नई दिल्ली: सीनीयर कांग्रेस लीर मोतीलाल वोरा का निधन, 93 वर्ष की उम्र में दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पीटल मं ली अंतिम सांस

सीनीयर कांग्रेस लीडर मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया है। वोरा को रविवार रात को दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था। उन्होंने आज अंतिम सांस ली।

नई दिल्ली: सीनीयर कांग्रेस लीर मोतीलाल वोरा का निधन, 93 वर्ष की उम्र में दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पीटल मं ली अंतिम सांस

नई दिल्ली। सीनीयर कांग्रेस लीडर मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया है। वोरा को रविवार रात को दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया था। उन्होंने आज अंतिम सांस ली।
कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी, राहुल गांधी. पीएम नरेंद्र मोदी समेत अन्य नेत्ओं ने वोरा के निधन पर शोक जताया है।मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया। वह वर्ष 1968 में पॉलिटिक्स में इंट्री किया था। वोरा ने रविवार (20 दिसंबर) को ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था।

गांधी फैमिली के थे खास करीबी

मोतीलाल वोरा गांधी फैमिली के काफी करीबी थे। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वर्ष 2018 में ने बढ़ती उम्र के चलते वोरा से कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी वोरा से लेकर अहमद पटेल को दे दी थी। अहमद पटेल और वोरा भी गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते थे। बीते दिनों पटेल का भी निधन हो गया था। मोतीलाल वोरा लगभग  50 साल तक कांग्रेस के साथ जुड़े रहे।मोतीलाल वोरा का पॉलिटिकल करियर 1960 के दशक में समाजवादी विचारधारा वाली एक पार्टी के साथ शुरू हुआ था। वह कांग्रेस के साथ 1970 में जुड़े थे। उन्होंने कांग्रेस संगठन ओर गवर्नमेंट में कई अहम पद संभाले। विधानसभा, लोकसभा व राज्यसभा के मेंबर रहे।  कुछ विवादों में भी उनका नाम आया लेकिन गांधी परिवार से उनकी नजदीकीयां हमेशा बरकरार रही।
2004 में पीएम पद के वोरा ने ही खुलकर की थी राहुल गांधी को कैंडिडेट बनाने की वकालत 
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस जब पीएम पद के लिए चेहरा ढूंढ रही थी, तब वोरा ने ही खुलकर राहुल गांधी को कैंडिडेट बनाने की वकालत की थी। वोरा उन चंद नेताओं में थे जिनका मानना था कि राहुल गांधी को पूरी तरह से पार्टी की बागडोर दे दी जानी चाहिए। हालांकि, बाद में मनमोहन सिंह को पीएम बनाया गया था। 

सियासत में लंबे समय तक रहे एक्टिव

वर्ष 1970 में कांग्रेस में शामिल हुए वोरा 13 मार्च 1985 से 13 फरवरी 1988 तक और 25 जनवरी 1989 से 9 दिसंबर 1989 तक दो बार मध्य प्रदेश के सीएम रहे। वोरा साल 1972 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। बाद में साल 1977 और 1980 में एमएलए का चुनाव जीते। अर्जुन सिंह की कैबिनेट में उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी भी निभाई। वर्ष 1983 में उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया।

सच्चे कांग्रेसी थे वोरा: राहुल 
राहुल गांधी ने वोरा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। उनके निधन से भारी क्षति हुई है। वह हमें बहुत याद आएंगे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है। 
पीएम मोदी ने जताया शोक 

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि श्री मोतीलाल वोरा जी उन वरिष्ठतम कांग्रेसी नेताओं में से थे जिनके पास दशकों तक राजनीतिक कॅरियर में व्यापक प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव था। उनके निधन से बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी शोक संवेदना। ओम शांति... ।डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री मोतीलाल वोरा का निधन काफी दुःखद है। वे लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन में रहे और अनेक पदों पर उन्होंने काम किया। जब वे उत्तर प्रदेश के गवर्नर थे तब मुझे भी उन्हें करीब से जानने और समझने का मौका मिला। वे एक सौम्य एवं अनुभवी राजनेता के रूप में सभी दलों में सम्मान पाते थे। दुख की इस घड़ी में उनके शोकाकुल परिवार और उनके समर्थकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। ॐ शान्ति! 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस का हर नेता, हर एक कार्यकर्ता व्यक्तिगत रूप से दुखी है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे। 92 साल की उम्र में भी हर बैठक में उनकी मौजूदगी रही। हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए। आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं। हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे।