Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, उत्तर प्रदेश में हाईअलर्ट, धारा 144 लागू

उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन सजायाफ्ता मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। तीन दिनों से बीमार चल रहे माफिया मुख्तार को बांदा जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। इलाज के दौरान सजायाफ्ता मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है। 

Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, उत्तर प्रदेश में हाईअलर्ट, धारा 144 लागू
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)।
  • बांदा जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में कराये गये थे एडमिट
  • इलाज के दौरान गई मुख्तार की जान
  • बैरक में सोने से पहले आया था हार्ट अटैक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन सजायाफ्ता मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। तीन दिनों से बीमार चल रहे माफिया मुख्तार को बांदा जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। इलाज के दौरान सजायाफ्ता मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है। 
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बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत बृहस्पतिवार देर शाम फिर बिगड़ गई थी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की मौत पर अपना बयान जारी कर दिया है। उनकी मौत का का कारण कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) बताया गया है।मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुनील कौशल ने बताया कि रात लगभग 10 बजे एक्स एमएलए मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। अंसारी के भर्ती होने के तुरंत बाद अस्पताल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इससे पहले मंगलवार तड़के भी अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था, लेकिन देर शाम अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में निषेधाज्ञा
 मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।मऊ से पांच बार एमएलए रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई है। अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नई दिल्ली और कई अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित हैं। 
बताया जाता है कि बांदा जेल के बैरेक में गुरुवार शाम मुख्तार की तबीयत बिगड़ गयी। वो बैरक में अचानक बेहोश हो गये थे। जेल से  शाम लगभग 8.25 बजे उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मुख्तार अंसारी को दो दिन पहले 26 मार्च को भी तबीयत खराब होने के कारण मेडिकल कॉलेज लाया गया था. जहां से जांच के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया था। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर और बांदा में धारा 144 लगा दी गई है। बांदा मेडिकल कॉलेज परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहां पैरामिलिट्री फोर्स भी लगाई गई है। 
बैरक में सोने से पहले आया था हार्ट अटैक
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। सूचना मिली कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में नौ डॉक्टरों की टीम लगाई गई। हालांकि, मुख्तार की जान नहीं बच सकी।
आतंक के 'अध्याय' का अंत, पांच बार MLA रहा था मुख्तार
अपराध की दुनिया में दखल बढ़ाकर राजनीति के गलियारे तक पहुंचे माफिया मुख्तार अंसारी की मृत्यु के साथ आतंक के एक 'अध्याय' का भी अंत हो गया। जरायम के अखाड़े से लेकर कानूनी दांवपेंच का मास्टरमाइंड मुख्तार चार दशकों तक पुलिस के लिए ऐसी चुनौती बना रहा कि कोई गवाह-कोई साक्ष्य उसे सजा नहीं कर सका। जेल की सलाखों में रहकर भी मुख्तार अंसारी ने कई राजनीतिक दलों का इस्तेमाल अपने ढंग से किया। बाहुबल के दम पर कमजोर उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित कराई तो खुद भी माननीय बना। मुख्तार ने अपने व कुनबे के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए हर दांव चला। बसपा का दामन थामकर 1996 में पहली बार विधानसभा पहुंचा तो बाद में सपा का भी इस्तेमाल अपने ढ़ंग से किया।मुख्तार दो बार निर्दलीय उम्मीदवार रहकर भी विधानसभा चुनाव जीता। सपा-बसपा से दूरी होने पर अपनी पार्टी कौमी एकता दल बनाया। मुख्तार पांच बार विधायक बना।  बसपा के टिकट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से भी किस्मत आजमाई। हालांकि वह हार गया था। मुख्तार अंतिम बार बसपा के टिकट पर 2017 में विधानसभा पहुंचा था। अपने बाहुबल के बूते बड़े भाई अफजाल अंसारी को संसद तक पहुंचाया तो बड़े बेटे अब्बास अंसारी को भी विधायक बनाया।
मुख्तार के खिलाफ पहला मुकदमा 1986 में हुआ दर्ज
मुख्तार के विरुद्ध हत्या का पहला मुकदमा 1986 में दर्ज हुआ था, तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। मुख्तार पर तत्कालीन कांग्रेस नेताओं का भी हाथ रहा। प्रदेश में सरकारें तो बदलती रहीं, पर किसी ने बाहुबली मुख्तार के विरुद्ध कार्रवाई की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। कानूनी विशेषज्ञ कहते हैं कि मुख्तार उसके विरुद्ध दर्ज मुकदमों में कानूनी दांवपेंच के सहारे कोर्ट में आरोप तय कराने की प्रक्रिया को लटकवाने में माहिर रहा। वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 में विशेषकर बड़े अपराधियों के विरुद्ध कोर्ट में प्रभावी पैरवी का निर्देश दिया था। इसके बाद ही अभियोजन विभाग ने मुख्तार के विरुद्ध दर्ज मुकदमें में भी पैरवी तेज की थी। जबकि पूर्ववर्ती सरकारों में भले ही मुख्तार अंसारी जेल में रहा, पर उसका नेटवर्क कभी नहीं टूटा। कई संगीन अपराध ऐसे भी थे, जिनमें मुख्तार की भूमिका पर गहरा संदेह तो रहा पर कभी उसका नाम सामने नहीं आया। ऐसे कई संगीन मामलों के गहरे राज भी मुख्तार से दफन हो जाएंगे।
मुख्तार के साथ कई माफिया पर भी कसा शिकंजा
माफिया के विरुद्ध अभियान के तहत हुई कार्रवाई में मुख्तार अंसारी के अलावा विजय मिश्रा, अतीक अहमद (मृत), योगेश भदौड़ा, मुनीर, सलीम, रुस्तम, सोहराब, अजीत सिंह उर्फ हप्पू, आकाश जाट, सिंहराज भाटी, सुंदर भाटी, मुलायम यादव, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अमित कसाना, एजाज, अनिल दुजाना, याकूब कुरैशी, बच्चू यादव, रणदीप भाटी, संजय सिंह सिंघला, अनुपम दुबे, ऊधम सिंह व अन्य को कोर्ट से सजा सुनिश्चित कराई गई।

