झारखंड: निशिकांत दूबे ने सीएम हेमंत सोरेन पर फोड़ा ट्विटर बम, कहा- माया मिली न राम, अब बचाइएअपना प्राण...

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के धुर राजनीतिक विरोधी बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे ने ट्विटर पर मंगलवार को फिर एक बम फोड़ा है। बीजेपी एमपी ने कहा है कि झारखंड सरकार और हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट के दो याचिकाएं वैध ठहराने के फैसले के खिलाफ जल्‍द सुनवाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है।

झारखंड: निशिकांत दूबे ने सीएम हेमंत सोरेन पर फोड़ा ट्विटर बम, कहा- माया मिली न राम, अब बचाइएअपना प्राण...

  • झारखंड सरकार और हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ जल्‍द सुनवाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका

रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के धुर राजनीतिक विरोधी बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दूबे ने ट्विटर पर मंगलवार को फिर एक बम फोड़ा है। बीजेपी एमपी ने कहा है कि झारखंड सरकार और हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट के दो याचिकाएं वैध ठहराने के फैसले के खिलाफ जल्‍द सुनवाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है।

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निशिकांत ने ट्वीट किया- झारखंड सरकार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, उनके सभी चमचों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। जल्द सुनवाई की उनकी मांग माननीय न्यायालय ने नहीं मानी। अब तो जो होगा सो 17 तारीख को माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड में ही होगा। कोरोना, चुनाव, बीमारी सब का समय तो मिल ही गया, माया मिली ना राम, अब बचाइए अपना प्राण...।

झारखंड के मुख्यमंत्री के वकील को कोरोना हो गया,देश में उस वकील से ज़्यादा कोई काबिल वकील नहीं है,इसलिए चुनाव आयोग से अपनी सदस्यता बचाने के लिए समय की गुहार की।चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री के लटके झटकों से परेशान होकर आख़िर दिन 28 जून का समय मुक़र्रर किया ।समय सीमा समाप्त?

— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 14, 2022

एक अन्य ट्वीट में निशिकांत दूबे ने हेमंत सोरेन पर फिर से निशाना साधा। लिखा- झारखंड के मुख्यमंत्रीके वकील को कोरोना हो गया। देश में उस वकील से ज्‍यादा कोई काबिल वकील नहीं है। इसलिए चुनाव आयोग से अपनी सदस्यता बचाने के लिए समय की गुहार की। चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री के लटके-झटकों से परेशान होकर आखि‍री दिन 28 जून का समय मुकर्रर किया। समय सीमा समाप्त?

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य मानने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली प्रदेश सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की गई है। झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अपनी याचिका का जिक्र करते हुए कोर्ट से जल्दसुनवाई करने का आग्रह किया। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा कि वह याचिका को सूचीबद्ध कराने के संबंध मेंरजिस्ट्री से संपर्क करें क्योंकि याचिका किस बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए लगेगी यह चीफ जस्टिस ही तयकरेंगे।

हेमंत सोरेन के खिलाफ CBIजांच संबंधी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

झारखंड सरकार की ओर से मंगलवार को पेश एडवोकेट ने जस्टिस एएस बोपन्ना और विक्रमनाथ की बेंच के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर जल्दी सुनवाई की मांग की। बेंच ने कहा कि वह याचिका का ब्योरा मेंशनिंग रजिस्ट्रार को दे दें। रजिस्ट्री याचिका की लिस्टिंग के बारे में चीफ जस्टिस से निर्देश ले लेगी। बेंट ने कहा कि अभी दो अवकाशकालीन पीठ बैठ रही हैं। ऐसे में यह मामला किस बेंच के समक्ष सुनवाई पर लगेगा यह सीजेआइ ही तय करेंगे। एडवोकेट ने कहा कि मामले पर जल्दी सुनवाई की जरूरत है क्योंकि हाई कोर्ट को यह बताया गया था कि जनहित याचिका को सुनवाई योग्य माने जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में वचुनौती दी गई है इसके बावजूद हाई कोर्ट ने मामले को 17 जून को सुनवाई पर लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने झारखंड सरकार से कहा कि वह यह बात भी रजिस्ट्री को बताएं।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लंबित है जिसमें झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर माइंस लीज मामले में अनियमितताओं के आरोप लगाये गये हैं। मामले की स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआइ आदि से जांच कराने की मांग की गई है। गत 24 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई पर राज्य सरकार द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि हाई कोर्ट याचिका की मेरिट पर विचार करने से पहले उसकी सुनवाई योग्यता यानी याचिका की पोषणीयता पर सुनवाई कर आदेश दे। हाई कोर्ट ने गत तीन जून को दिए आदेश में जनहित याचिका को सुनवाई योग्य माना था। हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिका को सुनवाई योग्यता के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता। झारखंड सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश क खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। जिस पर राज्य सरकार जल्दी सुनवाई चाहती है।