30 अप्रैल को लगेगा 2022 का पहला सूर्यग्रहण, इंडिया में नहीं दिखेगा

र्ष 2020 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है। 30 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण के आंशिक होने के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे इंडिया में इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस कारण सूतक काल भी नहीं होगा।

30 अप्रैल को लगेगा 2022 का पहला सूर्यग्रहण, इंडिया में नहीं दिखेगा
  • देश में ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा
  • सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना 
  • धार्मिक तौर पर सूर्य ग्रहण को माना जाता है अशुभ

नई दिल्ली। वर्ष 2020 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है। 30 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण के आंशिक होने के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे इंडिया में इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस कारण सूतक काल भी नहीं होगा।

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पूर्ण ग्रहण लगने की स्थिति में ही सूतक नियमों का पालन किया जाता है। सूर्य ग्रहण कहीं भी  लगा हो, लेकिन उस काल को सूतक काल मानकर कुछ लोग सारे नियमों को मानते हैं। उनका तर्क है कि सूर्य ग्रहण कहीं लगा हो, लेकिन सूतक काल के नियम हर जगह मान्य होते हैं। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, 30 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण इंडिया में आंशिक तौर पर तो दक्षिण और पूर्व दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका महासागर जैसे इलाकों से दिखाई देगा।

जहां नजर आयेगा सूर्य ग्रहण 
30 अप्रैल को लगने जा रहा साल का पहला सूर्य ग्रहण दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर शाम चार बजकर सात मिनट तक जारी रहेगा। यह सूर्य ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा। इस बार आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा। इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढकेगा। वर्ष 2022 का पहला सूर्यग्रहण भारत में नजर नहीं आयेगा। यह साउथ अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और अटलांटिक क्षेत्र में नजर आयेगा। इंडिया में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए यहां ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा।

2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण Surya Grahan 2022

पंचांग के अनुसार, इस साल  कुल चार ग्रहण लगने का योग बना है। जिसमे से दो सूर्य ग्रहण और दो ही चंद्र ग्रहण लगने का संयोग बना हुआ है।वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है। हालांकि, सूर्य ग्रहण को धार्मिक तौर पर अशुभ माना जाता है।साल 2022 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा। मंगलवार के दिन लगने वाला यह सूर्य ग्रहण शाम चार बजकर 29 मिनट से लेकर पांचबजकर 42 मिनट तक लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में भी कुछ जगहों पर नजर आयेगा। इससे यहां सूतक काल प्रभावी होगा। सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 एशिया के दक्षिण-पश्चिमी भाग, यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग और अटलांटिक क्षेत्र में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण  के दौरान सूतक काल पर खगोलविदों और ज्योतिषियों की खास नजर होती है। ग्रहण के समय आम तौर पर गर्भवती महिलाओं को खास एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है। बुजुर्ग और बच्चों की भी इस दौरान घर से बाहर निकलने की मनाही होती है।सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक पक्ष यह है कि जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है, तो ग्रहण माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार यदि ग्रहण भारत में नजर नहीं आता तो यहां सूतक काल की मान्यता नहीं होती है। सूर्य ग्रहण देखे जाने के समय के अनुसार ही सूतक काल निर्धारित किया जाता है। 30 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण अगर इंडिया में नजर आता है तो उसका सूतक काल मान्य है। जबकि देश में सूर्य ग्रहण 2022 नजर नहीं आने पर सूतक काल नहीं माना जायेगा। देश में धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता।
ऐसे लगता है सूर्य ग्रहण 
जब चंद्रमा सूर्य को ढंक देता है तो इस स्थिति में सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती। इस खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इसी तरह जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढकता है तो सूर्य की किरणें धरती तक कम पहुंच पाती हैं जिसे आंशिक सूर्यग्रहण कहा जाता है। चंद्रमा अगर सूर्य के मध्य भाग को ढके, तो इस स्थिति में सूर्य एक अंगूठी की तरह नजर आने लगता है, इस स्थिति को लोग वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।