- वह राजनीति में जो करना चाहते थे, सब पीएम ने पूरा कर दिया
- राज्य सरकार पर विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप
मुजफ्फरपुर: बीजेपी के फायर ब्रांड लीडर सेंट्रल मिनिस्टर गिरिराज सिंह ने राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए हैं. गिरिराज ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर सर्किट हाउस में अयोजित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि उनकी राजनीतिक पारी अब समाप्त होने वाली है.वह राजनीति में जो करना चाहते थे, सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा कर दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी की दूसरी पारी मेरे राजनीतिक जीवन की भी अंतिम पारी है. मैं राजनीति में मंत्री-विधायक बनने नहीं,कुछ मकसद और सपनों के साथ आया था. मेरा सपना था कि जहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान हुए वह कश्मीर हमारा हो.’
गिरिराज ने कहा कि जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370और 35ए हटाना मेरा मकसद था. पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के आरंभ में ही अनुच्छेद 370और 35ए को हटाकर इस मकसद को पूरा कर दिया है.म्मीद है कि आने वाले वर्षों में राम मंदिर निर्माण,जनसंख्या नियंत्रण और यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़ी चीजें भी पूरी हो जायेगी.पीएम ने लाल किले की प्राचीर से‘जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी घोषणा कर दी है.’पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन पांच वर्षों में हम सभी कार्यकर्ताओं की उम्मीदें पूरी हो जायेंगी. इसके बाद राजनीति करने का मेरा क्या उद्देश्य होगा?’
गिरिराज सिंह विकास कार्यों में भेदभाव के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर रहे. उन्होंने कहा कि अभी मैं अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर था. वहां मुझे विकास कार्यों में भेदभाव नजर आया. यह गलत है. सूबे में समान रूप से विकास के कार्य होने चाहिए. अगले साल होने वाले विस चुनाव के दौरान एनडीए के चेहरे को लेकर हाल में जेडीयू व बीजेपी की ओर से कई तरह के बयान आये हैं. गिरिराज ने इस संदर्भ में कहा कि फिलहाल सूबे में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बेहतर काम कर रही है. सीएम नीतीश कुमार के मुजफ्फरपुर आगमन पर उन्होंने कहा कि वे जिन परियोजनाओं का शुभारंभ व उद्घाटन कर रहे हैं,उनसे केंद्र सरकार की योजनाओं को गति मिलेगी.
गिरिराज ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि जिस तरह से देश पोलियो मुक्त हुआ है उसी तरह से इसे अब एफएमडी मुक्त बनाया जायेगा.इसके लिए 30 करोड़ जानवरों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है.कृषि आधारित पशुधन के विकास के लिए 25 हजार करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल 3000 हजार करोड़ की योजना पर काम चल रहा है. इसमें बिहार को प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पशुपालन, मत्स्य पालन के विकास के लिए कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि कॉलेजों के जरिए सरकार उनको जरूरत के मुताबिक संसाधन व आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा इसका लाभ मिले.मौके पर पर वैशाली की एमपी वीणा देवी, भाजपा जिला अध्यक्ष रामसूरत राय, एमएलए केदार गुप्ता समेत अन्य मौजूद थे.
बेगुसराय से भेदभाव पर नाराज गिरिराज ने पूछा था- आत्महत्या कर लें क्या?
गिरिराज सिंह ने शनिवार को बिहार में अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. उन्होंने प्रभावित इलाके में प्रशासनिक लापरवाही व भेदभाव पर सीएम नीतीश कुमार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की थी.उन्होंने कहा कि बेगूसराय के लोग सूखा व बाढ़ से परेशान हैं. ऐसे में आवाज नहीं उठाएं तो क्या आत्महत्या (Suicide) कर लें? जो हालात हैं उसमें सरकार से मांग नहीं करें तो किससे करें? गिरिराज सिंह ने कहा कि बेगूसराय को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है. बेगूसराय का आधा हिस्सा सूखाग्रस्त है तो दूसरे आधे हिस्से में बाढ़ है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में भी राहत व बचाव कार्य नाकाफी हैं. मिनिस्टर के दौरे के दौरान वहां से एसडीओ उनसे गाड़ी में बैठे-बैठे बात कर रहे थे. बेगुसराय एक जाति विशेष का प्रभाव वाला इलाका है. आरोप है कि इसी कारण राजनीतिक रुप से इलाके की अनदेखी की जा रही है. लोकल एमपी होने के का्रण गिरिराज विकास व अन्.य कार्यों को लेकर मुखर रहते हैं.
पहले भी नीतीश विरोधी बयान देते रहे हैं गिरिराज
विदित हो कि गिरिराज सिंह पहले भी बिहार में भी मिनिस्टर रह चुके हैं. वह सीएम नीतीश कुमार को पहले भी निशाने पर लेते रहे हैं.उन्होंने हाल में ही नीतीश कुमार पर एनआरसी (NRC) का विरोध करने का आरोप लगाया था.इसके जवाब में सीएम नीतीश कुमार ने भी नाम लिए बिना कहा था कि कुछ नेता केवल प्रचार के लिए बयानबाजी करते रहते हैं.