मध्य प्रदेश: भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, डीएम से छीने कई न्यायिक अधिकार, पुलिस आयुक्त 

मध्य प्रदेश गवर्नमेंट भोपाल और इंदौर में गुरुवार से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है। अब दोनों शहरों में पुलिस के चीफ एसएसपी के स्थान पर पुलिस कमिश्नर होंगे, जिन्हें मजिस्ट्रियल पावर भी रहेगा। आइजी लेवल के अफसर को पुलिस कमिश्नर को बनाया जायेगा। होम डिपार्टमेंट ने गुरुवार को पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दी।

मध्य प्रदेश: भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, डीएम से छीने कई न्यायिक अधिकार, पुलिस आयुक्त 
  • अब दोनों शहरों में पुलिस के कैप्टन एसएसपी के स्थान पर पुलिस कमिश्नर होंगे

भोपाल। मध्य प्रदेश गवर्नमेंट भोपाल और इंदौर में गुरुवार से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है। अब दोनों शहरों में पुलिस के चीफ एसएसपी के स्थान पर पुलिस कमिश्नर होंगे, जिन्हें मजिस्ट्रियल पावर भी रहेगा। आइजी लेवल के अफसर को पुलिस कमिश्नर को बनाया जायेगा। होम डिपार्टमेंट ने गुरुवार को पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दी।

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भोपाल के पुलिस हेडक्वार्टर में  मीडिया से बात करते हुए होम मिनिस्टर डा. नरोत्तम मिश्रा ने यह घोषणा की। नरोत्तम मिश्रा ने इस प्रणाली से जुड़े मामलों के साथ इंदौर और भोपाल में कौन से पुलिस इसमें समाहित होंगे उनके बारे में जानकारी दी। इसमें भोपाल के 38 और इंदौर के 36 पुलिस पुलिस स्टेशन शामिल होंगे। अफसरों के बारे में एक दो दिन में होम डिपार्टमेंट आदेश जारी करेगा।

पुलिस कमिश्नर को रहेंगे मजिस्ट्रियल पावर
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश का 17वां स्टेटहै। इससे पहले देश के 77 शहरों में पुलिस को न्यायिक अधिकार (आयुक्त प्रणाली) मिल चुके हैं। भोपाल व इंदौर शहरों में पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रियल शक्तियां और कानून-व्यवस्था से जुड़े अन्य अधिकार दिये गये हैं।  ये कलेक्टर के पास होते हैं। धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली आदि निकालने के लिए अनुमति अब पुलिस कमिश्नर लेवल से दी जायेगी। पहले ये सारे अधिकार कार्यपालक दंडाधिकारी यानी तहसीलदार से लेकर अनुविभागीय दंडाधिकारी के पास थे। जिलाबदर, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई भी पुलिस करेगी। 

होम मिनिस्टर ने मीडिया से चर्चा में कहा कि आज का दिन पुलिस के लिए ऐतिहासिक है। पुलिस को वे सभी अधिकार दिए गए हैं, जो कानून-व्यवस्था की स्थिति को बरकरार रखने के लिए आवश्यक हैं। पुलिस को पैरोल पर छोड़ने, गैरकानूनी जहर या एसिड बेचने पर कार्रवाई करने, प्रतिबंधित संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियों से रोकने, वाहनों की गति को नियंत्रित करने सहित विभिन्न धाराओं में मजिस्ट्रियल शक्तियां दी गई हैं।