मुख्तार अंसारी के कुनबे पर भी हैं मुकदमे
पत्नी अफसा : मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी के विरुद्ध 11 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें धोखाधड़ी व गैंगेस्टर एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमे शामिल हैं। तीन मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। शेष में पुलिस कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है।

भाई सिबगतुल्ला: मुख्तार के बड़े भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्ला अंसारी के विरुद्ध तीन मुकदमे दर्ज हैं। इनमें जानलेवा हमले व शस्त्र अधिनियम के मामलों में वह दोषमुक्त हो चुके हैं। जबकि जानलेवा हमले के एक अन्य मामले में गाजीपुर पुलिस अंतिम रिपोर्ट लगा चुकी है।
भाई अफजाल:  अफजाल अंसारी के विरुद्ध सात मुकदमे दर्ज हैं। हत्या के एक मुकदमे की सीबीआइ जांच चल रही है। हत्या का एक मुकदमा खत्म कर दिया गया था।
पुत्र अब्बास:  मुख्तार के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी के विरुद्ध आठ मुकदमे दर्ज हैं। अब्बास की पत्नी निखत को बीते दिनों चित्रकूट पुलिस ने पकड़ा था। चित्रकूट जेल में वह अब्बास से गैरकानूनी ढ़ंग से मिलने जाती थी। निखत के विरुद्ध चित्रकूट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व आपराधिक षड्यंत्र समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
पुत्र उमर: उमर अंसारी के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं छह मुकदमे दर्ज हैं।
मोदी लहर होने के बावजूद 2017 में मुख्तार ने जीता था विधायक का चुनाव
मुख्तार अंसारी यूपी 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी लहर होने के बादजूद मुख्तार अंसारी ने जीत की कुर्सी अपने नाम की थी। बाहुबली मुख्तार अंसारी ने बीजेपी के सहयोगी दल के प्रत्याशी महेंद्र राजभर को 7464 मतों से करारी शिकस्त दी थी। महेंद्र भाजपा के सहयोगी दल भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार थे। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर दिया गया था।पहली बार मुख्तार अंसारी ने बसपा के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव जीता था। फिर जीत का सिलसिला जारी रहा। दो बार मुख्तार निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरा और जीता भी था।

भाइयों के साथ मिलकर बनाई थी कौमी एकता दल पार्टी
एक बार फिर 2007 में मुख्तार बसपा में शामिल हो गया। आपराधिक मामले सामने आऩे के बाद 2010 में बसपा ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था। इसी बाद मुख्तार अपने भाइयों के साथ मिलकर कौमी एकता दल का गठन किया। जिसके बाद साल 2012 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने कौमी एकता दल के टिकट पर मऊ सीट से जीत हांसिल की थी। मुख्तार अंसारी पर 65 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। उसकी शस्त्र लाइसेंस, गैंगेस्टर, मन्ना सिंह व गवाह हत्याकांड, विधायक निधि सहित की मामलों में एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी चल रही थीं। 
मुख्तार अंसारी का परिवार, बेटों पर केस और पत्नी पर भी इनाम
अतीक अहमद की पत्नी समेत बेटों पर भी केस दर्जहैं, उसी तरह मुख्तार अंसारी के बेटे भी वांछित हैं। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तरह ही मुख्तार अंसारी की वाइफा अफशां अंसारी भी फरार है। अवधेश राय की मुख्तार अंसारी और उनके गुर्गों ने वाराणसी में उनके घर के बाहर ही हत्या कर दी थी। इस दौरान उनके छोटे भाई अजय राय भी मौके पर मौजूद थे। इस मामले में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मुख्तार अंसारी और उसके परिवार की तुलना पिछले साल पुलिस सुरक्षा में मारे गये अतीक अहमद सेहो रही है। जिस तरह अतीक अहमद की पत्नी समेत बेटों पर भी केस दर्ज हैं, उसी तरह मुख्तार अंसारी के बेटे भी वांछित हैं।अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तरह ही मुख्तार अंसारी की वाइफा अफशां अंसारी भी फरार है। उसके ऊपर 75 हजार रुपये इनाम यूपी पुलिस ने घोषित कर रखा है। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर भी एक लाख रुपये का इनाम घोषित है।