झारखंड: BCKU विभाजन, रामगढ़ में 10वां अधिवशन में दो अलग-अलग कमेटी

बिहार कोलयरी कामगार यूनियन का 10वां अधिवशन माइंस रेस्क्यू स्टेशन रामगढ़ में रविवार को संपन्न हुआ। अधिवेश के बाद यूनियन का विभाजन हो गया। अधिवेशन में सीसीएल के मिथिलेश सिंह को बीसीकेयू का अध्यक्ष एवं निरसा के एक्स एमएलए अरूप चटर्जी को महामंत्री चुना गया। ईसकीकी घोषणा के तुरंत बाद ही असंतुष्ट खेमे की ओर से समानांतर कमेटी में मजदूर नतेा सुंदर लाल महतो को अध्यक्ष, सुरेश प्रसाद गुप्ता, कार्यकारी अध्यक्ष तथा मानस चटर्जी को महामंत्री बनाया गया है

झारखंड: BCKU विभाजन, रामगढ़ में 10वां अधिवशन में दो अलग-अलग कमेटी
  • एक गुट में मिथिलेश सिंह अध्यक्ष व अरुप चटर्जी महामंत्री
  • दूसरे गुट में सुदर लाल महतो अध्यक्ष व मानस चटर्जी महामंत्री
  • कोल बेल्ट में सीटू से संबद्ध है बिहार कोलियरी कामगार यूनियन

रांची। बिहार कोलयरी कामगार यूनियन का 10वां अधिवशन माइंस रेस्क्यू स्टेशन रामगढ़ में रविवार को संपन्न हुआ। अधिवेश के बाद यूनियन का विभाजन हो गया। अधिवेशन में सीसीएल के मिथिलेश सिंह को बीसीकेयू का अध्यक्ष एवं निरसा के एक्स एमएलए अरूप चटर्जी को महामंत्री चुना गया। ईसकीकी घोषणा के तुरंत बाद ही असंतुष्ट खेमे की ओर से समानांतर कमेटी में मजदूर नतेा सुंदर लाल महतो को अध्यक्ष, सुरेश प्रसाद गुप्ता, कार्यकारी अध्यक्ष तथा मानस चटर्जी को महामंत्री बनाया गया है।

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मिथिलेश सिंह गुट की ओर से कहा गया कि बीसीकेयू के दोनों पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से हुआ है। वैसे एक खेमे ने चयन का विरोध किया है। चुनाव में मासस एवं सीपीएम खेमे के बीच अंतर्विरोध खुलकर सामने आया है। अध्यक्ष एवं महामंत्री दोनों ही मासस से हैं। सीपीएम वालों ने चयन का विरोध किया है। कहा गया कि एके राय और एसके बख्शी जैसे नेताओं के जाने के बाद बीसीसीकेयू जैसी वामपंथी यूनियन दो फाड़ हो गई है।

सम्मेलन की अध्यक्षता मिथिलेश सिंह, हलधर महतो, हरि प्रसाद पप्पू एवं कार्तिक दत्ता ने की। चीफ गेस्ट व बीसीकेयू के केंद्रीय उपाध्यक्ष आनंद महतो थे। सम्मलेन में बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल एवं सेल से 214 प्रतिनिधि शामिल हुए। दो दिनों तक चले सम्मलेन में दस्तावेज पर प्रतिनिधियों ने चर्चा में भाग लिया। निजीकरण, कोयला उद्योग में विनिवेश, कोल इंडिया का पुनर्गठन, लेबर कोड, कोयले की कॉमशियल माइनिंग जैसे मुद्दे पर सरकार की नीतियों की मुखालफत की गई। 16 राजनितिक प्रस्ताव पारित किया गया। 
सम्मलेन में निताई महतो, एमएल पाल, प्रह्लाद महतो, सबूर गोराईं, रामलाल, शेख रहीम, नागेंद्र वर्मा, जेके झा, सुभाष सिंह, निरंजन महतो, याकूब अंसारी, सत्यनारायण सिंह, अशोक दसौंधी, मुकुंद महतो, देवीलाल महतो, जगदीश रवानी, बसंत कुमार, धनेश्वर तुरी, संजय कुमार शर्मा, जंग बहादुर सिंह, अर्जुन सिंह, इरफ़ान खान, गौतम बनर्जी, रवींद्र सिंह, भूषण महतो आदि उपस्थित थे।

