Jharkhand Liquor Scam:नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह का वारंट जारी, कभी भी हो सकती है अरेस्टिंग
झारखंड में शराब घोटाला की जांच कर रही एसीबी ने IAS अफसर विनय चौबे के करीबी और रांची के चर्चित ऑटो मोबाइल बिजनसमैन विनय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट ले लिया है। कांड संख्या 9/2025 की जांच कर रहे अफसर ने ACB के विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से कोर्ट में विनय सिंह के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट मांगने के लिए आवेदन दिया था।

रांची। झारखंड में शराब घोटाला की जांच कर रही एसीबी ने IAS अफसर विनय चौबे के करीबी और रांची के चर्चित ऑटो मोबाइल बिजनसमैन विनय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट ले लिया है। कांड संख्या 9/2025 की जांच कर रहे अफसर ने ACB के विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से कोर्ट में विनय सिंह के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट मांगने के लिए आवेदन दिया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए वारंट जारी कर दिया है।
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ACB कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद विनय सिंह की मुश्किलें बढ़ गयी है। क्योंकि अब ACB को विनय सिंह की तलाश है। अब विनय सिंह के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। दरअसल शराब घोटाला की अब तक की जांच में एसीबी ने विनय सिंह को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन अब तक विनय सिंह एसीबी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। जिसके बाद अब एजेंसी ने विनय सिंह के विरुद्ध वारंट मांगा। विनय सिंह ऑटो मोबाइल विक्रेता कंपनी नेक्सजेन के मालिक हैं। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ से जुड़े शराब घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने भी विनय सिंह के ठिकानों पर रेड की थी।
झारखंड में एसीबी शराब घोटाला की जांच कर रही है। एसीबी ने अब तक की जांच में राज्य के वरीय IAS अफसर विनय चौबे उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत अन्य अफसरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अब तक इस केस में कुल पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। विनय चौबे के विरुद्ध आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का मामला दर्ज कर भी जांच की जा रही है।
निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे के करीबी पर गिरी गाज, एसीबी ने कोर्ट से लिया गिरफ्तारी वारंट
HIGHLIGHTS
शराब घोटाले में विनय कुमार सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार
एसीबी ने कोर्ट से लिया गिरफ्तारी वारंट
काले धन को निवेश करने का है आरोप
राज्य ब्यूरो, रांची। शराब घोटाला केस में गिरफ्तार निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के सहयोगी ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय कुमार सिंह भी गिरफ्तार होंगे। वे नेक्सजेन कंपनी के मालिक हैं। पूरे मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने विनय कुमार सिंह को पूछताछ के लिए दो-दो बार समन किया, लेकिन वे एसीबी के सामने उपस्थित नहीं हुए।
इसके बाद ही एसीबी ने कोर्ट से विनय कुमार सिंह का गिरफ्तारी वारंट लिया है। एसीबी ने नौ जून को ही विनय कुमार सिंह का गिरफ्तारी वारंट लिया है और उसके बाद से ही उनकी तलाश चल रही है। बताया जा रहा है कि जल्द ही एसीबी उन्हें गिरफ्तार करेगी।
एसीबी के केस, समन के विरुद्ध कारोबारी विनय कुमार सिंह ने भी रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका पर 10 जून को कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई थी, जिसमें अदालत ने एसीबी से केस डायरी मांगा है। अब इस मामले में जमानत याचिका पर 20 जून को सुनवाई होनी है।
कारोबारी विनय कुमार सिंह पर आरोप
ऑटोमोबाइल बिजनसमैन विनय कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व में अरेस्ट सस्पेंड आईएएस अफसर विनय कुमार चौबे के ब्लैक मनाी का निवेश किया। आरोप है कि शराब घोटाला मामले में विनय कुमार चौबे के माध्यम से अवैध तरीके से अर्जित धन को विनय कुमार सिंह ने निवेश किया है। एसीबी को भी अकाउंट के विश्लेषण में इससे संबंधित इनपुट मिले हैं, जिसके आधार पर ही उनसे एसीबी पूछताछ करना चाहती थी।
शराब घोटाला केस में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने भी विनय कुमार सिंह के ठिकानों पर पूर्व में छापेमारी की थी और आईएएस विनय कुमार चौबे से उनके रिश्तों को उजागर किया था। ईडी ने जांच के क्रम में यह भी खुलासा किया है कि विनय चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता विनय कुमार सिंह की कंपनी नेक्सजेन में कंस्ल्टेंट के रूप में काम की और इसके एवज में विनय सिंह ने छह साल के भीतर उनके खाते में 1.26 करोड़ का भुगतान भी किया था।
अब तक पांच आरोपितों को एसीबी भेज चुकी है जेल
शराब घोटाला केस में एसीबी अब तक पांच आरोपितों को जेल भेज चुकी है। इन आरोपितों में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह, महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सह अभियान सुधीर कुमार तथा प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह शामिल हैं।
आरोपित अधिकारियों पर अपने पद का दुरुपयोग कर अपने चहेते अयोग्य प्लेसमेंट एजेंसियों को मैनपावर आपूर्ति का ठेका देने का आरोप है। आरोप है कि फर्जी बैंक गारंटी पर दो प्लेसमेंट एजेंसियों मार्शन व विजन ने ठेका लिया, जिससे सरकार को करीब 38 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। एसीबी पूरे मामले की जांच कर रही है।
विनय कुमार चौबे की आय से अधिक संपत्ति भी जांच रही है एसीबी
एसीबी ने अब अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सह झारखंड विबरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू कर दी है। एसीबी ने इसके लिए अलग से प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है। एसीबी आय से अधिक संपत्ति का आकलन करने के लिए विनय कुमार चौबे के वैध स्रोतों से होने वाली आय व उस चेक पीरियड में व्यय का पता लगा रही है। इससे यह पता चल सकेगा कि उन्होंने आय से कितनी अधिक की संपत्ति अर्जित की है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर उन्होंने कहां-कहां निवेश किया है।