उत्तर प्रदेश: उन्नाव रेप पीड़िता का वीडियो आने के बाद बैंकफुट पर बीजेपी,  कुलदीप सेंगर के करीबी का जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट काटा

बहुचर्चित उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे एक्स एमएलए  कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी अरुण सिंह को जिला पंचायत प्रसिडेंट का कैंडिडेट बनाये जाने परबीजेपी को फजीहत का सामना करना पड़ा।आनन-फानन मेंबीजेपी नेअरुण सिंह का टिकट काटकर सकून सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है। 

उत्तर प्रदेश: उन्नाव रेप पीड़िता का वीडियो आने के बाद बैंकफुट पर बीजेपी,  कुलदीप सेंगर के करीबी का जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट काटा

लखनऊ। बहुचर्चित उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे एक्स एमएलए  कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी अरुण सिंह को जिला पंचायत प्रसिडेंट का कैंडिडेट बनाये जाने परबीजेपी को फजीहत का सामना करना पड़ा।आनन-फानन मेंबीजेपी नेअरुण सिंह का टिकट काटकर सकून सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है। 
रेप  पीड़िता ने प्रसिडेंट रामनाथ कोविंद, पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर विरोध जताया था। पीड़िता का वीडियो आने के बाद पार्टी ने संज्ञान लिया और अरुण सिंह का टिकट काट दिया। जिला अध्यक्ष राजकिशोर रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरुण सिंह का टिकट निरस्त होने की घोषणा की।  पूर्व एमएलसी स्वर्गीय अजीत सिंह की पत्नी सकून सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाये जाने  की जानकारी दी गयी।
बीजेपी ने पहले नवाबगंज के पूर्व ब्लाक प्रमुख अरुण सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित किया था। जिला अध्यक्ष राज किशोर रावत ने इसकी अधिकृत घोषणा की। अरुण के प्रत्याशी बनाए जाने के कुछ देर बाद से ही सोशल मीडिया में एक दो मिनट 4 सेकंड का वीडियो वायरल होने लगा। वीडीओ में  माखी रेपकांड की पीड़िता हाथ में यह कागज लेकर सरकार से मांग कर रही है कि अरुण सिंह का टिकट वापस लिया जाए। आरोप लगाया है कि अरुण सिंह एमएलए के सहयोगी थे। उसके साथ और उसके पिता के साथ हुई घटना में शामिल थे। 

वीडियो में पीड़िता ने कहा कि बीजेपी उन लोगों को टिकट दे रही है जो उसे जान से मारना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के उन्नाव रेप केस में गिरफ्तार कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गयी थी। इसके अलावा उन्हे पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में भी 10 साल की सजा मिली है। बीजेपी ने 2019 में चार बार एमएलए रह चुके सेंगर को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।