झारखंड: 55 घंटे बाद टाना भगतों का आंदोलन समाप्त, रेल परिचालन हुआ शुरू, CM हेमंत के साथ वार्ता

लातेहार के टोरी रेलवे ट्रैक पर बैठे टाना भगतों का आंदोलन 55 घंटे बाद समाप्त हो गया है। सीएम हेमंत सोरेन के दूत बनकर आये लातेहार एमएलए वैद्यनाथ राम और मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देशों के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई लगातार रणनीतियों के प्रयास से टाना भगतों का आंदोलन समाप्त हो सका है। 

झारखंड: 55 घंटे बाद टाना भगतों का आंदोलन समाप्त,  रेल परिचालन हुआ शुरू, CM हेमंत के साथ वार्ता
सीएम के साथ डेलीीगेशन की वार्ता।

रांची। लातेहार के टोरी रेलवे ट्रैक पर बैठे टाना भगतों का आंदोलन 55 घंटे बाद समाप्त हो गया है। सीएम हेमंत सोरेन के दूत बनकर आये लातेहार एमएलए वैद्यनाथ राम और मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देशों के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई लगातार रणनीतियों के प्रयास से टाना भगतों का आंदोलन समाप्त हो सका है। 

टाना भगतों की मांगों पर गवर्नमेंट जल्द निर्णय लेगी: सीएम हेमंत सोरेन

सीएम हेमन्त सोरेन से मुख्यमंत्री आवास में टाना भगत समुदाय के एक डेलीगेशन ने मुलाकात की। सीएम ने डेलीगेशन को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।सीएम के साथ टाना भगत समुदाय के डेलीगेशन की वार्ता सकारात्मक रही। डेलीगेशेन ने अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर सीएमको ज्ञापन सौंपा। वार्ता में लीएम ने कहा कि टाना भगत समुदाय के विभिन्न मांगों पर राज्य सरकार जल्द ही विधि सम्मत निर्णय लेगी। सीएम डेलीगेशन से कहा कि यह सरकार आपकी सरकार है। टाना भगत समुदाय राज्य के धरोहर हैं। टाना भगतों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। आपके हक और अधिकारों पर कोई भी सेंधमारी नहीं होने दी जाएगी। राज्य सरकार ना केवल आपकी समस्याओं को दूर करेगी बल्कि इस समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल पूरी तरह संतुष्ट हुआ।

जल्द मुख्यमंत्री पशुधन योजना प्रारंभ होगी
सीएम ने टाना भगत डेलीगेशन  से कहा कि जल्द ही राज्य सरकार मुख्यमंत्री पशुधन योजना की शुरुआत करेगी। मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत फेडरेशन बनाकर लोग पशुपालन का कार्य करेंगे। लोगों को आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। राज्य में अधिक से अधिक रोजगार का सृजन कैसे हो इस पर सरकार निरंतर गहन चिंतन कर रही है। रोजगार सृजन हेतु कई कार्यक्रम चलाए जाने पर विचार किया जा रहा है। सीएमने कहा कि झारखंड के प्राकृतिक संपदा का पूरा लाभ राज्यवासियों को मिले। यह सरकार की प्राथमिकता है। राज्य की संपदा का दुरुपयोग कोई और न कर सके, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। झारखंड के कोयले से देश और दुनिया रोशन हो रहा है फिर हमारा राज्य अंधेरे में कैसे रह सकता है? हमें अपने हक और अधिकार का पूरा हिस्सा मिलना चाहिए। राज्य के खनिज उत्खन्न में रैयतों को जमीन के बदले मुआवजा और नौकरी सुनिश्चित हो इस पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

विधानसभा सत्र के बाद मांगों पर किया जायेगा विचार

सीएम ने बताया कि आगामी विधानसभा सत्र के बाद आपकी मांगों और समस्याओं का निस्तारण किया जायेगा। टाना भगत समुदाय के वैसे बच्चे जो रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से पास आउट हुए हैं, उन्हें रोजगार से जोड़ने का कार्य सरकार करेगी। आपके बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए हॉस्टल इत्यादि की व्यवस्था करने पर सरकार काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टाना भगत समुदाय अपने ही परिवार के लोग हैं। विकास की डोर को आप तक पहुंचाना वर्तमान सरकार का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने टाना भगत समुदाय की समस्याओं के निस्तारण के लिए फोन से ही संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिया।

