NEW Delhi: 'पंडाल के अंत में बैठने वाला आज चीफ गेस्ट बनकर यहां खड़ा है', AVBP के 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन में बोले अमित शाह

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन बुराड़ी स्थित डीडीए मैदान में गुरुवार से शुरू हो गया। सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह  शुक्रवार को अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन किया। पहले दिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, दत्ताजी डिडोलकर को समर्पित चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन और सामूहिक वंदे मातरम गान हुआ।

NEW Delhi: 'पंडाल के अंत में बैठने वाला आज चीफ गेस्ट बनकर यहां खड़ा है', AVBP के 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन में बोले अमित शाह
AVBP के अधिवेशन में बोलते अमित शाह।
  • एबीवीपी के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का हुआ शुभारंभ
  • पहले दिन दो प्रस्तावों के साथ चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन
  • सामूहिक वंदे मातरम गान का हुआ आयोजन

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन बुराड़ी स्थित डीडीए मैदान में गुरुवार से शुरू हो गया। सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह  शुक्रवार को अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन किया। पहले दिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, दत्ताजी डिडोलकर को समर्पित चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन और सामूहिक वंदे मातरम गान हुआ।
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चीफ गेस्ट के रूप में पहुंच भावुक हुए अमित शाह
होम मिनिस्टर अमित शाह अिने संबोधन की शुरुआत में वह बेहद भावुक नजर आये। उन्होंने कहा, 'मैं आज यहां राष्ट्रीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कितना गौरव महसूस कर रहा हूं, ये मैं आपको समझा नहीं पाऊंगा।'  'ये अनुभव वही व्यक्ति कर सकता है, जिसकी शुरुआत राजकोट अधिवेशन में पंडाल के अंत में बैठकर हुई है और वो आज मुख्य अतिथि बनकर यहां खड़ा है।'
अमित शाह ने कहा कि  एबीवीपी कार्यकर्ता ये संकल्प लें कि 2047 में भारत सर्वप्रथम होगा। ये आपकी जिम्मेदारी है। हमारी कई पीढ़ियां आजादी के संघर्ष में खप गईं, उनके सपनों का भारत बनाने की जिम्मेदारी युवाओं की है।देश का स्वर्णिम भविष्य युवाओं की राह देख रहा है।उन्होंने कहा कि घपले घोटाले की जगह नई नीतियों ने ले ली। देश के अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। लोगों को मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं। अनुच्छेद 370 खत्म, अब लाल चौक पर तिरंगा लहराने से कोई नहीं रोक सकता। पूर्वोत्तर में शांति की स्थापना पिछले 10 साल में पीएम मोदी की सरकार के कारण हुआ।
शाह नेकहा कि आने वाले दिनों में भारत को सर्वप्रथम होने से कोई नहीं रोक सकता। युवाओं ने युग परिवर्तन किया। एबीवीपी का रास्ता ज्ञान, शील, संकल्प का है और उसी रास्ते पर चलना है। अब भारत का समय है। इसे बनाना युवाओं काम है। पीएम मोदी लगातार देश के विकास को गति दे रहे हैं। इसमें युवाओं का भविष्य जुड़ा है। डिजिटल, एलईडी में भारत नंबर वन है। देश ने सबसे ज्यादा कोरोना रोधी टिके लगाये। अब स्टार्टअप को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई परिवर्तन किए। उन्होंने कहा कि आज देश में दो लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं, जिसमें से बहुत सारे छोटे शहरों में शुरू हुए हैं। रिसर्च में आवेदन 3000 से बढ़कर डेढ़ लाख हुए। शिक्षा सिर्फ कैरियर बनाने के लिए नहीं बल्कि देश के विकास के लिए है।
होम मिनिस्टर ने कहा कि कोई कल्पना नहीं कर सकता था की अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा। वसुधैव कुटुंबकम भारत का विचार और जी20 ने हमारे कूटनीतिक ध्वज को समस्त विश्व में लहराया। वेद हमारी शक्ति हैं। एबीवीपी राष्ट्र के पुनर्निर्माण का आंदोलन है। सारे युवा प्रण लें कि हर क्षेत्र में भारत प्रथम होगा। 22 जनवरी को सभी लोग राम लला का दर्शन करने जाएं।छात्र शक्ति राष्ट्र भक्ति और वंदे मातरम के नारे के साथ संबोधन समाप्त हुआ।
दो प्रस्ताव हुए पारित
गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद (एनईसी) की बैठक में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक पहल' और 'भारतीय स्व व स्वाभिमान का प्रतीक श्री राम मंदिर' शीर्षक पर प्रस्ताव पारित किए गए। अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री हुशियार सिंह मीणा और अंकिता पवार ने राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में दोनों प्रस्ताव रखे थे। एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा, एबीवीपी ने श्रीराम मंदिर व महिलाओं के सुरक्षा और संवर्धन जैसे विषयों से

