pressure swing adsorption डेवलप कर रहा टाटा ग्रुप, जिला हॉस्पीटल में स्थापित करेगी यह सिस्टम, नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी

कोरोना वायरस संक्रमण काल में Tata Group देश के उन शहरों को पर डे 800 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहा है जहां इसकी सबसे ज्यादा कमी है।

pressure swing adsorption डेवलप कर रहा टाटा ग्रुप, जिला हॉस्पीटल में स्थापित करेगी यह सिस्टम, नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी

जमशेदपुर। कोरोना वायरस संक्रमण काल में Tata Group देश के उन शहरों को पर डे 800 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहा है जहां इसकी सबसे ज्यादा कमी है।

PSA डेवलप
सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से टाटा ग्रुप की टाटा एडवांस सिस्टम और ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स कंपनी को ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए देश के सभी जिला अस्पतालों में प्रेशर स्विंग एडजोर्पसन सिस्टम को डेवलप कर रहा है। इसकी एक यूनिट को डेवलप करने में 75 लाख रुपये की लागत आयेगी। इसे पूरा होने में भी तीन माह का समय लगेगा।
देश भर में 450 यूनिट PSA स्थापित करेगी टाटा ग्रुप
सेंट्रल गवर्नमेंट ने ऐसे 450 यूनिट को स्थापित करने का टेंडर जारी किया है। इसे टाटा ग्रुप देश द्वारा विभिन्न शहरों में 450 पीएसए डेवलप करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। शेष 50 यूनिट बाद में तैयार किये जायेंगे। हालांकि इसे तैयार होने में तीन माह का समय लगेगा। सेंट्रल गवर्नमेंट ने कुछ 500 पीएसए या ऑन साइट ऑक्सीजन जेनरेट इकाइयों का आदेश दिया है।शेष 51 को अगले कुछ दिनों में स्थापित किये जायेंगे।

सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने 150 जिला अस्पतालों के लिए अक्टूबर 2020 में ही पीएसए के लिए टेंडर निकाली थी लेकिन इनमें से अधिकांश यूनिट स्थापित नहीं हो पाये हैं। हेल्थ मिनिस्टरी की 18 अप्रैल को एक ट्वीट के अनुसार, सेंट्रल द्वारा 162 पीएसए संयंत्र स्वीकृत किये गये थे। 
ऐसे काम करता है PSA

पीएसए पौधे वायुमंडलीय हवा से ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं, जिसे शुद्ध किया जाता है और पेसेंट को पाइप के माध्यम से सप्लाई की जाती है। ऐसी ऑक्सीजन के लिए 99.5 परसेंट शुद्धता होना आवश्यक है। वायु में 21 प्रति ऑक्सीजन, 78 प्रतिशत नाइट्रोजन, 0.9 प्रतिशत आर्गन और 0.1 परसेंट अन्य ट्रेस गैसें होती हैं।एक ऑक्सीजन जनरेटर इस ऑक्सीजन को अलग कर पीएसए नामक एक अनोखी प्रक्रिया के माध्यम से अलग करता है। हालांकि ये इकाइयां अस्पताल कैंपस के अंदर ही स्थापित की जायेंगी। इससे ट्रांसपोर्टेशन को लेकर उत्पन्न होने वाले झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। हालांकि, सभी रोगियों के इलाज भी अलग-अलग होता है। स्थिति की गंभीरता के आधार पर ऑक्सीजन समर्थन की आवश्यकता होती है।
Linde India भी कर रही ऑक्सीजन सप्लाई
लिंडे इंडिया और प्रैक्सेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपने ऑपरेशन क्षेत्र में ऑक्सीजन सप्लाई की चुनौतियों को कम करने के लिए साझेदार अस्पतालों में भी पीएसए स्थापना के काम को शुरू किया है। जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज, जूनागढ़, गुजरात में 20 किलो लीटर का टैंक स्थापित किया है, और संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, लखनऊ में एक और 20 किलो लीटर का टैंक स्थापित किया गया है।