नई दिल्ली: SAIL अफसरों को पीआरपी के साथ मिलेगा 2015 से बंद फर्नीचर भत्ता

महारत्न कंपनी सेल में काम करने वाले अफसरों को वर्ष 2019-20 के बकाया पीआरपी भुगतान के साथ वर्ष 2015 से बंद पड़े फर्नीचर अलाउंस को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लागू होने से बोकारो स्टील प्लांट सहित कंपनी में काम करने वाले लगभग 12 हजार अफसर लाभान्वित होंगे। 

नई दिल्ली: SAIL अफसरों को पीआरपी के साथ मिलेगा 2015 से बंद फर्नीचर भत्ता
  • फर्नीचर अलाउंस के नियमों में बदलाव कर इसका लाभ ई-4 ग्रेड के बजाए ई-1 ग्रेड से ही उन्हें देने का निर्णय

नई दिल्ली।महारत्न कंपनी सेल में काम करने वाले अफसरों को वर्ष 2019-20 के बकाया पीआरपी भुगतान के साथ वर्ष 2015 से बंद पड़े फर्नीचर अलाउंस को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लागू होने से बोकारो स्टील प्लांट सहित कंपनी में काम करने वाले लगभग 12 हजार अफसर लाभान्वित होंगे। 
सेल अफसरों के पीआरपी भुगतान को लेकर बुधवार को नई दिल्ली में एनआरसी कमेटी की बैठक हुई। बैठक में पीआरपी भुगतान को मंजूरी दे दिया गया। यह राशि दो किस्तों में उन्हें दी जायेगी। पहले फेज में सिर्फ 60 परसेंट रकम का भुगतान किया जायेगा। शेष अन्य 40 परसेंट की राशि अधिकारियों के ग्रेडिंग के बाद उनके बैंक खाता में भेजा जायेगा।
पीआरपी मद में 90 करोड़ का होगा पेमेंट
अफसरों को पीआरपी के मद में 90 करोड़ रुपये दिया जाना है। लेकिन अब तक अफसरों के सीसीआर का ग्रेड कंपनी मैनेजमेंट की ओर से जारी नही किया गया है। इसलिए फस्ट फेज में 60 परसेंट रकम का भुगतान यानी लगभग 50 करोड़ रुपये भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। ग्रेडिंग जारी होने के बाद शेष अन्य राशि एक माह बाद उन्हें दे दी जाएगी। पीआरपी के मद में अफसरों को मिनिमम 25 हजार व मैक्सिमम दो लाख रुपये दी जायेगी।
फर्नीचार भत्ता का नया रूल
मैनेजमेंट ने सेल अफसरों के फर्नीचर अलाउंस के रूल्स बदलाव करते हुए अब इसका लाभ ई-4 ग्रेड के बजाए ई-1 ग्रेड से ही उन्हें देने की निर्णय लिया है। इस बाबत सेल चेयरमैन अपनी सहमति प्रदान कर दी है। सेल में घाटे का हवाला देते हुए कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन पीके सिंह ने साल 2015 से इस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही अफसरों का संगठन सेफी लगातार इसे शुरू करने के लिए मैनेजमेंट पर प्रेशर बनाता रहा है। सेल अफसरों को प्रत्येक उनके आवास में बेहतर रख-रखाव के लिए सोफा सेट, परदा आदि खरीदने के लिए फर्नीचर भत्ता दिया जाता था। वे सामग्री के खरीदारी के बाद रकम भुगतान की दावेदारी प्रतिपूर्तिबिल के माध्यम से किया करते थे। इनमें अलग-अलग ग्रेड के अफसरों को अलग-अलग राशि दिये जाने का प्रावधान है। नयेनियम के लागू होने के बाद ई-1 ग्रेड को 15 हजार तो सीजीएम आदि को डेढ़ लाख रुपये के खरीदारी का अधिकार फर्नीचर भत्ता के मद में दिया जा सकेगा।