Niraj Singh Murder Case Dhanbad: धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह मर्डर केस में संजीव सिंह बाईज्जत बरी

धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह मर्डर केस में कोर्ट ने संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को बाईज्जत बरी कर दिया है। आठ साल पांच माह पांच दिन बाद आये इस फैसले से सिंह मेशन घराना को बड़ी राहत मिली है।

Niraj Singh Murder Case Dhanbad: धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह मर्डर केस में संजीव सिंह बाईज्जत बरी
संजीव के साथ एडवोकेट जावेद (फाइल फोटो)।
  • बचाव पक्ष की दलील पर कोर्ट की मुहर
  • आठ साल पांच माह पांच दिन बाद आया बड़ा फैसला
  • सभी आरोपी दोषमुक्त घोषित
  • एफआइआर, पुलिस इन्विस्टीगेशन व गवाहों के बयान में साजिश 
  • एक्स एमएलए व शूटर समेत 10 आरोपी रिहा किये गये

धनबाद। कोयला रााजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में एमपी-एमएलए कोर्ट बुधवार 27 अगस्त को एतिहासिक फैसला सुनाया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज डीसी अवस्थी की कोर्ट ने झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत 10 आरोपियों को बाईज्जत बरी कर दिया है। अब बचाव पक्ष मामले में केस आईओ रहे तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी व सरकारी वकील के खिला्फ जाली दस्तावेज प्रस्तुत करने के मामले में कोर्ट से कार्रवाई का आग्रह किया है। 
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10 लोगों के खिलाफ चला ट्रायल, सभी दोषमुक्त हुए
एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज डीसी अवस्थी की कोर्ट ने 593 पेज में अपना जजमेंट दिया है। इसमें झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह, उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर के शूटर अमन सिंह, सुल्तानपुर के कुर्बान अली उर्फ सोनू, बलिया के चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश और सुल्तानपुर के शिबू उर्फ सागर सिंह के साथ के साथ शूटरों को धनबाद बुलाने के आरोपी यूपी के सुल्तानपुर लंभुआ के पंकज सिंह, समस्तीपुर के राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, नीरज सिंह की रेकी करने वाला झरिया घनुडीह निवासी विनोद सिंह, सरायढेला के रणवीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और झरिया माडा कॉलोनी निवासी स्वर्गीय रंजय सिंह के भाई संजय सिंह को बरी कर दिया है। इस केस के एक आरोपित यूपी के डॉन रहे दिवंगत मुन्ना बजरंगी के शार्प शूटर प्रयागराज निवासी धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह के खिलाफ अभी अलग से ट्रायल चल रहा है। वही एक अन्य आरोपी गैंगस्टर अमन सिंह की धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को मर्डर कर दी गयी थी।

आठ साल पांच माह पांच दिन बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया
आठ साल पांच माह पांच दिन बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया है। आठ साल तक 408 तारीखों पर सुनवाई हुई। इसके बाद 27 अगस्त 2025 को कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाया।  49 तारीख और 22 महीने के बाद तीन जनवरी 2019 को आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया गया। अभियोजन की ओर से 106 तारीख के दौरान 74 में से 37 गवाह और साक्ष्य पेश किये। बचाव पक्ष की ओर से 86 तारीख में पांच लोगों की गवाही करायी गयी। 49 तारीख पर दोनों पक्षों के वकीलों की तरफ से बहस हुई।
सरेशाम चार लोगों की हुई थी मर्डर: पुलिस की कहानी को संजीव के खिलाफ साजिश साबित करने में सफल रहा बचाव पक्ष
सरायढेला स्टील गेट में 21 मार्च 2017 की शाम धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को बाईक सवार शूटरों ने गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। फॉर्च्यूनर में नीरज सिंह अपने ड्राईवर घोल्टू महतो के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू कालोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे।  सरायढेला के स्टील गेट के पास बने 15 स्पीड ब्रेकर के कारण फॉर्च्यूनर धीमी होते ही घात लगाये बाइक सवार हमलावरों ने गाड़ी को चारों ओर से घेर लिया। आधुनिक आर्म्स से हुई अंधाधुंध फायरिंग में 50 से अधिक गोलियां चली। नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गयी थी। 
21 मार्च की घटना व 23 मार्च को दर्ज हुई एफआइआर, सरायढेला में केस लेकिन चिरकुंडा थानेदार बने आईओ
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की लिखित कंपलेन पर 23 मार्च को संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 48/2017 के तहत एफआइआर दर्ज की गयी थी। पुलिस इंंस्पेक्टर सह सरायढेला पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अरविंद कुमार ने एफआइआर दर्ज कर सीनीयर अफसरों के आदेश पर केस का आईओ पुलिस इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी चिरकुंडा निरंजन तिवारी को बना दिया। एसएसपी ने सरायढेला थानेदार अरविंद कुमार को लाइन क्लोज कर चिरकुंडा थानेदार निरंजन तिवारी को सरायढेला थाना प्रभारी बना दिया। कोयलांचल के बहुचर्चित नीरज सिंह मर्डर केस का आईओ व सरायढेला थानेदार बनते ही पुलिस इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी का जिला पुलिस महकमे में कद काफी बढ़ गया। पुलिसिया लिखा-पढ़ी में कमजोर कहे जाने वाले इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी का खेल शुरु हो गया।
संजीव सिंह को फंसाने व आदित्य को प्रत्यक्षदर्शी गवाह साबित करने के लिए आईओ ने जाली एवीडेंस व दस्तावेज बनाया: एडवोकेट जावेद

झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह के एडवोकेट मो जावेद ने कहा है कि नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर मामले में संजीव सिंह को सााजिश के तहत फंसाया गया था। घटना के तीसरे दिन एफआइआर दर्ज करायी गयी। एफआइआर में संजीव सिंह को मौके ए वारदात पर दिखाया गया था। सराायढेला थाना में दर्ज केस का आईओ चिरकुंडा के थानेदार को बनाया गया। प्लानिंग के तहत आईओ को फिर सरायढेला थानेदार बनाया गया। घटनास्थल पर सराायढेला थाना के तत्कालीन थानेदार पुलिस इंस्पेक्टर अरविंद कुमार व पुलिस टीम साात बजे पहुंच गयी थी। नीरज सिंह के साथ फॉर्च्यूनर में पीछे की सीट परआदित्य राज को बैठा हुआ बताया गया। गोलीबारी में फॉर्च्यूनर सवार चार लोगों की मौत हो गयी। कहा गया कि जबकि आदित्य रााज बाल-बाल बच गया। आदित्य राज ने ही फोन कर रघुकुल में सूचना दी। आईओ निरंजन तिवारी जाली कॉल डिटेल बना कोर्ट में जमा कर दिया। कॉल डिटेल के अनुसार आदित्य राज का लोकेशन स्टील गेट दिखाया गया। संबंधित मोबााइल कंपनी के अधिकारी ने कोर्ट में बयान दिया कि पुलिस द्वारा जमा की गयी कॉल डिटेल व लोकेशन उनका नहीं है। कंपनी के अनुसार संबंधित मोबाइल का लोकेशन 21 मार्च 2017 को सरिया गिरिडीह में थे। एडवोकेट का दावा है कि संबंधित मोबााईल धारक आदित्य रााज नहीं है। 
एफआइआर के 24 दिन बाद तीन लोगों को प्रत्यक्षदर्शी गवाह बनाया गया
संजीव के एडवोकेट का दावा है कि एफआइआर के 24 दिन बाद तीन लोगों को प्रत्यक्षदर्शी गवाह बनाय गया। पुलिस तीनों गवाह का बयान रघुकुल में दर्ज की। निखिलेश, राकेश व अनिल तीनों रघुकुल के ही लोग थे। तीनो ने पुलिस को बताया कि वे लोग घटनास्थल व आसपास ही थे। फारचुनर में कथित रुप से पीछे बैठने वाले आदित्य राज फायरिंग में कैसे शूटरों को पहचान लिया। शूटरों का टीआई परेड कराया जाना भी गलत था। घटना, घटनास्थल पर पुलिस के पहुंचने, आदित्य राज द्वारा फोन कर रघुकुल में घटना की सूचना देने के समय भी काफी गड़बड़ी है। सेंट्रल हॉस्पिटल के इमरजेंसी में जख्मी नीरज सिंह समेत चार लोगों को ले जाने व कथित प्रत्यक्षदर्शी गवाह आदित्य राज का इलाज का कागज बनाने में गड़बड़ी उजागर हो गयी है। आदित्य के हाथ में जख्म गोली का नहीं था। नीरज समेत चार लोगों के इलााज के बाद छह सौ लोगों काा इमरजेंसी में इलाज दिखाया गया है। हॉस्पिटल के रिकार्ड में गड़बड़ी की गयी है। नीरज सिंह को बॉडी सेंट्रल हॉस्पिटल से 10.40 बजे रात को पीएमसीएच ले जाया गया। इस दौरान उनके बॉडी पर कपड़े नहीं थे। इस दौरान भी गड़बड़ी की गयी है।
2017 में हुई थी मर्डर, आठ साल चार माह बाद आया फैसला
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू कालोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी चारों तरफ से घेर फायरिंग करनी शुरु कर दिया । चारों तरफ से अत्याधुनिक आर्म्स से 70 से अधिक राउंड फायरिंग की गयी थी। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गयी थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गयी थी। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे। 
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की लिखित कंपलेन पर मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 48/2017 के तहत एफआइआर दर्ज की गयी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी, संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह,अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद है।धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।
राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि के पकड़े जाने के बाद मिले अहम सुराग
नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी। बेल होने से पहले तक संजीव सिह रांची के रिनपास में इलाजरत थे। 
केस के अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी पुलिस
पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी है। पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पायी है।