कर्नाटक: येदियुरप्पा ने तीन डिप्टी सीएम बनाये, कैबिनेट का बंटवारा हुआ

  • कैबिनेट में 3 डेप्युटी सीएम सहित 17 मंत्रियों को मिले विभाग, राज्य में पहली बार 3 सीएम
  • गोविंद करजोल, अश्वथ नारायण और लक्ष्मण सावदी बने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री
बंगलुरु:कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा ने अपने मिनिस्टरों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया.गर्मेंवमेंट लगातार चल रही बगावत के चर्चा के बीच सोमवार को कैबिनेट में तीन नेताओं को डिप्टी सीएम बनाया गया है गोविंद करजोल,अश्वथ नारायण और लक्ष्मण सावदी डिप्टी सीएम के प्रभार में रहेंगे. सीएम ने 17 मिनिस्टरों को विभागों की जिम्मेदारी दे दी है. कर्नाटक में पहली बार तीन उपमुख्यमंत्री होंगे.तीन उपमुख्यमंत्री में गोविंद करजोल को पीडब्ल्यूडी और समाज कल्याण,अश्वथ नारायण को उच्च शिक्षा,आईटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा लक्ष्मण सावदी को परिवहन विभाग का प्रभार दिया गया है.मंत्रियों में बसवराज बोम्मई को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को बड़े और मध्यम स्तरीय उद्योग का मंत्रालय,दो पूर्व उपमुख्यमंत्री- के एस ईश्वरप्पा और आर.अशोक को क्रमश: ग्रामीण विकास और पंचायती राज, तथा राजस्व विभाग का प्रभार दिया गया है. वरिष्ठ नेता बी श्रीरामुलू को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री,एस सुरेश कुमार को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बनाया गया है.वी सोमन्ना (आवास), सी. टी. रवि (पर्यटन, कन्नड़ और संस्कृति), बसवराज बोम्मई (गृह), कोटा श्रीनिवार पुजारी (मत्स्य, बंदरगाह और इनलैंड ट्रांसपोर्ट), जे. सी. मधुस्वामी (कानून, संसदीय मामले और लघु सिंचाई) शामिल हैं। सी सी पाटिल को खान और भूगर्भ, एच नागेश को आबकारी, प्रभु चव्हाण को पशुपालन और शशिकला जोले को महिला और बाल विकास मंत्रालय दिया गया है. उपमुख्यमंत्री बनाये गये सावदी,ना तो विधानसभा के सदस्य हैं और ना ही विधानपरिषद के. कैबिनेट में उनको शामिल करने के कारण बीजेपी के कुछ वरिष्ठ विधायकों के बीच असंतोष है. कैबिनेट में जगह पाने वाले 17 में से 16 विधायक बीजेपी के हैं, जबकि एच. नागेश, मुल्बगल विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं. उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में इससे पहले कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार थी. एच. डी. कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री थे, लेकिन सिर्फ 14 महीने में ही उनकी सरकार गिर गई थी. विधानसभा में विश्वासमत के दौरान सरकार के पक्ष में 99, विरोध में 105 वोट मिले थे. गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी की सरकार पर संकट आया था.दो निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी थी.