समानांतर कमेटी में सीपीएम से जुड़े वामपंथी

बिहार कोलियरी कामगार यूनियन की  35 सदस्यीय समानांतर कमेटी का गठन किया गया। इसमें वरिष्ठ सुंदर लाल महतो को अध्यक्ष, सुरेश प्रसाद गुप्ता, कार्यकारी अध्यक्ष, तथा मानस चटर्जी को महासचिव बनाया गया है। मानस चटर्जी ने कहा कोयला खदानों को निजी हाथों में जाने से बचाने के लिए,बीसीसीएल एवं इसीएल को कोल इंडिया से अलग करने के खिलाफ़,विनिेवेश,ठेका मजदूरों जैसे मुद्दे पर संघर्ष किया जाएगा। उन्होंने समानांतर कमेटी को ही बीसीकेयू का असली कमेटी बताया है।

अब  बीसीकेयू (सीपीएम) और बीसीकेयू (मासस)

बताया जाता है कि बिहार कोलियरी कामगार यूनियन अब  बीसीकेयू (सीपीएम) और बीसीकेयू (मासस) के नाम से जानी जायेग।  प्रख्यात चिंतक व राजनीतिक संत एक्स एमपी  एके राय ने एफसीआई सिंदरी से नौकरी छोड़ कर मजदूरों को शोषण मुक्त कराने के लिए बिहार कोलियरी  कामगार यूनियन की स्थापना 70 के दशक में की थी। शिमलाबहाल कोलियरी में माफिया के द्वारा मजदूरों का शोषण देख एके राय विचलित होकर एक दिन मीटिंग बुलाई।  इस मीटिंग में उस समय के दिग्गज बिनोद बिहारी महतो, मुकुट धारी सिंह, एसके बक्शी , जमुना सहाय, राजनंदन प्रसाद, रामदेव सिंह समेत कई मजदूर नेता शामिल हुए। बताया जाता है  कि जमुना सहाय ने मजदूर संगठन के गठन का विरोध किया। उनका कहना था कि पहले से ही जनवादी मजदूर संगठन चल रहा है तो दूसरे संगठन की कोई जरूरत नहीं है।  बिनोद बिहारी महतो ने जमुना सहाय का विरोध किया।मजदूर संगठन के गठन का समर्थन किया।  कई घंटों तक चली बैठक के बाद बिहार कोलियरी कामगार यूनियन का गठन हुआ। हालांकि हालांकि, मीटिंग से कुछ लोग निकल भी गये थे। उस समय संगठन का नारा था - स्वभिमान और चरित्र निर्माण। इस संगठन में मासस, सीपीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा की लीडर पदाधिकारी थे।
 
बीसीकेयू में सीपीएम, जेएमएम व मासस के लीडर होते थे पदाधिकारी
बीसीकेयू में मासस, सीपीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा के लीडर पदाधिकारी होते थे। हालांकि बाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपना एक अलग मजदूर संगठन बना लिया। एक्स एमपी एके राय और एसके बख्शी जब तक जीवित रहे। अध्यक्ष -महासचिव का पद संभालते रहे। राय मासस तो बख्सी सीपीएम से थे।  दोनों अलग-अलग पार्टी में थे पर यूनियन में एक साथ होते थे। एसके बक्शी निरसा से मासस उमीदवार स्वर्गीय गुरुदास चटर्जी के खिलाफ विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे। तब गुरुदास चटर्जी बीसीकेयू के एरिया सचिव व बक्सी बीसीकेयू के महासचिव हुआ करते थे। जुलाई 2019 को कॉमरेड राय का निधन हुआ, हालांकि वे 2014 से बीमार चल रहे थे। बीसीकेयू के  2017 कि अधिवेशन में कॉमरेड बक्सी को महासचिव के बजाय अध्यक्ष बनाया गया था। यूनियन के स्थापना काल से 2017 तक वे महासचिव रहे। 18 अप्रैल, 2021 को कॉमरेड बक्सी का निधन हो गया। जब तक कॉमरेड राय और कॉमरेड बक्सी जीवित रहे तब तक सीपीएम एवं मासस एक साथ रहे।