मेरी सोच आपने गलत साबित की, पद्म सम्मान मिलने के बाद PM नरेंद्र मोदी से बोले शाह रशीद अहमद कादरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को 53 पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इनमें तीन पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 45 पद्म श्री शामिल थे। पद्म श्री पानेवालों में एक नाम शाह रशीद अहमद कादरी का भी था। उन्हें कर्नाटक का शिल्प गुरु कहा जाता है। पद्म श्री पाने के बाद रशीद कादरी ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि मेरी सोच आपने गलत साबित की, इस सरकार में मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी।

मेरी सोच आपने गलत साबित की, पद्म सम्मान मिलने के बाद PM नरेंद्र मोदी से बोले शाह रशीद अहमद कादरी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को 53 पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इनमें तीन पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 45 पद्म श्री शामिल थे। पद्म श्री पानेवालों में एक नाम शाह रशीद अहमद कादरी का भी था। उन्हें कर्नाटक का शिल्प गुरु कहा जाता है। पद्म श्री पाने के बाद रशीद कादरी ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि मेरी सोच आपने गलत साबित की, इस सरकार में मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी।

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 शाह व पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। पद्मश्री से सम्मानित शाह रशीद अहमद कादरी जिसकी आशा संप्रग काल में लगाये बैठे थे वह अब मोदी काल में पूरा हुआ। पद्मश्री समारोह के बाद खुद कादरी ने पीएम के सामने यह बात जाहिर की। कादरी ने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान उन्हें आशा थी। पांच साल तक वह इंतजार करते रहे। लेकिन नहीं मिला। जब बीजेपी की सरकार बनी तो उन्होंने आशा छोड़ दी थी।

कहते थे बीजेपी मुस्लिमों को कुछ नहीं देती, मोदी जी ने गलत साबित किया
शाह रशीद अहमद कादरी ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कि वे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में पांच साल तक इंतजार करते रहे लेकिन उन्हें पुरस्कार नहीं मिला। पीएम मोदी ने उन्हें गलत साबित करते हुए पद्म श्री से सम्मानित किया। रशीद अहमद कादरी पीएम से हाथ मिलाते हुए कहते हैं, "यूपीए सरकार के पांच साल में पद्म अवार्ड की उम्मीद थी लेकिन नहीं मिला। उसके बाद कहा गया कि बीजेपी सरकार आ गई है वो हमें नहीं देगी। लेकिन आप मुझे गलत साबित करके चुने हैं। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।" कला के क्षेत्र में पद्म सम्मान पानेवाले शाह रशीद अहमद कादरी ने पीएम के मुलाकात से बाद कहा, "मुझे लगा कि BJP मुसलमानों को कुछ देती नहीं.. लेकिन PM मोदी ने मुझे गलत साबित कर दिया।"
अवॉर्ड के लिए मैं 10 साल से कोशिश किया
रशीद अहमद कादरी ने कहा, "इस अवॉर्ड के लिए मैं 10 साल से कोशिश किया। हर साल मुझे 10 से 12 हजार का खर्चा आता था। मेरी प्रोफाइल काफी मोटी है जिसको प्रिंट कराने में काफी खर्चा आता था। पांच साल तक ऐसा किया उसके बाद बीजेपी सरकार आ गई। तो मैं यह सोच कर छोड़ दिया कि ये बीजेपी सरकार मुसलमानों को कुछ नहीं देती है। लेकिन मोदी जी ने गलत साबित करतेहुए मुझे चुना। मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। इस अवॉर्ड में जिनका भी रोल है मैं सबका शुक्रिया अदा करता हूं।"
राज्य स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं कादरी
कर्नाटक के शिल्प गुरु शाह रशीद अहमद कादरी 65 वर्ष से भी ज्यादा की उम्र में भी पांच सौ वर्ष पुरानी बीदरी कला को जिंदा रखे हुए हैं। वे देशभर के अलावा कई इंटरनेशनल हस्तशिल्प मेले में भी अपनी आकर्षक कृतियों का प्रदर्शन कर चुके हैं। बीदरी एक लोककला है। अहमद कादरी दशकों से बीदरी कला के बर्तन बनाते आ रहेहैं। पद्म श्री पाने से पहले कादरी को राज्य स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। कादरी को पहले से ही 1984 में राज्य पुरस्कार, 1988 में राष्ट्रीय पुरस्कार, 1996 में जिला कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार और 2004 में द ग्रेट इंडियन अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
माना जाता है कि बीदरी कला की उत्पत्ति 14वीं शताब्दी में कर्नाटक के बीदर में बहमनी सुल्तानों के शासनकाल के दौरान हुई थी। यहां से कला पूरे दक्षिण में फैल गई। ऐसा माना जाता है कि बीदरी कला को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के फारसी अनुयायियों द्वारा दक्षिण में लाया गया था। फारसियों नेदिन में अपने धर्म का प्रचार किया। रात में उन्होंने एक विदेशी भूमि में आजीविका कमाने के लिए बीदरी कला का अभ्यास किया।