संबंधित आंदोलनों का नेतृत्व किया है। जहां एक ओर राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लाए गए नारी शक्ति अधिनियम 2023 का पारित होना न केवल जन आकांक्षाओं की पूर्ति है, बल्कि महिला नेतृत्व विकसित करने की दृढ़ इच्छाशक्ति की परिणति है।

राम मंदिर को लेकर रखा गया प्रस्ताव
 श्री राम जन्मभूमि पर निर्मित हो रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होना भारत की पौराणिक व सांस्कृतिक धरोहर की पुनर्स्थापना के साथ ही विगत 500 वर्षों से चले आ रहे अनवरत संघर्ष की सफलता का प्रतीक है।

इस मौके पर एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही, राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत, गोविंद नायक, एस बालाकृष्ण, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश ठाकुर, मिलिंद मराठे आदि मौजूद रहे।

चित्रकला प्रदर्शनी में दिख रही राष्ट्रीय नायकों की गौरव गाथा
एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में संस्थापक सदस्य दत्ताजी डिडोलकर को समर्पित चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन हो गया। एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व महामंत्री रहे डा. राजकुमार भाटिया ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।आठ थीमों पर आधारित और नौ सेक्शन में बनाई गई प्रदर्शनी को देशभर के अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों के 200 छात्रों ने बनाया है। प्रदर्शनी में शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350 वीं वर्षगांठ पर उनकी शौर्यगाथा, विश्वगुरु भारत, स्वाधीनता का अमृत महोत्सव, अभाविप के विभिन्न आयामों और गतिविधियों द्वारा किए जा रहे कार्यों, बुराड़ी घाट पर दत्ताजी सिंधिया की हत्या, दिल्ली में हुए प्रमुख छात्र आंदोलन और एबीवीपी के 75वर्षों की ध्येय यात्रा को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। प्रदर्शनी में 160 कलाकृतियां लगाई गई हैं।

आठ हजार से अधिक छात्रों ने एक साथ गाया वंदे मातरम
अधिवेशन के शुभारंभ के मौके बृहस्पतिवार शाम को वंदे मातरम का सामूहिक गान हुआ। इसमें 8500 कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान 150 दृष्टिबाधित छात्रों ने तिरंगे की आकृति बनाकर सामूहिक वंदे मातरम गान का नेतृत्व किया। इस दौरान पूरे परिसर का माहौल देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत हो गया। इससे पहले एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजशरण शाही और राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने ध्वजारोहण किया।

हिंदवी स्वराज्य यात्रा दिल्ली पहुंची
एबीवीपी द्वारा शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में रायगड़ किले से शुरू की गई 'हिंदवी स्वराज्य यात्रा' बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंची, जिसका भव्य स्वागत कार्यक्रम स्थल पर किया गया। यात्रा के साथ उन स्थानों की मिट्टी कलश में भरकर कार्यकर्ता साथ लाए हैं, जहां शिवाजी महाराज का जुड़ाव रहा हे।इनमें शिवनेरी, इंदौर, आगरा आदि जगहों की मिट्टी शामिल है। बता दें कि बुराड़ी मैदान में अधिवेशन के लिए 50 एकड़ क्षेत्र में टेंट सिटी इंद्रप्रस्थ नगर के नाम से बसाई गई है। इसमें 12 टेंट नगर बनाये गये हैं। जहां छात्र और छात्राएं रुके हुए हैं। मुख्य सभागार को भव्य रूप दिया गया है। इसके अलावा मिट्टी से इंद्रप्रस्थ किला बनाया गया है। सुंदर आकृतियां पंडालों में लगी हैं, जो सभी का मन मोह रही हैं।