महाभियोग मामले में कांग्रेस को बड़ा झटका, जजों की संवैधानिक पीठ ने याचिका की खारिज

कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली। हालांकि कपिल सिब्बल ने 5 जजों की पीठ के गठन पर भी सवाल उठाया। सिब्बल ने कहा रातों रात ये पीठ किसने बनाई?

नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति द्वारा खारिज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने इसे खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली। हालांकि कपिल सिब्बल ने 5 जजों की पीठ के गठन पर भी सवाल उठाया। सिब्बल ने कहा रातों रात ये पीठ किसने बनाई? इस पीठ का गठन किसने किया ये जानना जरूरी है। न्यायिक आदेश मिलने के बाद इसे चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि
मुख्य न्यायाधीश इस मामले में प्रशासनिक या न्यायिक स्तर पर कोई आदेश जारी नहीं कर सकते हैं। सभी मामले को संविधान पीठ को रेफर किया जाता है, यहां फिलहाल कानून का कोई सवाल नहीं है। ऐसे मामले को सिर्फ न्यायिक आदेश के जरिए ही संविधान पीठ को भेजा जा सकता है, प्रशासनिक आदेश के जरिए ऐसा नहीं किया जा सकता है। हमें वो आदेश चाहिए कि किसने इस याचिका को पांच जजों की पीठ के पास भेजा है। हम आदेश मिलने के बाद इसे चुनौती देने पर विचार करेंगे।
इस मामले में कानूनी पेंच तो पहले भी यही था कि आखिर चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग का मामला है लिहाजा वो तो इसे सुन नहीं सकते हैं। इसके अलावा वरिष्ठता क्रम में नंबर 2 यानी जस्टिस चेलमेश्वर, नंबर 3 जस्टिस रंजन गोगोई, नंबर 4 जस्टिस मदन बी लोकुर और नंबर 5 जस्टिस कुरियन जोसफ ने प्रेस कांफ्रेंस कर चीफ जस्टिस के खिलाफ अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए थे ऐसे में वे सभी इस मामले में पक्षकार बन चुके हैं। कांग्रेस का कहना है कि राज्यसभा के सभापति को कानून और संविधान की एक जानी-मानी हस्ती सहित कम से कम तीन लोगों की कमेटी बना कर महाभियोग प्रस्ताव की जांच करानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ये फैसला कमेटी बनाने या उसकी ओर से रिपोर्ट आने से पहले ही ले लिया। अदालत में इसी बात को चुनौती दी गई है।