कोरोना संक्रमित की मदद के लिए संकटमोचक बने हैं यूथ कांग्रेस प्रसिडेंट बीवी श्रीनिवास, सोशल मीडिया में दिल्ली का सोनू सूद

देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस अपने प्रसिडेंट बीवी श्रीनिवास के नेतृत्व में जरूरतमंदों की मदद की मिसाल पेश कर रही है। श्रीनिवास युवाओं की एक टीम के साथ पर डे सैकड़ों संक्रमित मरीजों की टूटती सांसों की डोर को जोड़ रहे हैं। 

कोरोना संक्रमित की मदद के लिए संकटमोचक बने हैं यूथ कांग्रेस प्रसिडेंट बीवी श्रीनिवास, सोशल मीडिया में दिल्ली का सोनू सूद
  • श्रीनिवास युवाओं की एक टीम के साथ पर डे जोड़ रहे हैं संक्रमित मरीजों की टूटती सांसों की डोर 
  • मदद के लिए आने वाले हर टवीट पर यह टीम यथा संभव सहयोग के लिए रहती है तैयार 

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस अपने प्रसिडेंट बीवी श्रीनिवास के नेतृत्व में जरूरतमंदों की मदद की मिसाल पेश कर रही है। श्रीनिवास युवाओं की एक टीम के साथ पर डे सैकड़ों संक्रमित मरीजों की टूटती सांसों की डोर को जोड़ रहे हैं। 

मदद के लिए आने वाले हर ट्वीट पर यह टीम यथा संभव सहयोग के लिए तैयार रहती है। आलम यह है कि श्रीनिवास ट्विटर पर दिल्ली के सोनू सूद के रूप में ख्याति मिल रही है।
IYC हेडक्वार्टर में कंप्यूटराइज्ड कंट्रोल रुम

कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के तेज होने के बाद श्रीनिवास ने SOS-IYC (एसओएस-आइवाइसी) नाम से एक ट्विटर हैंडल बनाया। नेशनल लेवल पर लगभग एक हजार युवाओं की टीम तैयार की। एक सौ युवा दिल्ली के लिए चुने गए। रायसीना रोड स्थित IYC हेडक्वार्टर में एक कंप्यूटराइज्ड कंट्रोल रुम बनाया गया। छोटे-छोटे कंट्रोल रुम सभी स्टेट ऑफिस में शुरू करने के निर्देश दिये गये। 
हॉस्पीटल के नोडल अफसरों के संपर्क में रहते हैं टीम के मेंबर
बताया जाता है इस ट्विटर हैंडल पर देश के अलग अलग हिस्सों से हर रोज 12 से 15 हजार लोग मदद मांगते हैं। किसी को हॉस्पीटल में बेड नहीं मिल रहा, किसी को आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है, किसी को भोजन या राशन चाहिए तो किसी को दवाओं की जरूरत है। सेंट्रल कंट्रोल रुम में इन सभी ट्वीटों को छांटकर जिस स्टेट का हो, वहां भेज दिया जाता है, जिस पर वहां की टीम काम करती है। दिल्ली के लिए हेडक्वार्टरसे ही मदद की जाती है। टीम के सदस्य हॉस्पीटल के नोडल अफसरों के संपर्क में रहते हैं। पेसेंट को बेड, ऑक्सीजन और दवाएं दिलाने में मदद करते हैं।

IYC ऑफिस में चल रही है किचेन
पेसेंट के अटेंडेंट के लिए IYC ऑफिस में में एक किचेन भी शुरू की गई है। पेसेंट जहां पर एडमिट होता है, वहीं पर उसके अटेडेंट के लिए टीम के सदस्य खाना पहुंचाते हैं। सभी मदद को श्रीनिवास स्वयं देखते हैं। IYC आइवाइसी की यह टीम अब तक40 हजार लोगों की मदद कर चुकी है।
दिल्ली- एनसीआर में बांटा जाता है खाना
IYC हेडक्वार्टर पांच हजार वर्गफीट क्षेत्र में बना है। इसमें 15 कमरे हैं। IYC हेडक्वार्टर आजकल पूरी तरह से जन सहायता केंद्र बन चुका है। दो मशीनों से रोटियां बनाई जा रही हैं। एक मशीन एक घंटे में एक हजार रोटियां बनाती है। पका भोजन अलग पैक किया जाता है। राशन अलग। खाना दिल्ली- एनसीआर में बांटा जाता है। देश के अन्य हिस्सों में राशन भेजा जा रहा है। संगठन के सभी सदस्य युवा आइवाइसी के बैंक अकाउंट में स्वेच्छा से राशि भेज रहे हैं। इसमें न्यूनतम पचास रुपये धनराशि भेजी जा सकती है। इसके अलावा एमएलए, एमपी, नेशनल या स्टेट पदाधिकारी एक माह के वेतन सहित अन्य योगदान भी दे रहे हैं।