 मांगों पर विचार करने का आग्रह
 टाना भगत समुदाय द्वारा सीएम के समक्ष भूमि का पट्टा देने, लगान माफ करने, सीएनटी एक्ट को सख्ती से लागू करने, टाना भगत समुदाय के बच्चों को रोजगार से जोड़ने समेत विभिन्न मांग रखी गई। लातेहार एमएलए वैद्यनाथ राम ने डेलीगेशेन को सीएम के साथ वार्ता कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने टाना भगत समुदाय के विभिन्न समस्याओं से सीएम को अवगत कराया। डेलीगेशन में परमेश्वर टाना भगत, महावीर टाना भगत, बहादुर टाना भगत, दिगम्बर टाना भगत, नागेश्वर टाना भगत, रामधन टाना भगत, सरिता टाना भगत, दिनेश टाना भगत, उपेंद्र टाना भगत, मोतीलाल शाहदेव, शीत मोहन मुंडा, हरि कुमार भगत सहित अन्य उपस्थित थे।वार्ता  में सीएम हाउस में सीएम के साथ लातेहार एमएलए बैद्यनाथ राम भी उपस्थित थे।

सीएम के दूत बनकर रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे टाना भगत से वैद्यानाथ राम ने की बात,रेल परिचालन हुआ सामान्य


इसे पहले सीएम हेमंत सोरेन के दूत बनकर एमएलए वैद्यनाथ राम , डीसी जिशान कमर, एसपी प्रशांत आनंद, एसी आलोक शिकारी कच्छप, एसडीएम सागर कुमार, एसडीपीओ विरेन्द्र राम, सीओ मुमताज अंसारी, इंस्पेक्टर सह  थाना प्रभारी मदन कुमार शर्मा, आरपीएफ सहायक कमांडेंट योगेश यादव, आरपीएफ इंसपेक्टर केएन तिवारी, रौशन कुमार, जीआरपी, आरपीएसएफ और अन्य प्रशासनिक अफसरों  की टीम उनसे अनुनय-विनय करती रही। बावजूद आंदोलनकारी  हठधर्मिता अपनाए हुए थे।  भीड़ को आक्रोशित होता देख एमएलए और प्रशासन की बात टाना भगतों के समझ में आई।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टाना भगत समुदाय द्वारा छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1947 (धारा 145) टेनेन्सी एक्ट दफा 81, पारा ए के मुताबिक छोटानागपुर भूमि का मालिक एवं लगान पाने वाला टाना भगत खंड 1, 2, 3 उरांव मुंडा, खड़िया को लेकर तीन दिन से टोरी रेल ट्रैक पर बैठे थे। टाना भगतों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए एमएलए वैद्यनाथ राम और प्रशासन लगातार प्रयासरत रहा। एमएलए श्री राम  तीसरे दिन भी  सात घंटे तक लगातार आंदोलन स्थल पर जमे रहे। इस दौरान मान-मनौव्वल के बीच कई बार टाना भगतों ने आपस में वार्ता के लिए समय लिया। एमएलएऔर टीम के साथ कई बार आंदोलनकारियों के बीच नोंकझोंक की स्थिति बनती दिखी। अंतत: सीएम के साथ वार्ता के आश्वासन के बाद रेल ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारी मानें और 55 घंटे से टोरी रेल ट्रैक से टाना भगत हटे।  टाना भगतों के आंदोलन के समाप्त होने के कुछ देर बाद रेल परिचालन सामान्य हो गया। रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी ट्रेनें गंतव्य को रवाना हुई। 
क्या था मामला

अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टाना भगत समुदाय द्वारा छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1947 (धारा 145) टेनेन्सी एक्ट दफा 81, पारा ए के मुताबिक छोटानागपुर भूमि का मालिक एवं लगान पाने वाला टाना भगत खंड 1, 2, 3 उरांव मुंडा, खड़िया को लेकर आंदोलन निर्धारित किया गया था। प्रशासन द्वारा सजाये गये व्यूह को तोड़ते टाना भगतों ने दो सितम्बर की शाम लगभग साढ़े पांच बजे टोरी रेलवे क्रासिंग के समीप मालगाड़ियों को रोककर ट्रैक को जाम कर दिया था। टाना भगतों ने बताया था कि हाइ लेवल टाना भगत नेताओं द्वारा संबंधित विभाग के सीनीयर अफसरों को संबंधित सूचना प्रदान की गई थी।आजादी के 73 वर्ष बीतने के बावजूद केन्द्र व राज्य सरकार से हक और अधिकार के लिए आंदोलनरत रहने के बाद भी उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया।  कई जगहों पर उनके साथ जमीन संबंधी धोखाधड़ी, खनन संबंधी मामले, झूठा मुकदमा कर उनकी जमीन से उन्हें बेदखल करने की साजिश चलती रही। इन्हीं मांगों को लेकर टोरी जंक्शन में छोटानागपुर की सारी खनिज संपदाओं, खनन कार्य, रेल मालगाड़ी पूर्ण रूपेण स्थगित करने को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था।