यूपी: फैमिली के सात लोगों की मर्डर करने वाली शबनम की फांसी टली, गवर्नर के पास याचिका लंबित, फंसा पेच

अमरोहा में बावनखेड़ी में अपनी ही फैमिली के साथ लोगों के मर्डर की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर टल गई है। अमरोहा कोर्ट ने अभियोजन से कातिल शबनम का ब्यौरा मांगा था लेकिन उसके एडवोकेट की ओर से गवर्नर को दया याचिका दाखिल कर दी गई। फिर से दया याचिका दाखिल होने के कारण फांसी की डेट फिक्स नहीं हो सकी है।

यूपी: फैमिली के सात लोगों की मर्डर करने वाली शबनम की फांसी टली, गवर्नर के पास याचिका लंबित, फंसा पेच

लखनऊ।अमरोहा में बावनखेड़ी में अपनी ही फैमिली के साथ लोगों के मर्डर की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर टल गई है। अमरोहा कोर्ट ने अभियोजन से कातिल शबनम का ब्यौरा मांगा था लेकिन उसके एडवोकेट की ओर से गवर्नर को दया याचिका दाखिल कर दी गई। फिर से दया याचिका दाखिल होने के कारण फांसी की डेट फिक्स नहीं हो सकी है।

जिला जज की कोर्ट में मंगलवार को शबनम की फांसी को लेकर सुनवाई हुई। कहा जा रहा था कि जिला जज की कोर्ट में शबनम की रिपोर्ट सौंपी जायेगी। अगर इस रिपोर्ट में कोई याचिका लंबित नहीं पाई गई तो शबनम की फांसी की डेट तय की जा सकती है। शबनम के एडवोकेट ने कुछ दिन पहले ही फिर से दया याचिका के लिए गवर्नर से गुहार लगाते हुए जिला जेल रामपुर प्रशासन को प्रार्थनापत्र सौंपा था। सुनवाई में आज इसकी जानकारी दी गयी। इसके कारण फांसी की डेट फिक्स नहीं हो सकी।

फैमिली के सात लोगों की मर्डर में हुई है फांसी की सजा
शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर वर्ष 2008 की 14/15 अप्रैल रात को अपने ही फैमिली के सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर मर्डर कर दी थी। इस मामले में लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने दोनों की फांसी की सजा बरकरार रखी थी।सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 में उसकी पुनर्विचार याचिका भी ख़ारिज कर दी थी। राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका को ख़ारिज कर दिया। हालांकि नैनी जेल में बंद सलीम की दया याचिका पर अभी फैसला होना है।

शबनम ने सीबीआई जांच की मांग
शबनम पिछले हफ्ते अपने 12 साल के बेटे से मिलकर फूट-फूटकर रो पड़ी थी।  खुद को निर्दोष बताते हुए सीबीआई जांच की मांग कर डाली। शबनम के बेटे की परवरिश कर रहे उस्मानी सैफी ने बताया कि रामपुर जेल में जब उसने शबनम से पूछा की क्या उसने यह गुनाह किया है तो उसने इनकार कर दिया और सीबीआई जांच की बात कही। शबनम ने बेटे ताज से कहा कि वह उसकी परछाई से भी दूर रहे और पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बने।