालिब के शेर 'ताउम्र गालिब यह भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा ' के जरिए ईवीएम की बहानेबाजी को लेकर विपक्ष पर तीखा तंज भी कसा. पीएम ने  कांग्रेस पर देश की जनता और मतदाता का अपमान का आरोप लगाते हुए  कहा कि इतना अहंकार ठीक नहीं कि कांग्रेस जीते तो देश जीता और कांग्रेस हारी तो देश हार गया.  'एक देश, एक चुनाव' के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में न आने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा. मदनलाल सैनी को श्रद्धांजलि पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रहे मदनलाल सैनी को श्रद्धांजलि दी. पीएम ने कहा, 'नए जनादेश के बाद आज पहली बार राज्यसभा के सभी सदस्यों के बीच अपनी बात रखने का मौका मिला है. पहले से अधिक जनसमर्थन और अधिक विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है. मैं सबका आभार प्रकट करता हूं. लेकिन दूसरे टर्म की शुरुआत में ही हमारे सदन के आदरणीय सदस्य मदनलाल जी हमारे बीच नहीं रहे, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.' मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश के कोने-कोने में जनता जनार्दन का दर्शन करने का मौका मिला. लेकिन भारत का एक परिपक्व लोकतंत्र हो, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हो, चुनाव की ग्लोबल वैल्यू होती है. उस समय अपनी सोच की मर्यादाओं के कारण, विचारों में पनपी हुई विकृति के कारण इतने बड़े जनादेश को हम यह कह दे कि आप तो चुनाव जीत गए लेकिन देश चुनाव हार गया. मैं समझता हूं कि इससे बड़ा भारत के लोकतंत्र का अपमान नहीं हो सकता. इससे बड़ा जनता-जनार्दन का अपमान नहीं हो सकता जब यह बात कही जाती है कि लोकतंत्र हार गया, देश हार गया तो मैं जरूर पूछना चाहूंगा कि क्या वायनाड में हिंदुस्तान हार गया क्या? क्या रायबरेली, बहरामपुर, तिरुवनंतपुरम में हिंदुस्तान हार गया क्या? यह कौन सा तर्क है? यानी कांग्रेस हारी तो देश हार गया? मतलब कांग्रेस मतलब देश और देश मतलब कांग्रेस? अहंकार की एक सीमा होती है। 55-60 सालों तक देश पर राज करने वाला दल 17 राज्यों में एक सीट भी नहीं जीत पाया. मैं समझता हूं कि इस प्रकार की भाषा बोलकर हमने मतदाता के विवेक पर ठेस पहुंचाई है. हमारी आलोचना समझ सकता हूं, लेकिन देश के मतदाताओं के ऐसा अपमान बहुत पीड़ा देता है. हो सकता है कि मेरी वाणी में कोई आक्रोश भरे शब्द भी हो, लेकिन वे मेरे दल के लिए नहीं हैं, इस देश के परिपक्व लोकतंत्र के लिए है, संविधाननिर्माताओं की समझदारी के लिए है. किसान बिकाऊ नहीं है पीएम ने कहा कि 40-45 डिग्री टेम्परेचर में लोग वोट डालने जा रहे थे। कितने-कितने लोगों की तपस्या के बाद चुनाव होता है. और हम मतदाताओं का अपमान कर दिया. यह तक कह दिया कि इस देश का किसान बिकाऊ है, 2-2 हजार रुपये की स्कीम पर बिक गया. मेरे देश का किसान बिकाऊ नहीं है, जो सबका पेट भरता है उस किसान के लिए ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से अपमानित किया गया. मीडिया को भी गाली दी गई. मीडिया के कारण भी चुनाव जीते जाते हैं. मीडिया बिकाऊ है क्या? मीडिया को कोई खरीद लेता है क्या? हम कुछ भी कहते रहते हैं. सदन में कही गई बातों का महत्व होता है. कांग्रेस जीत पचा पाती है हार स्वीकार कर पाती है मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं. कांग्रेस पार्टी के लिए कहना चाहता हूं कि इतने सालों तक आपने देश पर शासन किया है. आप विजय भी नहीं पचा पाते और 2014 से मैं लगातार देख रहा हूं कि आप पराजय को स्वीकार भी नहीं कर पाते हैं.  एक देश, एक चुनाव पर चर्चा तो कीजिए. जितने भी बड़े नेताओं से मिला हूं तो व्यक्तिगत तौर पर सबने कहा कि यार इससे मुक्ति मिलनी चाहिए. क्या यह समय की मांग नहीं है कि कम से कम मतदातासूची तो एक हो. राज्य और केंद्र मिलकर चुनाव बनाए इसके लिए। चुनाव के रिफॉर्म अनिवार्य हैं। ये होते रहने चाहिए.