पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया जलियांवाला बाग की नई गैलरी का वर्चुअल उद्घाटन

पीएम नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित कैंपसर को राष्ट्र को समर्पित किया।पीएम ने  इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया जलियांवाला बाग की नई गैलरी का वर्चुअल उद्घाटन
  • विरासत व विकास को साथ लेकर चलना होगा:पीएम

नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित कैंपसर को राष्ट्र को समर्पित किया।पीएम ने  इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए।जलियांवाला बाग का नवीनीकरण पिछले साल पूरा होना था. लेकिन, कोरोना महामारी की वजह से यह काम रुक गया था।

मौके पर पीएम ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि अंग्रेज हुकूमत ने जलियांवाला बाग में अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी थी। यहां आज भी गोलियों के निशान दिखते हैं। जलियांवाला बाग वह स्थान है जहां सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह सहित हजारों बलिदानियों ने आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को हौसला दिया।उन्होंने ने कहा कि वर्तमान समय में विरासत व विकास को साथ लेकर चलना होगा।गुरुबाणी हमें सिखाती है सुख दूसरों की सेवा से ही आता है। हम सुखी तभी होते हैं जब अपनों की पीड़ा को भी अनुभव करते हैं। आज दुनिया भर में कहीं भी कोई भी भारतीय अगर संकट में घिरता है तो भारत पूरे सामर्थ से उसकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है। अफगानिस्तान का वर्तमान संकट में हमने निरंतर अनुभव किया है। 

इतिहास में हुई घटनाएं हमें सिखाती भी हैं और आगे बढ़ने की दिशा भी देती है
पीएम ने कहा कि आपरेशन देवी शक्ति के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों भारतीयों को भारत लाया जा रहा है। वहां चुनौतियां बहुत हैं, हालात मुश्किल हैं। गुरु कृपा भी हम पर बनी हुई है। हम लोगों के साथ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को भी शीश पर रखकर भारत लाये हैं। बीते वर्षो में हमने जिम्मेदारी को निभाने के लिए जी जान से प्रयास किया है। मानवता की जो सीख हमें गुरु साहिब ने दी थी उसे सामने रखकर हम हर परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम हैं। मोदी ने कहा कि यहां तक पहुंचने के लिए हमारे पूर्वजों ने कितना त्याग कितना। हर राष्ट्र का दायित्व होता है वह अपने इतिहास को संजो कर रखे। इतिहास में हुई घटनाएं हमें सिखाती भी हैं और आगे बढ़ने की दिशा भी देती है। जलियांवाला बाग जैसी एक और विभीषिका का हमने भारत विभाजन के समय भी संताप भोगा। पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोगों विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे।

विभाजन के समय जो कुछ हुआ उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के सीने में

पीएम ने कहा कि विभाजन के समय जो कुछ हुआ उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के सीने में है और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हैं। हम इसे अनुभव करते हैं। किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है, इसलिए भारत में 14 अगस्त को हर वर्ष विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों शहादत को याद रखें। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस आने वाली पीढ़ियों को भी याद दिलाएगी कि कितनी बड़ी कीमत चुका कर हमें स्वतंत्रता मिली है। वह उस दर्द, तकलीफ को समझ सकेंगे जो विभाजन के समय करोड़ों भारतीयों ने सहा था।

हम अपने राष्ट्र की बुनियाद को मजबूत करें

पीएम ने कहा कि आज हम आजादी के 75 साल मना रहे हैं तो यह आवश्यक है कि हम अपने राष्ट्र की बुनियाद को मजबूत करें। उस पर गर्व करें। आजादी का अमृत महोत्सव आज इसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा है। अमृत महोत्सव में आज गांव-गांव में सेनानियों को याद किया जा रहा है। उनको सम्मानित किया जा रहा है। जलियांवाला बाग की तरह ही आजादी से जुड़े दूसरे राष्ट्रीय समारकों का भी नवीनीकरण जारी है।उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में 1857 से लेकर 1947 की क्रांति को प्रदर्शित करने वाली देश की पहली इंटरएक्टिव गैलरी का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। क्रांतिवीर चंद्रशेखर आजाद को समर्पित यह आजाद गैलरी क्रांति से जुड़े उस समय के दस्तावेजों का भी डिजिटल अनुभव देगी। इसी प्रकार कोलकाता में विक्रमी भारत गैलरी में क्रांति के चिन्हों को भावी पीढ़ी के लिए आधुनिक तकनीक के माध्यम से आकर्षक बनाया जा रहा है। इससे पहले सरकार द्वारा आजाद हिंद फौज के योगदान को भी इतिहास के पिछले पन्ने से निकलकर सामने लाने का प्रयास किया है। आजादी के महायज्ञ में हमारे आदिवासी समाज का बहुत बड़ा योगदान है।

जनजातीय समूह की त्याग और बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमें प्रेरणा देती हैं
पीएम ने कहा कि जनजातीय समूह की त्याग और बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमें प्रेरणा देती हैं। इतिहास में किताबों में इसको भी इतना स्थान नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था, जिसके वह हकदार थे। देश के 9 राज्यों में इस समय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके संघर्ष को दिखाने वाली योजना पर भी काम चल रहा है। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे सैनिकों के लिए राष्ट्रीय स्मारक बनाया जायेगा।उन्होंने कहा कि नेशनल वार मेमोरियल आज के युवाओं में राष्ट्र और देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने की भावना जगा रहा है। देश को सुरक्षित रखने के लिए पंजाब सहित देश के कोने-कोने से हमारे वीर सैनिक शहीद हुए थे। आज उनको उचित स्थान और उचित सम्मान मिला है। इसी प्रकार हमारे पुलिस के जवान, अर्धसैनिक बलों के लिए भी आजादी के इतने दशकों तक इस देश में कोई राष्ट्रीय स्मारक नहीं था। आज पुलिस और अर्धसैनिक बलों को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक भी देश की नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहा है।