ये हुए बदलाव 

अब कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर लाठीचार्ज करने, शांति भंग होने की आशंका पर धारा 144 लागू करने या दंगे के हालात पर कर्फ्यू लगाने जैसे फैसले के लिए पुलिस को एसडीएम या कलेक्टर की अनुमति का इंताजर नहं करना होगा। पुलिस कमिश्नर मौके पर ही इसका निर्णय ले सकेंगे। नई व्यवस्था में पुलिस कमिश्नरके पास अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के सारे अधिकार होंगे।
मेट्रोपोलिटन एरिया घोषित
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए भोपाल और इंदौर के नगरीय थाना क्षेत्रों को मेट्रोपोलिटन एरिया घोषित किया गया है। भोपाल में 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी 18,86,100 और इंदौर में 21, 93, 664 है। भोपाल में 38 और इंदौर में 36 पुलिस स्टेशन पुलिस कमिश्नर के अंतर्गत आयेंगे।
भोपाल में 38 पुलिस स्टेशन
कोतवाली, तलैया, श्यामला हिल्स, शाहजहांनाबाद, कोहेफिजा, टीला जमालपुरुा, हनुमानगंज, मंगलवारा, गौतमनगर, निशातपुरा, गांधीनगर, खजूरी सड़क, छोला मंदिर, बैरागढ़, टीटी नगर, एमपी नगर, हबीबगंज, कमला नगर, शाहपुरा, कोलार रोड, अशोका गार्डन, मिसरोद, ऐशबाग, जहांगीराबाद, स्टेशन बजरिया, गोविंदपुरा, पिपलानी, बागसेवनिया, कटारा हिल्स, चूनाभट्टी, अवधपुरी, रातीबड़, अरेरा हिल्स, अयोध्या नगर, महिला थाना, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण थाना, यातायात और अपराध थाना।

ये पुलिस स्टेशन नहीं आयेंगे

बैरसिया, गुनगा, नजीराबाद, ईटखेड़ी, सूखी सेवनिया, बिलखिरिया, परवलिया सड़क।

इंदौर में 36 पुलिस स्टेशन

कोतवाली, एमजी रोड, तुकोगंज, संयोगितागंज, छोटी ग्वालटोली, पलासिया, विजय नगर, एमआइजी, लसूडि़या, खजरुाना, कनाडि़या, तिलकनगर, परदेशीपुरा, हीरा नगर, आजाद नगर, तेजाजी नगर, राऊ, बाणगंगा, जूनी इंदौर, रावजी बाजार, भंवरकुआं, सराफा, पंढरीनाथ, छत्रीपुरा, मल्हारगंज, सदर बाजार, एरोड्रम, अन्नपूर्णा, राजेन्द्र नगर, द्वारिकापुरी, चंदन नगर, गांधी नगर, महिला थाना, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण थाना, यातायात थाना, अपराध थाना।
ये पुलिस स्टेशन नहीं आयेंगे
महू, मानपुर, किशनगंज, बड़गोंदा, सिमरोल, खुड़ेल, सांवेर, चंद्रावतीगंज, हातौद, देपालपुर, गौतमपुरा, बेटमा, क्षिप्रा।
अधिनियमों में दिये गये अधिकार
पुलिस अधिनियम 1861: मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में पुलिस आयुक्त के अधीन पुलिस प्रशासन रहेगा। पुलिस आयुक्त पुलिस महानिदेशक के सामान्य नियंत्रण एवं परिवेक्षण में रहेंगे।
बंदी अधिनियम 1900: जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर और आपातकाल में पैरोल बोर्ड की अनुशंसा पर सशर्त छोड़ा जा सकेगा।

विष अधिनियम 1919: गैर कानूनी जहर या तेजाब रखने अथवा बेचने वालों की तलाशी पर से बरामद जहर या तेजाब जब्त किया जा सकेगा।

विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारुण अधिनियम 1967 : केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में उनकी गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
मोटर यान अधिनियम 1988 का 59 : वाहनों की पार्किग अथवा उनके रुकने के स्थान स्थानीय अधिकारियों से समन्वय करके निर्धारित किये जा सकेंगे। वाहनों की गति सीमा निर्धारित की जा सकेगी। लोक सुरक्षा के हित में या उनकी सहूलियत के लिए या किसी सड़क या पुल की स्थिति को देखते हुए वाहनों की अधिकतम गति निर्धारित करने के लिए उपयुक्त ट्रैफिक साइन लगाये जा सकेंगे। यातायात प्रतिबंधित करने या फिर सशर्त अनुमति दी जा सकेगी।