उत्तराखंड: खुद को सीएम का चेहरा न घोषित किए जाने से हरीश रावत नाराज, कांग्रेस हाइकमान पर ट्वीट कर जतायी नाराजगी 

एक्स सीएम व सीनीयर कांग्रेस लीडर हरीश रावत ने उत्तराखंड में पार्टी की चुनावी रीति-नीति के संचालन की स्वतंत्रता देने की बजाय उनकी घेरेबंदी किए जाने का खुले तौर पर सवाल उठाया है। हरीश रावत एक-एक कर तीन दर्द-ए-ट्वीट कर पार्टी हाइकमान पर सीधा हमला बोला है। 

उत्तराखंड: खुद को सीएम का चेहरा न घोषित किए जाने से हरीश रावत नाराज, कांग्रेस हाइकमान पर ट्वीट कर जतायी नाराजगी 
  • चुनाव में फ्री हैंड देने का बनाया प्रेशर

नई दिल्ली। एक्स सीएम व सीनीयर कांग्रेस लीडर हरीश रावत ने उत्तराखंड में पार्टी की चुनावी रीति-नीति के संचालन की स्वतंत्रता देने की बजाय उनकी घेरेबंदी किए जाने का खुले तौर पर सवाल उठाया है। हरीश रावत एक-एक कर तीन दर्द-ए-ट्वीट कर पार्टी हाइकमान पर सीधा हमला बोला है। 

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हरीश रावत के एक के बाद एक ट्वीट ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी। हरीश रावत के ट्वीट से यह साफ लग रहा है कि वह संगठन के कुछ नेताओं से नाराज हैं। सियासी गलियारों में चर्चा यहां तक है कि हरीश रावत सीएम पद के लिए अपने नाम का ऐलान करवाने और अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए यह दांव चला है। पार्टी सोर्सेज के अनुसार एक दिन पहले स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में संकेत मिले थे कि हरीश रावत के काफी समर्थकों के टिकट कट रहे हैं। इससे संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव में समर्थकों को पर्याप्त टिकट हीं नहीं मिलेगा तो सीएम बनाने के समय हरीश रावत का पत्ता काटना भी आसान होगा। इसके बाद से ही हरीश रावत ने पार्टी के प्रति ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जतानी शुरू कर दी। 
बताया जाता है कि हरीश रावत जल्द ही पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। इसके संकेत हरीश रावत की तरफ से बुधवार को सोशल मीडिया पर अपलोड की गई पोस्ट से मिले हैं। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस आलाकमान के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए साथ छोड़ने का इशारा किया है। यह भी कहा जा रहा है कि हरीश रावत राजनीति से जल्द ही संन्यास भी ले सकते हैं। नये साल के पहले सप्ताह में हरीश रावत इसकी घोषणा भी कर सकते हैं। हरीश रावत को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर बिना नाम लिए गांधी परिवार ही निशाना साधकर चौंका दिया है।

हरीश रावत ने पहले ट्वीट में लिखा है, 'है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है। सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने की बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।' यही नहीं दूसरे और ट्वीट में रावत ने लिखा, 'सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है।' तीसरा ट्वीट भी नाराजगी भरा रहा। हरीश रावत ने लिखा, 'चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्"। बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं। नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे। 
कैप्टन अमरिंदर का तंज- जो बोओगे, वही काटोगे

पंजाब के एक्स सीएम और अब कांग्रेस के बागी हो चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत पर तीखा तंज कसा है। पंजाब में कांग्रेस छोड़ने के लिए अमरिंदर रावत को बहुत हद तक जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने रावत से जुड़ी सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा- जो बोओगे, वही काटोगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी हरीश रावत पर तंज कसा है। अमरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा- जो बोओगे, वही काटोगे! आपको भविष्य की कोशिशों के लिए शुभकामनाएं (अगर हों तो) हरीश रावत जी।