झारखंड:झरिया पुनर्वास से संबंधित मुद्दों के निराकरण पर नीति आयोग की बैठक में सहमति बनी

रांची: झारखण्ड सरकार और नीति आयोग की बैठक में झरिया पुनर्वास से संबंधित मुद्दों के निराकरण पर सहमति बनी है. झारखंड मंत्रालय में बुधवार को आयोजित बैठक में सीएम रघुवर दास व नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा राजीव कुमार समेत अन्य अफसर मौजूद थे. नीति आयोग ने बैठक में झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की सराहना की. आयोग ने कम उम्र में विवाह, कुपोषण इत्यादि समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदम की प्रशंसा की. नीति आयोग के समक्ष राज्य सरकार की ओर से भारतमाला परियोजना में साहेबगंज से लेकर झारखंड के अन्य बड़े बड़े शहरों को जोड़ते हुए जमशेदपुर-धनबाद- धामरा पोर्ट तक 790 किलोमीटर 4 लेन सड़क को जोड़ने में सहयोग की मांग की गयी. कैम्पा फंड में झारखंड के दामोदर नदी और स्वर्ण रेखा नदी को भी जोड़ने की मांग की गयी. बैठक के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समीक्षा की गयी. राज्य और केंद्र से जुड़े मुद्दों का समाधान कैसे हो और नीति आयोग उसमें अपनी भूमिका बेहतर तरीके से निभाए इस पर जोर दिया गया. झरिया पुनर्वास से संबंधित कार्यों में तेजी लाने पर विचार-विमर्श किया गया. झरिया पुनर्वास से संबंधित मुद्दों के निराकरण के लिए दिल्ली में झारखंड के मुख्यमंत्री और कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के साथ नीति आयोग बैठक आयोजित करने पर सहमति बनी. नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है. राज्य में 10 लाख महिलाओं का कौशल विकास किया जा रहा है जो बेहतर प्रयास है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने बैठक को संतोषजनक बताते हुए कहा कि झारखंड सरकार के साथ आपसी समन्वय बनाकर यह बैठक साल में दो बार आयोजित की जायेगी. सरकार राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध: सीएम सीएम रघुवर दास ने झारखंड सरकार और नीति आयोग की बैठक में कहा कि झारखंड सरकार राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा और आधारभूत संरचना मिले, इसके लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है, जिसके परिणाम भी दिख रहे हैं. झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है. आने वाले समय में इसमें और सुधार होगा. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी राज्य सरकार लगातार बेहतर करने का काम कर रही है. हमारा लक्ष्य है इन क्षेत्रों में राज्य को प्रथम पंक्ति में पहुंचाने का है. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार और नीति आयोग मिलकर अच्छा काम कर रहे हैं. आने वाले समय में यह साझेदारी इसी प्रकार से बनी रहे. आयोग हमारी अपेक्षाओं को समझ रहा है और हमारी कमियों में सुधार के लिए सहयोग कर रहा है. इसी का नतीजा है कि सभी क्षेत्रों में झारखंड की रैंकिंग में ना केवल सुधार हो रहा है, बल्कि कई क्षेत्रों में झारखंड अग्रणी राज्य है. राज्य में पोषण कार्यक्रम में और मुस्तैदी से काम करने का निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि पोषण सखी की नियुक्ति इसी के लिए की गयी है. इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. राज्य हित में सफल रही नीति आयोग के साथ बैठक झारखंड के चीफ सेकरेटरी डॉ. डी के तिवारी ने कहा कि नीति आयोग के साथ बैठक काफी अच्छी रही. समय-समय पर नीति आयोग का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन राज्य सरकार को मिलता रहता है. नीति आयोग ने झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में हुए कार्यों की जमकर सराहना की है।झारखंड में शिक्षा के स्तर में गुणवत्तापूर्ण सुधार हुआ है.सीएस ने कहा कि साहिबगंज से लेकर राज्य के अन्य बड़े बड़े शहरों को जोड़ते हुए धनबाद-जमशेदपुर-धामरा पोर्ट को भारतमाला परियोजना में जोड़ने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है. बैठक के अन्य मुद्दों में बोकारो में टूल सेंटर स्थापित करने पर चर्चा हुई. कैम्पा फण्ड में दामोदर और स्वर्णरेखा की सफाई पर भी फोकस के लिए अनुरोध किया गया. आने वाले समय में झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस पूरा फोकस रहे इस कार्ययोजना पर विचार किया गया.उन्होंने कहा कि स्कूलों के विलय से शिक्षा के गुणवत्ता पर थर्ड पार्टी मूल्यांकन का कार्य आईआईएम रांची कर रही है. राज्य में जल संचयन को लेकर डोभा बेहतरीन प्रयोग रहा है. बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, राज्य के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, नीति आयोग के अपर सचिव आर पी गुप्ता, सलाहकार नीरज कुमार, सलाहकार आलोक कुमार, संयुक्त सचिव हरेंद्र कुमार, राज्य सरकार के सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, सीसीएल के चेयरमैन गोपाल सिंह समेत स्टेट गर्वमेंट के अन्य अफसर उपस्थित थे.