पंजाब में तो शायद ही ऐसा कोई गांव ऐसी कोई गली है जहां शौर्य और शूरवीरता की गाथा न हो

मोदी ने कहा कि पंजाब में तो शायद ही ऐसा कोई गांव ऐसी कोई गली है जहां शौर्य और शूरवीरता की गाथा न हो। गुरुओं के बताए रास्ते पर चलते हुए पंजाब के बेटे बेटियां मां भारती की तरफ टेढ़ी नजर रखने वालों के सामने चट्टान बनकर खड़े हो जाते हैं। हमारी यह धरोहर और समृद्ध हो इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश उत्सव व गुरु गोविंद 350 में प्रकाश उत्सव यह सभी पड़ाव सौभाग्य से बीते सात सालों में ही आये हैं।सेंट्रल गवर्नमेंट ने प्रयास किया है कि देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इन पावन पर्व के माध्यम से हमारे गुरुओं की शिक्षा का विस्तार हो। सुल्तानपुर लोधी को हेरिटेज बनाने का काम हो, करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण हो यह इसी प्रयास का हिस्सा है।

यह जरूरी है कि पंजाब हर स्तर पर प्रगति करे

उन्होंने कहा कि पंजाब की दुनिया के देशों से एयर कनेक्टिविटी हो या फिर देशभर में जो हमारे गुरु स्थान हैं उनकी कनेक्टिविटी हो, उसको सशक्त किया गया है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, अमृतसर खटकल कलां, कलानौर में हेरिटेज सर्किट को विकसित किया जा रहा है। कोशिश यह है कि हमारी यह समृद्ध विरासत भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित भी करती रहे और पर्यटन के रूप में रोजगार का साधन भी बने। उन्होंने कहा कि इस अमृत काल में हमें विरासत और विकास को साथ लेकर चलना होगा। पंजाब की धरती हमें हमेशा-हमेशा से इसकी प्रेरणा देती रही है। आज यह जरूरी है कि पंजाब हर स्तर पर प्रगति करे। हमारा देश चारों दिशाओं में प्रगति करे, इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सब का प्रयास की भावना के साथ साथ हम काम करते हैं।

समारोह में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर ने जलियांवाला बाग की एतिहासिकता के बारे में बताया। कैप्टन ने कहा की आज बहुत ही खुशी का दिन है कि बाग का रिनोवेशन कर इसे देश को समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग के इतिहास के बारे में हर कोई जानता है, मगर कितने लोग शहीद हुए उनकी पूरी लिस्ट नहीं है, इसलिए इस काम के लिए जीएनडीयू की ओर से रिसर्च की जा रही है। इस बारे में पता करने के लिए गांव-गांव में घूमा जा रहा है। उन्होंने शहीद ऊधम सिंह के बारे में बताया कि किस तरह उन्होंने बाग के नरसंगार का बदला लिया था। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी से अपील कि शहीद ऊधम सिंह की डायरी और पिस्तौल को भारत लाया जाए।

समारोह में पहुंचे जलियांवाला बाग के शहीद सरदार ठाकुर सिंह के पोते दलबीर सिंह, शहीद सुंदर सिंह के पोते हरप्रीत सिंह सहित अन्य शहीदों के स्वजन भी शामिल हैं। हरप्रीत सिंह ने कहा कि जलियांवाला बाग का रिनोवेशन बहुत ही सराहनीय है। 
उल्लेखनीय जलियावाला बाग के द्वार 14 माह बाद खुले हैं।  20 करोड़ की लागत से जलियांवाला बाग का सौंदर्यीकरण किया गया है। उद्घाटन के बाद लाइट एंड साउंड कार्यक्रम हुआ। इससे जलियांवाला बाग जगमगा गया। शहीद स्थली की आभा देखते ही बन रही है।जलियांवाला बाग-लाइट एंड साउंड के साथ एक डिजिटल डाक्यूमेंट्री तैयार की गई है, ताकि लोगों को जलियांवाला बाग नरसंहार के बारे में पूरी जानकारी मिल सके। यहां पर 80 लोगों के बैठने की क्षमता है।शहीदी कुएं को रेनोवेट किया गया है। कुएं के इर्द-गिर्द गैलरी बनाई गई है। इससे कुएं को गहराई तक देखा जा सकता है। सभी गैलरियों को पूरी तरह से एसी किया गया है।जिस दीवार पर गोलियों के निशान लगे थे, उन्हें इस तरह सुरक्षित किया गया है, ताकि आने वाले कई सौ सालों तक इनको क्षति न पहुंचे।जिस गली से अंग्रेज जलियांवाला बाग के अंदर घुसे थे, वहां पर शहीदों की प्रतिमाएं बनाई गई हैं, ताकि बाग में जाने वाले लोगों को शहादत के बारे में पता चल सके।सेकेंड फेज में पाथ वे बनाया जायेगा।