झारखंड: हेमंत व बसंत की सदस्यता रद होने पर कौन बनेगा CM, निशिकांत का ट्वीट भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी

माइनिंग लीज व शेल कंपनी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले व मानिंग लीज मामले में निर्वाचन आयोग के फैसले का बड़ा असर झारखंड की पॉलिटिक्स में होने की संभावना है। भारत निर्वाचन आयोग में सीएम हेमंत सोरेन और उनके भाई एमएलए बसंत सोरेन के खिलाफ चल रहा मामला है। वहींं बीजेपी एमपी निशिकांत दूबे ने ट्वीट फिर ट्वीट कर सनसनी फैला दी है।

झारखंड: हेमंत व बसंत की सदस्यता रद होने पर कौन बनेगा CM, निशिकांत का ट्वीट भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी
  • शिबू सोरेन या चंपई सोरेन हो सकतें हैं सीएम

रांची। माइनिंग लीज व शेल कंपनी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले व मानिंग लीज मामले में निर्वाचन आयोग के फैसले का बड़ा असर झारखंड की पॉलिटिक्स में होने की संभावना है। भारत निर्वाचन आयोग में सीएम हेमंत सोरेन और उनके भाई एमएलए बसंत सोरेन के खिलाफ चल रहा मामला है। वहींं बीजेपी एमपी निशिकांत दूबे ने ट्वीट फिर ट्वीट कर सनसनी फैला दी है। 

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बीजेपी ने हेमंत व बसंत ने दोनों के खिलाफ अलग-अलग शिकायत गवर्नर रमेश बैस के समक्ष की थी।। हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने सीएम व माइनिंग मिनिस्टर पोस्ट पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में स्टोन माइंस लीज आवंटित कराया। बीजेपी का दावा है कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है, लिहाजा उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त की जाए। बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत में निर्वाचन आयोग से एक माइनिंग कंपनी में पाटर्नर होने संबंधी तथ्य छिपाने का आरोप है। इसपर गवर्नर ने निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा तो आयोग ने नोटिस भेजकर जवाब तलब किया। 
चुनाव आयोग में हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रहे मामले में बहस पूरी हो गई है। इसमें अब निर्णय आना बाकी है। आयोग का फैसला अगर इनके पक्ष में आता है तो बड़ी राहत होगी, लेकिन प्रतिकूल फैसला आने पर भारी उलटफेर की गुंजाइश है। हेमंत के खिलाफ निर्णय जाने पर नये सीएम की तलाश शुरु होगी। यह जेएमएम व हेमंत के लिए परीक्षा की घड़ी होगी। 

शिबू सोरेन के नाम पर बन सकती है सहमति

हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही सरकार को विधानसभा में पर्याप्त बहुमत है।  लेकिन हेमंत विधानसभा की सदस्यता समाप्त होने की स्थिति में विकल्प खुले हैं। ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन सीएम पोस्ट के स्वाभाविक पसंद हो सकते हैं। गुरुजी के नाम पर जेएमएम के साथ-साथ कांग्रेस को भी कोई आपत्ति नहीं होगी। फिलहाल वे राज्यसभा के सदस्य हैं। छह माह के भीतर उन्हें विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी होगी।
कल्पना सोरेन के नाम पर बढ़ सकता विवाद
वहीं राजनीतिक गलियारे में हेमंत सोरेन की वाइफ कल्पना सोरेन का नाम भी चल रहा है। लेकिन इससे सोरेन परिवार में विवाद पैदा हो सकता है। हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन जामा से पार्टी की एमएलए हैं। फिलहाल उन्होंने अपने तेवर नरम कर रखे हैं, लेकिन हेमंत द्वारा अपनी वाइफ को आगे किए जाने की स्थिति में वह आपत्ति जता सकती हैं।
सोरेन फैमिली से बाहर चंपई सोरेन हो सकते सीएम
सोरेन फैमिली से बाहर देखा जाए तो सीनीयर मिनिस्टर चंपई सोरेन और जोबा मांझी भी विकल्प हो सकते हैं। हेमंत के अयोग्य घोषित किए जाने पर बरहेट विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की नौबत आयेगी। उधर, प्रतिकूल फैसला आने पर हेमंत सोरेन के भाई दुमका एमएलए बसंत सोरेन की भी मुश्किलें बढ़ेगी। हेमंत सोरेन द्वारा सीट छोड़ने के बाद दुमका विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में उन्होंने नजदीकी अंतर से जीत हासिल की थी। ऐसे में यहां भी उपचुनाव की नौबत आयेगी। हालांकि ये तमाम बातें राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करती है।

निशिकांत ने किया ट्वीट भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी

झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी,परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्ख़ा गरीब के लिए। सीएम हेमंत सोरेन से विरोधी निशिकांत लगातर ट्वीट कर झारखंजड मेंं संभावित राजनीतिक बदलाव की ओर से इशारा कर रहे हैं।